Weight loss Tips: वजन घटाने की चाहत रखने वाले न जाने क्या क्या करते हैं। कई लोग तो इंटरनेट पर दी गई डाइट को भी अच्छी तहर से फॉलो करते हैं मगर मन चाहा रिजल्ट फिर भी नहीं मिल पाता। लेकिन अगर आप अपने खाने में कुछ प्रकार के सप्लीमेंट्स लेना शुरू कर दें तो बात बन सकती है।
ये वो दस सप्लीमेंट्स और विटामिन्स हैं जो आपके कटोरे भर सलाद या घंटों भर जिम में बहाये पसीने अब तक नहीं कर पाए हैं। दरअसल ये कोई ऐसी चीज नहीं जिसके बारे में आप नहीं जानते लेकिन आपने अभी तक इसे यूज नहीं किया होगा। तो आइए जानते हैं क्या हैं वो दस सुपर सप्लीमेंट्स।
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व्हे प्रोटीन
ज्यादातर लोग जिम जाने या आने के बाद व्हे प्रोटीन को इसलिए लेते हैं क्योंकि वर्कआउट के दौरान मसल्स को ये रिलेक्स करती है। लेकिन शायद आपको ये नहीं पता कि ये व्हे प्रोटीन दस पाउंड तक का वेट भी कम करती है। ओवरवेट वाले लोग जो रोज व्हे प्रोटीन पीते हैं वो अपना वेट कम कर सकते हैं। व्हे प्रोटीन भूख लगने की इच्छा को कम कर देता है। इसलिए मसल्स तो टोनअप होती ही हैं इसके साथ वेट लॉस भी होता है।
कैफीन
डाइट पिल्स के रूप में आने वाली कैफीन जो कॉफी से मिलती है वेट लॉस में कारगर है। कैफिन नर्वस सिस्टम पर काम करती है जिससे भूख नहीं लगती। यही नहीं कैफीन हार्ट रेट और मेटाबॉलिक रेट को वर्कआउट के दौरान बढ़ा देता है जिससे ज्यादा कैलोरी बर्न होती है।
ग्रीन टी एक्सट्रेक्ट
ब्राउन एडीपोज टिशूज को ग्रीन टी एक्सट्रेक्ट उत्तेजित कर देता है जिससे फैट तेजी से घटने लगता है। ये मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट करता है। हर दिन सुबह कम से कम दो कप ग्रीन टी जरूर पीएं।
ग्लूटामिन
हमारी मसल्स में ग्लूटामिन अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो उन्हें रिपेयर करने का काम करता है। यही नहीं ये हमारी आंतों में भी पाया जाता है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। यूरोपियन जनरल की मानें तो जो भी चार हफ्ते तक ग्लूटामिन का सप्लीमेंट लेता है वो बेहतर वेट लॉस कर लेता है। क्येांकि ये सप्लीमेंट ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को बूस्ट कर देता है।
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काईटोसन
रिसर्च में ये पाया गया है कि जो लोग रोजाना दो बार काईटोसन लेता है उसका बीएमआई कम होता है और वेट लॉस भी होता है। काईटोसन आम तौर पर कीड़े और क्रस्टेसियन में पाया जाता है। इनमें डाइट्री फाइबर सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है जो डाइजेस्टिव सिस्टम को रेग्युलेट करने बहुत मददगार होता है।
हाईड्रोसाइट्रस एसिड
साउथ-ईस्ट एशिया में पाए जाने वाले ड्राई फ्रूट्स से मिलने वाले नमक भी वेट लॉस में कारगर होता है। ये भूख को दबाने में मदद करता है और फैट लॉस के काम आता है।
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लाल मिर्च
जी हां, लाल मिर्च में पाई जाने वाली गर्मी भी वेट लॉस के लिए बहुत सहायक है। मिर्च में पाई जाने वाली गर्मी के कारण 20 प्रतिशत तक वेट को कम किया जा सकता है। यही नहीं ये तंत्रिका तंत्र यानी नर्वस सिस्टम को भी उत्तेजित करता है जिससे भूख कम लगती है।
विटामिन डी
विटामिन डी केवल बोन्स के लिए ही जरूरी नहीं है बल्कि इसकी कमी से ओबेसिटी तक होती है। इसलिए विटामिन डी को खाना भी उतना ही जरूरी है ये भूख को भी नियंत्रित रखता है। बार बार कुछ खाने की इच्छा को भी कंट्रोल करता है।
ऑलिव लीव्स
ऑलिव की पत्तियां भी ब्लउ शुगर को संतुलित करने का काम करती हैं। इसकी पत्तियां वेट लॉस में सहायक हैं। ये इंसुलिन के स्तर को संतुलित रखने में कारगर है। ये शरीर में जमे फैट को निकालने में बहुत बेहतर साबित होती है।
क्रोमियम
क्रोमियम इंसुलिन फैट को मेटाबॉलिज करता है और प्रोटीन को मसल्स में बदल देता है। यही नहीं ये शुगर को एनर्जी में कन्वर्ट कर देता है। भूख लगने को कंट्रोल करने के साथ ये मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाता है। ब्रोकली, अंगूर, लहसून , तुलसी, बीन्स, सेब आदि में क्रोमियम मिलता है। इसके एक्सट्रेक्ट को भी यूज किया जा सकता है।
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