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Faridabad Development Authority: प्रशासन ने सुनी फरीदाबाद वासियों की फरियाद, दूर होगी पानी की किल्लत

Updated Apr 14, 2022 | 21:28 IST

Faridabad News: फरीदाबाद में पानी की किल्‍लत को खत्‍म करने के लिए एफएमडीए यमुना नदी के किनारे 7 रेनीवेल लगाने जा रहा है। इस प्रोजेक्‍ट का कार्य अगले माह से शुरू हो जाएगा। इन रेनीवेल के शुरू होने से पानी की समस्‍या खत्‍म होगी।

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प्रतीकात्मक तस्वीर
मुख्य बातें
  • एफएमडीए यमुना नदी किनारे लगाएगा 7 रेनीवेल
  • टेंडर जारी, अगले माह से प्रोजेक्‍ट पर कार्य शुरू
  • एफएमडीए इस प्रोजेक्‍ट पर खर्च करेगा करीब 100 करोड़ रुपये

Faridabad Metropolitan Development Authority : स्मार्ट सिटी में पानी की किल्‍लत दूर करने और लोगों को पर्याप्त पानी मुहैया करवाने के लिए प्रशासन ने नया प्‍लान बनाया है। इस समस्‍या से छुटकारा के लिए यमुना किनारे सात रेनीवेल लगाया जाएगा, इस काम अगले महीने से ही शुरू हो जाएगा। इसके लिए फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) ने टेंडर लगा दिए है। जिसमें सभी प्रोसेस पूरा होने के बाद अगले महीने काम शुरू करने का लक्ष्य रखा है। एफएमडीए अपने इस प्राजेक्‍ट पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्चा करेगा।

हर रेनीवेल की केपेसिटी 10 एमएलडी

इन 7 रेनीवेल के शुरू हो जाने के बाद शहर को 70 एमएलडी अतिरिक्त पानी मिलने लगेगा। एक रेनीवेल से पानी की केपेसिटी 10 एमएलडी रहेगी। इससे कई इलाकों में पानी की किल्लत कम होगी। बता दें कि, एफएमडीए ने यमुना किनारे 12 रेनीवेल लगाने की योजना तैयार की है। इनमें से अभी तक सिर्फ 7 रेनीवेल को लगाने को मंजूरी मिली है। बाकी 5 को बाद में लगाया जाएगा। इससे पहले, 22 रेनीवेल यमुना किनारे लगे हुए हैं। इस समय इन रेनीवेल से करीब 70 फीसदी पानी की आपूर्ति की जा रही है। एफएमडीए के अधिकारियों का मानना है कि सभी रेनीवेल लग जाने के बाद शहर में मांग के अनुसार पानी की सप्‍लाई करने में परेशानी नहीं होगी। रेनीवेल ओर नगर निगम के ट्यूबवेल के पानी को मिलाकर पानी की उपलब्धता 300 एमएलडी से ज्यादा हो जाएगी।

दिल्ली सीमा से यमुना का किया सर्वे

इन रेनीवेल को लगाने की योजना को लेकर एफएमडीए के अधिकारियों ने दिल्ली के कालिंदी कुंज से फरीदाबाद के मोहना गांव तक यमुना नदी का सर्वे किया। इसमें बारिश के दौरान पानी की उपलब्धता पर फोकस किया गया। क्योंकि बढ़ती आबादी के बीच पानी की मांग भी बढ़ती जा रही है। इसको लेकर सरकारी विभागों के पास केवल यमुना ही पानी का एक मात्र स्रोत्र बचा है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, शहर के भूजल का स्तर पहले ही काफी नीचे चला गया है। जिस वजह से प्रशासन के लिए पानी आपूर्ति करना चुनौती पूर्ण बना हुआ है।