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Orbital Rail Corridor Project: हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रॉजेक्ट में मारुति के लिए बनेगा स्पेशल यार्ड

Updated Apr 03, 2022 | 19:39 IST

Orbital Rail Corridor Project: हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रॉजेक्ट में डेवलपमेंट के लिए दो नए टेंडर जारी किए गए हैं। इसमें पहला टेंडर मानेसर से पाटली के बीच 27.87 करोड़ रुपये में सिविल वर्क करने का और दूसरा टेंडर 63.18 करोड़ रुपये में मारुति के लिए स्पेशल यार्ड बनाने का जारी हुआ है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
परियोजना पूरी होने के बाद दौड़ेगी सेमी हाईस्पीड सब-अर्बन ट्रेनें
मुख्य बातें
  • मानेसर से पाटली के बीच 27.87 करोड़ में होगा सिविल वर्क
  • मारुति के लिए 63.18 करोड़ में बनेगा स्पेशल यार्ड
  • 121.74 किमी लंबी है यह रेल कॉरिडोर

Orbital Rail Corridor Project:  मानेसर को सीधे दिल्‍ली-जयपुर रूट पर जोड़ने के लिए चल रहे हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रॉजेक्ट में तेजी आ गई है। इस प्रोजेक्‍ट में अब दो नए टेंडर जारी किए गए हैं। इसमें पहला टेंडर मानेसर से पाटली के बीच 27.87 करोड़ रुपये में सिविल वर्क करने का और दूसरा टेंडर 63.18 करोड़ रुपये में मारुति के लिए स्पेशल यार्ड बनाने का जारी किया गया। हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के अनुसार 121.74 किमी लंबी इस रेलवे लाइन की अधिकतर जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है। बाकि की प्रक्रिया चल रही है।

वहीं प्रोजेक्‍ट के तहत आईएमटी खरखौदा में निर्माणाधीन प्लांट के लिए अलग से यार्ड बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि इस कार्य के लिए अभी तक टेंडर जारी नहीं किया गया है। यह यार्ड मानेसर में स्थित मारुति प्लांट के पास ही बनाया जाना है। इससे पहले जनवरी 2022 में एचआरआइडीसी ने कॉरिडोर के प्रथम चरण के सिविल वर्क के लिए 175 करोड़ का टेंडर जारी किया था।

मानेसर को दिल्ली जयपुर लाइन से जुड़ा जाएगा

प्रोजेक्‍ट के बारे में जानकारी देते हुए चीफ प्रॉजेक्ट मैनेजर शिवओम द्विवेदी ने बताया कि यह एक बड़ा प्रॉजेक्ट है। इसके निर्माण को लेकर कई टेंडर जारी होने हैं। प्रथम चरण में गुड़गांव के मानेसर से लेकर पाटली तक के हिस्से को तैयार किया जा रहा है। इससे मानेसर क्षेत्र सीधे दिल्ली जयपुर लाइन से जुड़ जाएगा।

5,618 करोड़ रुपये का है प्रोजेक्‍ट

बता दें कि, रेल कनेक्टिविटी विस्तार करने के लिए केएमपी के साथ-साथ 5,618 करोड़ रुपये की लागत से यह विशेष ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इस रूट पर यात्री ट्रेनों के साथ मालगाड़ी भी चलेंगी। परियोजना पूरी होने के बाद इस रूट पर सेमी हाईस्पीड सब-अर्बन ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। इस रूट का डिजाइन सालाना 60 लाख टन माल ढुलाई करने के लिए किया गया है। वहीं सालाना करीब 40 लाख यात्री भी सफर कर सकेंगे। यह रूट सीधे गुरुग्राम को दिल्ली के बाहर निकालेगा और चंडीगढ़ को जोड़ेगा।