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Ghaziabad Police: महंगी गाड़ियों को मिनटों में कर देते गायब, अंतरराज्‍यीय गिरोह का इनामी बदमाश समेत 4 गिरफ्तार

Updated Jul 07, 2022 | 20:34 IST

Ghaziabad Police: गाजियाबाद समेत विभिन्‍न शहरों में वाहन चोरी करने वाले अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने चार बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। गिरफ्तार बदमाशों में एक 15 हजार का इनामी बदमाश भी है। पुलिस ने इन आरोपियों के पास से 3 कार भी बरामद किए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
गाजियाबाद पुलिस के गिरफ्त में चारों बदमाश
मुख्य बातें
  • अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के चार सदस्‍य गिरफ्तार
  • आरोपी गाजियाबाद के अलावा कई जिलों में करते थे चोरी
  • गैंग के सरगना समेत कई आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर

Ghaziabad Police: गाजियाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता पाई है जो गाजियाबाद के अलावा दिल्‍ली-एनसीआर में चोरी की वारदात को अंजाम देता था। यह गिरोह मिनटों में महंगी गाड़ियों को गायब कर देता था। पुलिस ने इस गिरोह के जिन चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है, उनमें एक 15 हजार रुपए का इनामी बदमाश भी है। इन आरोपियों से पुलिस ने चोरी की तीन कार भी बरामद की है।

क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने इस गिरोह की जानकारी देते हुए बताया कि, ये गिरोह महंगी गाड़ियां चोरी करने के बाद उसका चेसिस नंबर बदलकर फर्जी डॉक्युमेंट्स पर बेच देता था। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों की पहचान वसीम अल्वी, अकरम अल्वी व साहिल अल्वी निवासी संभल के रूप में की है। वहीं आरोपी पुनीत मेरठ के परतापुर का रहने वाला है। बदमाश पुनीत पर थाना इंदिरापुरम से 15 हजार रुपए का इनाम घोषित था। पुलिस के अनुसार, इस गिरोह के सदस्‍य अमित त्यागी, शाहजहां, आरिफ और अमित शर्मा अभी फरार हैं। इन्‍हें भी जल्‍द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

3 से 5 मिनट में चोरी कर लेते थे वाहन

पुलिस पूछताछ में आरोपी पुनीत ने बताया कि, इस गिरोह का सरगना उसका भाई लोकेश है जो पहले भी कई बार जेल जा चुका है। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह गाजियाबाद के अलावा दिल्ली, नोएडा, मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़ आदि शहरों में भी वाहन चोरी की वारदात को अंजाम देता है। गिरोह के सदस्‍य सबसे पहले वाहन के पिछले दरवाजे का शीशा तोड़ते हैं और फिर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की मदद से गाड़ी को स्‍टार्ट कर गायब हो जाते। पुलिस के अनुसार, इस पूरी वारदात में इन आरोपियों को 3 से 5 मिनट का समय लगता था। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, चोरी की गाड़ी को संभल जिले के कस्बा बहजोई में पहुंचाया जाता। यहां पर चेसिस व इंजन नंबर बदले जाते। वहीं गाड़ी के फर्जी दस्तावेज बनवाने का काम मेरठ में होता है। इसके बाद गाड़ी को बेच दिया जाता।