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Surajkund Mela: सूरजकुंड मेले मे दी जा रही कानूनी जानकारी, लड़कियों को अधिकारों के प्रति किया जागरूक

Updated Mar 29, 2022 | 21:49 IST

Surajkund Mela: हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने 35वें अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में आम जनता को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए एक स्टॉल भी लगाया है

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सूरजकुंड मेले में दी जा रही पर्यटकों को कानूनी जानकारी
मुख्य बातें
  • आम जनता को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए 4 अप्रैल तक चालू रहेगा स्टॉल
  • कानूनी अधिकारों की जानकारी देने के लिए स्टाल पर पैनल वकील वालंटियर्स उपलब्ध
  • हालसा द्वारा स्थापित स्टाल की थीम “बालिका” लड़कियों को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति कर रहा जागरूक

Surajkund Mela: 35वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला भारतीय लोक परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत को मनाने के लिए एक कारगर माध्यम साबित हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला पखवाड़े के दौरान लाखों की संख्या में आगंतुकों को आकर्षित कर रहा है, जिसमें हजारों विदेशी आगंतुक भी शामिल हैं। सूरजकुंड मेला दुनिया का सबसे बड़ा शिल्प मेला है जो भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक ताने-बाने की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करता है।

गत दिवस सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश-सह-कार्यकारी अध्यक्ष उदय उमेश ललित (राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण) की पत्नी अमिता उदय उमेश ललित ने सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में हालसा द्वारा स्थापित स्टॉल का दौरा किया और कानूनी सहायता की उपलब्धता के बारे में जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक कानूनी मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए टीम को प्रोत्साहित किया। उन्होंने बातचीत करते हुए कहा कि मेला बड़े पैमाने पर कानूनी जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है। इस वर्ष सूरजकुंड मेले में हालसा द्वारा स्थापित स्टाल की थीम बालिका है। उन्होंने चुने गए विषय की सराहना की और कहा कि इसे ध्यानपूर्वक चुना गया है क्योंकि यह बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और उनकी शिक्षाए स्वास्थ्य और पोषण के महत्व को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

लड़कियों को कानूनी अधिकारों के प्रति किया जा रहा जागररूक
इसके बाद उन्होंने लड़कियों के अधिकारों के विषय पर हालसा द्वारा डिजाइन और तैयार किए गए एक पोस्टर का उद्घाटन किया। पोस्टर का उद्देश्य लड़कियों के कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करना है जैसे मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, बाल विवाह के खिलाफ अधिकार, परिवार के अपमानजनक सदस्यों के खिलाफ अधिकार, संपत्ति का अधिकार, कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ के खिलाफ अधिकार, समान वेतन का अधिकार, थाने में न बुलाने का अधिकार, कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार जागरूक करना है।

स्टॉल 4 अप्रैल तक रहेगा चालू
हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने 35वें अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में आम जनता को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए एक स्टॉल भी लगाया है। स्टॉल का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फरीदाबाद के पैनल एडवोकेट और पैरालीगल वालंटियर्स द्वारा किया जा रहा है, यह स्टॉल 4 अप्रैल तक चालू रहेगा। आम जनता को उनके कानूनी अधिकारों को जानने में मदद करने के लिए उक्त स्टॉल पर पैनल वकीलों और पैरालीगल वालंटियर्स की प्रति नियुक्ति की जाती है। उक्त स्टॉल पर वहीं आवेदन फॉर्म भरवाकर कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है।