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Ghaziabad Crime: फर्जी चेकबुक से राज्यसभा सदस्य की पुत्रवधू का बैंक अकाउंट किया खाली, अब गिरफ्तार

Updated May 02, 2022 | 17:16 IST

Ghaziabad Crime: गाजियाबाद पुलिस ने राज्यसभा के सदस्य डॉ. अनिल अग्रवाल की पुत्रवधू के बैंक अकाउंट से लाखों रुपये निकलने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के पास से पुलिस ने सात लाख रुपये, सात मोबाइल, 17 सिम व छह एटीएम कार्ड बरामद किए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
गाजियाबाद पुलिस की गिरफ्त में आरोपी विवेक
मुख्य बातें
  • राज्यसभा सदस्य के पुत्रवधू को ठगने वाला आरोपी गिरफ्तार
  • पीड़िता के नाम का चेकबुक लेकर बैंक से निकाल लिए सात लाख रुपये
  • इस ठगी में पुलिस अब बैंककर्मियों की मिलीभगत की जांच कर रही

Ghaziabad Crime: गाजियाबाद पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने राज्यसभा के सदस्य डॉ. अनिल अग्रवाल की पुत्रवधू के बैंक अकाउंट से लाखों रुपये निकलने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने राज्यसभा के सदस्य की पुत्रवधू वैशाली गोयल के खाते से फर्जी चेक द्वारा सात लाख रुपये निकाले थे। साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि, उक्‍त आरोपी का नाम विवक है और यह कन्नौज के छिबरामऊ का रहने वाला है।

आरोपी के पास से पुलिस ने सात लाख रुपये, सात मोबाइल, 17 सिम व छह एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। आरोपित ने फर्जी तरीके से पीड़िता के केनरा बैंक के खाते में अपना मोबाइल नंबर अपडेट करा लिया और वहां से एक नई चेक बुक भी ले ली। इन चेकों का इस्तेमाल कर वह पी‍ड़िता के बैंक खाते से 7.06 लाख रुपये निकाल लिए। इसकी जानकारी मिलने पर थाना कविनगर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

आरोपी ऐसे करता था लोगों के साथ ठगी

पुलिस ने बताया कि, आरोपी विवेक बीएससी पास है और वह बेरोजगार युवकों को पैसे का लालच देकर बैंकों में भेजता था। वे बैंक में रसीद के जरिये पैसे जमा करने व निकालने वालों पर नजर रखते। साथ ही, बैंक उपभोक्‍ताओं के खाता संख्या, मोबाइल नंबर व हस्ताक्षर जैसे सभी जानकारी हासिल कर लेते। जिसके बाद आरोपी किसी को खाताधारक का रिश्‍तेदार बनाकर मोबाइल नंबर अपडेट कराने भेजता। जिसके बाद मोबाइल नंबर अपडेट करा चेक बुक भी जारी करा लेता। इसके बाद वह उक्‍त क्षेत्र के डाकिया से संपर्क कर खाताधारक के मकान के बाहर ही चेक बुक लेकर ठगी करता।

पुलिस को बैंककर्मियों की मिलीभगत पर शक

साइबर सेल प्रभारी ने बताया कि, इस तरह की ठगी में अकेले विवेक शामिल नहीं हो सकता है। इसमें कुछ बैंककर्मियों की मिलीभगत भी हो सकती है। पुलिस आरोपित से मिले सामान व कॉल रिकाॅर्ड के जरिए बैंककर्मियों की मिलीभगत के साक्ष्य जुटा रही है। जल्‍द ही इस केस में शामिल अन्‍य आरोपी भी पकड़े जाएंगे।