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Gurugram News: एनएसजी कमांडो बन ठगी, जालसाज ने पुराना समान सस्‍ते में बेंचने का झांसा देकर ठग लिए हजारों रुपये

Updated Sep 07, 2022 | 16:52 IST

Gurugram News: गुरुग्राम में एनएसजी कमांडो बनकर ठगी करने का मामला सामने आया है। शातिर ठग ने खुद को मानेसर एनएसजी कैंप में तैनात बता कर पुराना समान बेचने को कहा और फिर गेट पास बनवाने के नाम पर पैसे ऐंठ लिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
एनएसजी कमांडो बनकर ठग ने ऐंठ लिए हजारों रुपये
मुख्य बातें
  • आरोपी ने खुद को बताया था मानेसर एनएसजी कैंप में तैनात
  • आरोपी ने पुराना सामान सस्‍ते दाम में बेंचने का दिया था लालच
  • एनएसजी कैंप का गेट पास बनवाने के नाम पर ऐंठे 15 हजार रुपये

Gurugram News: लोगों को ठगने के लिए साइबर ठग आए दिन नए-नए तरीकों को इजाद करते रहते हैं। कभी सरकारी अधिकारी बनकर तो कभी सेना का जवान बनकर ठगी करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। गुरुग्राम में फिर से ऐसा ही एक मामला सामने आया है, लेकिन इस बार ठगों ने एनएसजी कमांडो बनकर एक व्‍यक्ति के साथ हजारों रुपये ठग लिए। ठग ने खुद को एनएसजी कमांडो बता कर पुराना सामान सस्‍ते दाम पर बेचने के नाम पर यह ठगी की। इस संबंध में पीड़ित ने मानेसर साइबर थाना पुलिस में केस दर्ज कराया है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

मानेसर साइबर पुलिस के अनुसार, गांव ढाणा निवासी रामबीर ने शिकायत दी है कि, उनके पास एक अज्ञात नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले ने स्वयं को मानेसर एनएसजी कैंप में तैनात कमांडो बताया। आरोपी ने कहा कि उसके पास कुछ पुराना सामान पड़ा है, जिसे वह बेचना चाहता है। आरोपी ने बताया कि उसका नंबर उसके एक दोस्‍त ने दिया है। बातों ही बातों में आरोपी ने पीड़ित को अपने झांसे में ले लिया और कुछ ही देर में सौदा तय कर लिया।

एनएसजी कैंप का गेट पास बनवाने के लिए मांगे पैसे

पीड़ित ने पुलिस को बताया कि आरोपी ने पहले कहा था कि सामान पहुंचने के बाद ही पैसे देने होंगे। लेकिन अगले दिन आरोपी का फिर से फोन आया और उसने कहा कि सामान को एनएसजी कैंपस से बाहर भेजने के लिए पहले गेट पास बनवाना पड़ेगा। गेट पास बनवाने के लिए गेट पर तैनात कर्मचारियों को पैसा देना पड़ेगा। इसके लिए आरोपी ने उससे 15 हजार रुपए ऑनलाइन माध्यम से ट्रांसफर करावा लिए। पीड़ित के अनुसार कुछ घंटे के इंतजार के बाद जब उसने दोबाना उस मोबाइल नंबर पर फोन किया तो कथित एनएसजी कमांडो का नंबर बंद मिला। जिसके बाद उसे ठगी होने का एहसास हुआ और साइबर थाने पहुंचकर इस ठगी की शिकायत की।