लाइव टीवी

Gurugram News: गुरुग्राम में अब पुलिस एक साथ 2056 लोकेशन पर रखेगी नजर, स्मार्ट-ई-बीट सिस्टम लागू, इसलिए है खास

Updated Jul 26, 2022 | 13:10 IST

Gurugram News: गुरुग्राम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्मार्ट-ई-बीट सिस्टम लागू कर दिया है। अब पुलिस एक साथ 2056 लोकेशन के ऊपर नजर रख सकेगी। साथ ही किसी भी अपराध के समय नजदीकी पुलिसकर्मी को तत्‍काल घटनास्‍थल पर भेजा जा सकेगा। इस सिस्‍टम से अपराध रोकने में मदद मिलने के साथ पुलिसकर्मियों की लापरवाही पर भी शिकंजा कसेगा।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspTwitter
राइडर को हरी झंडी दिखाते सीएम मनोहर लाल
मुख्य बातें
  • मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुरू किया स्मार्ट-ई-बीट सिस्टम
  • पुलिस अब एक साथ रख सकेगी 2056 लोकेशन के ऊपर नजर
  • वारदात के बाद शहर में आसानी से ट्रेस किए जा सकेंगे अपराधी

Gurugram News: गुरुग्राम में अपराधियों पर नकेल कसने के लिए स्मार्ट-ई-बीट सिस्टम लागू हो गया है। पुलिस की इस खास सुविधा का शुभारंभ मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 119 राइडर्स को झंडी दिखाकर किया। इस सिस्‍टम के लागू हो जाने के बाद अब पुलिस एक साथ 2056 लोकेशन के ऊपर नजर रख सकेगी। साथ ही किसी भी अपराध के समय नजदीकी पुलिसकर्मी को तत्‍काल घटनास्‍थल पर भेजा जा सकेगा। इस सिस्‍टम से जहां शहर के अंदर अपराध रोकने में मदद मिलेगी, वहीं पुलिसकर्मियों की लापरवाही पर भी शिकंजा कसना आसान रहेगा।

गुरुग्राम से पहले यह सिस्‍टम देश में सिर्फ कर्नाटक के अंदर लागू है। पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन ने कहा कि इस सिस्‍टम के माध्‍यम से अब यह निगरानी करना आसान हो जाएगा कि कौन सा राइडर किस समय कहां पर तैनात है। अब तक राइडर मैनुअल हाजिरी लगाते थे। अब वे एप पर ही हाजिरी लगाकर फील्ड में निकलेंगे। इसके लिए हर राइडर को अपने मोबाइल फोन में ई-बीट एप डाउनलोड करना होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अब गुरुग्राम में अपराधियों का पुलिस से बच पाना मुश्किल है। उन्‍हें अपराध के बाद ही दबोच लिया जाएगा।

ऐसे काम करेगा स्मार्ट-ई-बीट सिस्टम

ई-बीट सिस्टम एक एप आधारित सिस्टम है। यह सिस्टम शहरी क्षेत्र के सभी 33 पुलिस थाना क्षेत्रों को कवर करेगा। इससे जुड़े पुलिसकर्मी किसी भी घटनास्‍थल पर कम से कम समय में पहुंच सकेंगे। इसमें एक बाइक पर दो पुलिसकर्मी तैनात होंगे। इस तरह तीन शिफ्टों में 714 पुलिसकर्मी ड्यूटी पर होंगे। इस सिस्‍टम के साथ शहर के 2056 संवदेनशील लोकेशन की पहचान कर उसे इस एप में जोड़ा गया है। इन जगहों की सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। किसी घटना के बाद अगर अपराधी भाग रहा होगा तो उसकी लाइव लोकेशन ट्रेस कर इस एप पर डाल दिया जाएगा। जिससे सभी पुलिसकर्मियों को अपराधी के बारे में पता चल जाएगा। आने वाले समय में इमरजेंसी रिस्पांस स्पोर्ट सिस्टम से भी जोड़ा जाएगा। इससे फोन नंबर-112 पर आने वाले कॉल के मुताबिक भी राइडर काम कर सकेंगे। पुलिस आयुक्त ने बताया कि यह एप आफलाइन मोड में काम करता है। इसके लिए नेटवर्क की आवश्यकता नहीं होती। यह एक नेक्स्ट जेनरेशन पैट्रोलिग एप्लीकेशन एप है। मानीटरिग डैशबोर्ड पर यह प्रदर्शित होगा कि राइडर ने कितने बिदु अथवा स्थल चेक किए।