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Side Effects of Ultrasound: बार-बार करा रहे हैं अल्ट्रासाउंड, तो जान लें इससे होने वाले नुकसान

Updated Jul 08, 2022 | 06:22 IST

Side Effects of Ultrasound: अल्ट्रासाउंड रेडियोएक्टिव किरणों द्वारा किया जाता है और जब अल्ट्रासाउंड चल रहा होता है, तब रेडियोएक्टिव किरणों शरीर के अंदर चली जाती हैं, जिससे डीएनए सेल्स को हानि पहुंचती है। ऐसे में यदि बार-बार अल्ट्रासाउंड कराया जा रहा है, तो कैंसर और ट्यूमर बनने का खतरा रहता है।

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Ultrasound
मुख्य बातें
  • अल्ट्रासाउंड से हो सकता है कैंसर
  • डीएनए सेल्स होते हैं डैमेज
  • गर्भावस्था में बच्चे के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है असर

Side Effects of Ultrasound: अल्ट्रासाउंड के बारे में तो आप सभी जानते होंगे कि ये एक ऐसी तकनीक है, जिससे शरीर के अंदर की स्थिति का पता लगाया जाता है। अल्ट्रासाउंड एक विशेष प्रकार की मशीन द्वारा किया जाता है। इसके लिए पहले शरीर के जिस हिस्से का अल्ट्रासाउंड करना है, उस पर एक खास जेल लगाया जाता है, फिर मशीन से जुड़े उपकरण को शरीर के हिस्से पर ऊपर-नीचे और आगे-पीछे घुमाया जाता है। इससे शरीर के अंदर की स्थिति की तस्वीर स्क्रीन पर दिखाई देती है, जिससे पता चलता है कि शरीर के अंदर क्या दिक्कत है। गर्भावस्था के दौरान भी बच्चे के स्वास्थ्य को जांचने के लिए भी अल्ट्रासाउंड का सहारा लिया जाता है। इस बात से तो कोई इनकार नहीं कर सकता कि एल्ट्रासाउंड के बहुत फायदे होते हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी होते हैं। आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं अल्ट्रासाउंड से होने वाले नुकसान के बारे में, तो चलिए जानते हैं-

बार-बार अल्ट्रासाउंड कराने के नुकसान

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कैंसर का हो सकता है खतरा

अल्ट्रासाउंड रेडियोएक्टिव किरणों द्वारा किया जाता है और जब अल्ट्रासाउंड चल रहा होता है, तब रेडियोएक्टिव किरणों शरीर के अंदर चली जाती हैं, जिससे डीएनए सेल्स को हानि पहुंचती है। ऐसे में यदि बार-बार अल्ट्रासाउंड कराया जा रहा है, तो कैंसर और ट्यूमर बनने का खतरा रहता है। 

बच्चे के मानसिक विकास को कर सकता है प्रभावित

गर्भावस्था में यदि किसी महिला का बार-बार अल्ट्रासाउंड कराया जाए, तो इससे बच्चे का मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है, साथ ही उसमें मानसिक विकार भी हो सकते हैं। शोध कहते हैं कि गर्भावस्था में 3-4 बार अल्ट्रासाउंड किए जा सकते हैं। 

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डॉक्टर की सलाह से ही कराएं अल्ट्रासाउंड

हालांकि, अलग-अलग शोध ये साबित करते हैं कि इसके दीर्घकालिक कोई खास प्रभाव नहीं पड़ते हैं। ऐसे में यदि अल्ट्रासाउंड कराना बहुत जरूरी हो तभी कराएं और डॉक्टर की सलाह से ही कराएं। वहीं, गर्भावस्था में भी जितने जरूरी हो उतने ही आल्ट्रासाउंड कराएं।

( डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)