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कहीं सेक्स को लेकर इन गलतफहमी का शिकार तो नहीं हो रहे हैं आप, जानें क्या है सच और क्या झूठ

Updated Feb 21, 2019 | 15:35 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Common Myths about sex: सेक्स और इससे जुड़ी समस्या एक ऐसा टॉपिक है जिसके बारे में लोग खुल कर बात करने से शर्माते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस वजह से कई बार हम गलतफहमी का शिकार भी हो जाते ैहं।

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तस्वीर साभार:&nbspThinkstock
Common Myths and facts about sex and sexual pleasure

 misconceptions about sex: कई बार ऐसा होता है कि कपल्स को सेक्स से जुड़ी कई समस्याएं का सामना करना पड़ता है, लेकिन वह एक्सपर्ट से बात करने की जगह अपने दोस्तों से इस बारे में बात करते हैं। इसके अलावा वो इंटरनेट के जरिए अपनी समस्या का समाधान ढूढंने की कोशिश भी करते हैं, लेकिन एक्सपर्ट की सहायता लेने से कतराते हैं। ऐसा कर के वो अपनी समस्याओं को कम नहीं कर रहे होते बल्कि बढ़ा रहे होते हैं। 

आम समस्याओं की तरह ही अगर सेक्स की समस्या भी ली जाए तो यह गंभीर रूप नहीं लेगा। न ही ये अवसाद या गुस्से की वहज बनेगा। सेक्स लाइफ को लेकर हर किसी के मन में कुछ दुविधाएं और सवाल होते हैं, लेकिन कई बार उन्हें ये समझ नहीं आता कि उसे कैसे पूछा जाए। लेकिन एक बात याद रखें समस्याओं के सही और सटीक हल के लिए एक्सपर्ट की हेल्प लेनी ही चाहिए। आइए आज कुछ आम सेक्स मिथ्स यानी गलतफहमियों को जाने जो अधिकतर लोगों के मन में होती हैं।

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मिथक: आपकी छोड़ के सबकी सेक्स लाइफ बेहतर है
कई बार कपल्स को लगता है कि उनकी सेक्स लाइफ सबसे बेकार है। उनके अलावा सभी सेक्सुअल लाइपु को एंज्वाय कर रहे हैं। ऐसा कई बार मेडिकली अनफिट होने या रिलेशनशिप में दिक्कत के कारण फील होता है। ऐसे में कपल्स को खुद इसके हल निकालने के बजाय एक्सपर्ट की मदद लेनी चाहिए। अगर शारीरिक दिक्कत हो तो सेक्सोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए और रिलेशनशिप में दिक्कत हो तो इसके लिए काउंसलर हेल्प कर सकते हैं। एक चीज याद रखें दूर से देखने पर हर चीज बेहतर नजर आती है, इसलिए अपनी तुलना किसी से न करें। बल्कि अपनी समस्या को दूर करने के लिए प्रयास करें। सेक्स की समस्या किसी एक की नहीं इसलिए कपल्स को साथ में मिल कर इसे सुलझाना चाहिए। एक्सपर्ट बताते हैं कि सेक्स से जुड़ी दिक्कतों का सामना ज्यादातर जो 30 से 40 साल के बीच वालों को ज्यादा होती है। ये लोग अपनी समस्याओं को अपने दोस्तों से तो शेयर कर लेते हैं लेकिन डॉक्टर की हेल्प नहीं लेते। इसलिए खुद या दोस्तों की जगह एक्सपर्ट की राय लें।

मिथक: आफ्टर 40 सेक्स लाइफ ओवर होने लगती है
बिलकुल गलत धारणा है। कई लोगों की सेक्स लाइफ आफ्टर 40 ही शुरू होती है। यानी एंज्वाय करने के लिए उम्र मायने नहीं रखती। ये बात अलग है आफ्टर 40 या 50स बीमारियों और लाइफस्टाइल खराब होने से सेक्सुअली एक्टिव खुद को रखना एक चैलेंज होता है लेकिन अगर आप एक्सरसाइज और बेहतर डाइट लेते हैं तो आपके लिए सेक्स की कोई उम्र तय नहीं होती। डायबीटीज, हाइपरटेंशन और मोटापे एज के साथ बढ़ता है लेकिन ऐसा नहीं कि इसे कंट्रोल नहीं किया जा सकता या इससे सेक्स की लाइफ डिस्टर्ब होने लगे। ये गलतफहमी है 40 साल से ऊपर के करीब 50 प्रतिशत पुरुष इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के शिकार होने लगते हैं। ये आपकी लाइफस्टाइल पर

निर्भर करता है। की समस्या से पीड़ित रहते हैं। ऐसे में जब वे परफॉर्म नहीं कर पाते तो उसे कमजोरी मान लेते हैं। अगर आप प्रीमच्योर इजैक्युलेशन के शिकार है या होने लगे हैं तो इसे डॉक्टर से मिल कर सुधारें न कि एज को ब्लेम करें।

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मिथक: फैंटेसी शादीशुदा कपल के लिए नहीं
फैंटेसी सेक्स को जीवंत रखने का एक जरिया है अगर आपके इसे किसी दायरे में बांध दिया तो समझ लें कि आपकी सेक्स लाइफ आधी यहीं खत्म हो जाती है। इसलिए शादीशुदा हों या कुंवारे फैंटेसी जरूर बनाए रखें। ये चीटिंग नहीं है न ही ये गलत बात है बल्कि अगर आप फैंटेसी कोकायम रखेंगे तो अपने पार्टनर के साथ बेहतर रिलेशनशिप बनाए रख सकते हैं। सेक्सुअली अट्रैक्ट होना इंसान का नार्मल नेचर है। एक व्यक्ति के साथ रिश्ते में रहना हमारी चॉइस है, मजबूरी नहीं। लेकिन फैंटेसी की दुनिया आजाद होती हैं ओर होनी चाहिए। ताकि आप खुल कर सेक्सुअल रिलेशन को एंज्वाय कर सकें। इस बारे में आप पार्टनर से बात कर सकें इतना खुलापन होना चाहिए।

मिथक: सेक्सुअली बेटर होना ही रिलेशनशिप को मजबूत बनाता है
गलत। युवा जोड़ों के बीच असुरक्षा की भावना बहुत होती है। उन्हें ये लगता है कि अगर वह अपने पार्टनर के एक्स से बेहतर सेक्सुअली एक्टिव होंगे तो उनकी जगह हमेशा बनी रहेगी। लेकिन शायद वो ये नहीं जानते कि केवल सेक्स में बेहतर होना ही जगह बनाने के लिए जरूरी नहीं बल्कि इमोश्नली जगह बनाना ज्यादा जरूरी होता है। फिमेल्स में भी अपनी फिगर को लेकर एक असुरक्षा रहती है। वह अपने फिगर को मेंटेन करने के लिए तमाम एक्सपेरिमेंट करती हैं लेकिन याद रखें भावनाएं नहीं मिलती जहां वहा सेक्सुअल रिलेशन केवल जरूरत का हिस्सा होता है। जब तक जरूरत होती है आप जरूरत होते हैं लेकिन भावनाएं आपको जोड़ती हैं दिल से।

Disclaimer: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। 

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