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Gurugram News: हरियाणा और हिमाचल के बीच बनेगा आदिबद्री डैम, तीर्थाटन के रूप में भी विकसित होगा क्षेत्र

Updated Mar 25, 2022 | 22:09 IST

Haryana Adibadri Dam: आदिबद्री में बांध के निर्माण को लेकर हरियाणा और हिमाचल सरकार के बीच एमओयू साइन हुआ। हरियाणा और हिमाचल के मुख्यमंत्री की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर हुए।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर
मुख्य बातें
  • दोनों प्रदेश सरकार के बीच हुआ एमओयू साइन
  • दोनों सीएम की मौजूदगी में प्रदेश के मुख्य सचिव ने किया समझौता हस्ताक्षर
  • डैम बनने से होगा सरस्वती नदी का पुनरुद्धार

Haryana Adibadri Dam: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आदिबद्री डैम के निर्माण से वर्षों पहले विलुप्त हुई सरस्वती नदी का पुनरुद्धार होगा। आदिकाल से पूजनीय सरस्वती नदी के प्रवाह स्थल के आसपास धार्मिक मान्यताएं पुनः जागृत होंगी, इसके साथ-साथ यह क्षेत्र तीर्थाटन के रूप में भी विकसित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उनका 35 साल पुराना सपना साकार हुआ है। उन्होंने वर्ष 1986-87 में सरस्वती के पुनरुद्धार के संबंध में हो रहे अनुसंधान से संबंधित यात्रा की थी।

यह यात्रा यमुनानगर के आदिबद्री से शुरू होकर कच्छ तक पहुंची थी। उन्होंने कहा कि आदिबद्री डैम बनने से 20 क्यूसिक पानी निरंतर सरस्वती नदी में प्रवाहित होगा। इससे पूरा वर्ष सरस्वती में पानी का प्रवाह रहेगा।

31.66 हैक्टेयर भूमि पर बनेगा डैम

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह डैम हिमाचल प्रदेश क्षेत्र के 31.66 हैक्टेयर भूमि पर बनाया जाएगा, इस पर 215.33 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें हर वर्ष 224.58 हैक्टेयर मीटर पानी का भंडारण होगा। इसका 61.88 हैक्टेयर मीटर पानी हिमाचल प्रदेश को तथा शेष करीब 162 हैक्टेयर मीटर पानी हरियाणा को मिलेगा। इस पानी को सरस्वती नदी में प्रवाहित किया जाएगा। इस डैम की चौड़ाई 101.06 मीटर तथा ऊंचाई 20.5 मीटर होगी। डैम से 20 क्यूसिक पानी सालभर सरस्वती नदी में प्रवाहित होगा। इस प्रोजेक्ट का मकसद सरस्वती नदी के पुनरूद्धार के साथ-साथ भूमिगत जल स्तर को बढ़ाना है। डैम के शुरू होने से बारिश के दिनों में अत्यधिक वर्षा से पैदा होने वाली बाढ़ की स्थिति से भी निपटा जा सकेगा। इसके नजदीक बनने वाली झील से पर्यटन बढ़ेगा।

तीर्थाटन के रूप में भी विकसित होगा क्षेत्र 

तीर्थाटन के रूप में भी होगा विकसित मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आदिबद्री डैम बनने से इसके आसपास का क्षेत्र तीर्थाटन के रूप में भी विकसित होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से कालका से कलेसर तक का क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में आदिबद्री, लोहागढ़, कपालमोचन, माता मंत्रादेवी सहित अनेक धार्मिक व पर्यटन स्थल आते हैं। डैम के साथ-साथ यहां झील बनने से बहुत से पर्यटक आएंगे, इससे दोनों प्रदेशों को लाभ मिलेगा। हथनीकुंड बैराज पर भी बनेगा डैम मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के साथ मिलकर कई परियोजनाओं पर काम किया जाएगा, जिसमें हथनीकुंड बैराज पर डैम बनाया जाना भी शामिल है। इस डैम से बिजली उत्पादन के साथ-साथ यमुना नदी में भी साफ पानी का निरंतर प्रवाह संभव हो सकेगा। इस डैम में पहाड़ों से हथनीकुंड बैराज पर आने वाले पानी को संचित किया जाएगा जिससे फसलों को बाढ़ जैसी स्थिति से भी बचाया जा सकेगा। इस डैम के लिए एनओसी मांगी गई है, जल्द सर्वे का काम शुरू होगा।