Coconut Oil for Baby: नारियल तेल में औषधीय गुण होते हैं। बड़े ही नहीं नवजात शिशु के लिए नारियल का तेल न केवल नेचुरल तरीके से फायदा देता है बल्कि इसे खाने में देना बहुत लाभकारी माना जाता है। ये वो तेल है जो बाहर और अंदर दोनों ही तरीकों से आपके शिशु को स्वस्थ रखता है। स्किन को सॉफ्ट और प्रॉब्लम फ्री रखने के साथ ये शिशु में होने वाली स्किन रैशेज, एग्जिमा, डैन्ड्रफ, ड्राइनेस को भी सही करता है।
इतना ही नहीं नारियल के तेल में स्किन लाइटिंग के भी गुण होते हैं। इस तेल से अगर शिशु की मालिश की जाए तो उसका स्किन टोन भी बेहतर होता है। इतने गुणों से भरे इस नारियल तेल की और खूबियों को भी आइये जाने की ये आपके नन्हे से शिशु के लिए कैसे काम करेगा।
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शिशु की मालिश के लिए बेस्ट है नारियल तेल
बेबी की मसाज के लिए : एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज से भरा नारियल का तेल बेबी की मसाज के लिए बहुत अच्छा होता है। नवजात की रूखी और पपड़ीदार स्किन पजब् नारियल टेलकि मालिश होती है तो स्किन सॉफ्ट होने लगती है। ये तेल बॉडी में अच्छी तरह एब्जॉर्ब होता है। आप एक्स्ट्रा वर्जिन नारियल तेल में ऑलिव ऑयल भी मिक्स कर शिशु की मालिश कर सकती हैं।
एग्जिमा के लिए नारियल तेल : शिशुओं में एग्ज़ीमा का होना बहुत ही सामान्य बात होती है। इसमें स्किन बहुत ज्यादा ड्राई और खुजली वाली हो जाती है, ऐसे में नारियल तेल से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। शिशु को इस तेल की मालिश नहाने से पहले और बड्ड में जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से कुछ हिदीं में समस्या ख़त्म हो जायेगी।
शिशु के बाल भी बढ़ेंगे तेजी से : नारियल तेल फैटी एसिड से भरा होता है। इसमें एंटी बैक्टीरियल ही नहीं एंटी मैक्रोबियाल प्रोपेर्टी भी हैं जो स्केल्प को नॉरिश करने के साथ बालों के रोम से सीबम बिल्ड-अप को खत्म करने में मदद करता है। यह गुण बालों से प्रोटीन के नुकसान को रोकने में मदद करता है और इससे बाल अच्छे आते हैं। शिशु को हमेशा नहाने से पहले नारियल तेल सिर में लगाएं।
डाइपर रैशेज के लिए : नारियल का तेल डाइपर रैशेज का सबसे बड़ी दवा है। आजकल बच्चे पूरे समय डाइपर में रहते हैं और ऐसे में उन्हें रैशेज होना बहुत आम बात होती है। नारियल के तेल में एंटी फंगल प्रोपर्टी है जो इसे ठीक करने के लिए बेहद कारगर है। कैंडिडा एल्बिकैंस के लिए नारियल का तेल भी बहुत प्रभावी है। यीस्ट इंफेक्शन भी शिशुओं में बहुत आम है जिसे नारियल का तेल ठीक करता है। जब भी आप डायपर बदलें बच्चे के डायपर क्षेत्र पर तेल की एक परत लगाएँ। धीरे इसे कमर और त्वचा की सिलवटों में मालिश करें।
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शिशु के स्किन के लिए : नारियल का तेल शिशु के स्किन के लिए बेहद कारगर है। ये तेल विटामिन्स से भरा हुआ है। इससे शिशु को नेचुरल मॉश्चराइजर मिलता है।
बेबी एक्ने के लिए नारियल का तेल : कई बार शिशु के शरीर या चेहरे के आसपास लाल नन्हें दाने या पिंपल्स हो जाते हैं। इससे शरीर में सूजन और खुजली पैदा हो जाती है। इससे कई बार इंफेक्शन का खतरा भी होता है। लेकिन नारियल तेल इन सारी समस्याओं का हल है। इस तेल में लॉउरिक एसिड इन सारे खामियों से लड़ता है। तेल को दानों पर हल्के हाथों से लगाना चाहिए। इसके बाद इसे गुनगुने पानी से धो लें।
बेबी फूड के लिए भी नारियल का तेल उपयोगी: नारियल के तेल में बनी चीजें अगर बच्चे को दी जाए तो यह उसके सेहत के लिए बहुत अच्छी होगा। नारियल का तेल फैट और कैलोरी का रिच सोर्स होता है। साथ ही ये कब्ज से भी बचाता है।
डायजेशन के लिए बेहतर : हाइपोएलर्जिक और लाउरिक एसिड से भरे होने के कारण नारियल का तेल डायजेशन के लिए भी बहुत बेहतर होता है। बेबी के ब्रेकफास्ट में एक्ट्रा वर्जिन ऑयल मिक्स कर उसे खिलाया जा सकता है।
सिर में होने वाला पपड़ी से बचाता है नारियल : अधिकांश नवजात शिशु के सिर में पपड़ी की कई परत जमा होने लगती है। ऐसा प्रेग्नेंसी के लास्ट समय में होने हार्मोनल बदलाव के कारण होता है और शिशु के सिर पर परतदार एक पपड़ी जमने लगती है। ये स्थिति सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस या सेबोर्रहिया होती है। नारियल तेल में इसे सही करने का बहुत गुण होता है। एंटी-बैक्टीरियल गुण होने के कारण ये आसानी से सही हो जाता है। नारियल के तेल को स्केल्प पर लगाएं और करीब 20 मिनट बाद आप नर्म ब्रश से ये सारे फ्लेक्स यानी पपड़ियों को हटा दें।
Note : हम यहां मौजूद तथ्यों की पुष्टि नहीं करते हैं। साथ ही सेहत को लेकर कोई भी प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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