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Ghaziabad Fraud: गाजियाबाद में 70 लोगों के फर्जी क्रेडिट कार्ड बना की करोड़ों की ठगी, तीन आरोपी गिरफ्तार

Updated Jun 03, 2022 | 13:22 IST

Ghaziabad Fraud: क्रेडिट कार्ड बनाने का झांसा देकर ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी अब तक 70 लोगों के साथ एक करोड़ से ज्‍यादा की ठगी कर चुके हैं। पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
क्रेडिट कार्ड के नाम पर फ्राड करने वाले गिरफ्तार
मुख्य बातें
  • क्रेडिट कार्ड के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़
  • आरोपियों ने 70 लोगों के साथ की एक करोड़ रुपये से ज्‍यादा की ठगी
  • आरोपी लोगों से उनके दस्‍तावेज हासिल कर देते थे ठगी को अंजाम

Ghaziabad Fraud: गाजियाबाद में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ करने में सफलता प्राप्‍त की है। ये ठग गिरोह लोगों के फर्जी क्रेडिट कार्ड बनवाकर उनका पैसा अपने खातों में ट्रांसफर कर लेता था। साइबर सेल और थाना कविनगर पुलिस ने संयुक्‍त अभियान चलाकर इस गिरोह के तीन ठगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन व 18 सिम कार्ड बरामद किए हैं। 

आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि इस गिरोह ने अगस्त 2021 से दिसंबर 2021 तक दिल्ली में एक कॉल सेंटर चलाकर ठगी की कई वारदातों को अंजाम दिया। इस बीच इन आरोपियों ने 70 लोगों के क्रेडिट कार्ड बनवाकर एक करोड़ से ज्‍यादा रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करा लिए। अब पुलिस संबंधित क्रेडिट कार्ड कंपनियों को सिम भेजकर पूरे मामले की जांच कर रही है।

इन ठगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

इस ठगी गिरोह की जानकारी देते हुए कविनगर थाना प्रभारी आनंद प्रकाश मिश्र ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने लालकुआं के पास से दिल्ली नांगलोई निवासी राहुल, तिलकनगर निवासी सतवंत और पीरागढ़ी निवासी विनीत शुक्ला को गिरफ्तार किया है। पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपितों ने बताया कि वे दिल्ली पीरागढ़ी में कॉलसेंटर चलाकर लोगों के साथ ठगी कर रहे थे।

दूसरे के दस्‍तावेज हासिल कर आरोपी बनवा लेते क्रेडिट कार्ड

पुलिस ने बताया कि आरोपी सबसे पहले लोगों को फोन करते और खुद को क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट का अधिकारी व कर्मचारी बता कर फ्री में क्रेडिट कार्ड बनवाने की बात कहकर उनके दस्तावेज हासिल कर लेते। फिर इन दस्तावेजों पर वह मोबाइल नंबर, पता व फोटो बदलकर बैंक में एप्लाई कर देते। जिसके बाद बैंक कर्मचारी फर्जी पते पर वेरिफिकेशन कर अप्रूवल दे देते और इसी पते पर क्रेडिट कार्ड भी डिलीवर होता था। कार्ड आने के बाद आरोपी उससे पैसा निकालते और कार्ड स्वाइप कराकर जमकर खरीददारी करते। वहीं इसका बिल दस्‍तावेज देने वाले पीड़ित के खाते में चढ़ता रहता और उन्‍हें पता तक नहीं चलता। साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि इन अरोपी ने कविनगर थाना क्षेत्र में इसी प्रकार से एक व्यक्ति से कार्ड बनवाने के नाम पर तीन लाख रुपये की ठगी कर ली थी।