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Cancer Cases India:कैंसर के चंगुल में धीरे धीरे भारत, 2025 तक बढ़ जाएंगे 12 फीसद मामले

Updated Aug 25, 2020 | 15:15 IST

Cancerous disease: एक रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक देश में कैंसर मरीजों की तादाद में 12 फीसद की बढ़ोतरी हो जाएगी। इस सबंध में मशहूर ऑनकोलॉजिस्ट डॉ प्रवीन बंसल ने अपने अनुभवों को साझा किया।

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2025 तक कैंसर मरीजों की संख्या में 12 फीसद का इजाफा
मुख्य बातें
  • 2025 तक भारत में कैंसर के मामलों में 12 फीसद की बढ़ोतरी
  • मुंह, सर्विक्सस पेट के कैंसर केस में होगी बढ़ोतरी
  • सही समय पर पहचान और उसका इलाज बेहद जरूरी

लाइलाज कोरोना से दो-दो हाथ कर रहे हिंदुस्तान के लिए एक बुरी खबर है। खबर ये है कि दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी कैंसर। अब भारत को भी धीरे-धीरे अपने चंगुल में जकड़ती जा रही है।  ICMR यानि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और NCDIR यानि नेशनल सेंटर फॉर डिसीज इन्फॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च, बेंगलुरू ने नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट जारी कर बताया है कि.अगले 5 साल में कैंसर का शिकंजा भारत पर और ज्यादा मजबूत होगा। 

2025 तक देश में कैंसर के मामले 12 परसेंट तक बढ़ जाएंगे। इस साल के आखिर तक देश में कैंसर के करीब 14 लाख मामले होंगे। तो वहीं 2025 में ये आंकड़ा बढ़कर 16 लाख के करीब पहुंच सकता है।ICMR के मुताबिक इस साल देश में तंबाकू से होने वाले कैंसर के मामले 3.77 लाख रहने का अनुमान है, जो 2020 के कैंसर के कुल मामले का 27.1 फीसद है। पेट के कैंसर की बात करें तो 2020 में ये 2.73 लाख रहेंगे.. जो कुल कैंसर का 19.8 परसेंट है। वहीं 2020 में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले 2 लाख यानि 14.8 परसेंट और सर्विक्स कैंसर के मामले 75 हजार यानि 5.4 परसेंट तक पहुंचने का अनुमान है।

2025 तक 12% बढ़ जाएगा कैंसर

5 साल बाद महामारी होगा कैंसर! 
साल                  केस
2020                  13.9 लाख
2025                  15.7 लाख

नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम 2020 
कैंसर                                केस              प्रतिशत
मुंह-गले का कैंसर          3.77 लाख        27.1%
पेट-आंत का कैंसर        2.73 लाख        19.8%
ब्रेस्ट कैंसर                      2 लाख             14.8%
सर्विक्स कैंसर                 75 हजार          5.4%

नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम 2020 
                            2020                 2025
पुरुष                    6.79 लाख         7.63 लाख                  
महिला                 7.12 लाख         8.06 लाख

Asian  ग्रुप ऑफ Hospitals के oncology Dept. के हेड डॉ. प्रवीन बंसल खासबातचीत में बताते हैं कि क्यों कैसे कैंसर को पास आने से दूर किया जा सकता है। 

क्रोनिक हेपेटाइटिस ‘बी से लीवर सिरोसिस तथा लीवर कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। इसे आमतौर पर जौंडिस, पेट में पानी आना, खून की उल्टी होना, काला दस्त होना, बेहोशी के लक्षणों से पहचान सकते हैं।

हेपेटाइटिस बी पूरे विश्व में लीवर संक्रमण का सबसे सामान्य कारण है। यह हेपेटाइटिस ‘बी वायरस के कारण होता है। यह सामान्यतया संक्रमित खून चढ़ाने से, असुरक्षित यौन संबंध से, संक्रमित माता से नवजात शिशु में होता है। लगभग सात लाख लोग प्रतिवर्ष हेपेटाइटिस ‘बी के कारण मरते हैं।अधिकतर लोग इसके संक्रमण से अनभज्ञि रहते हैं। ऐसे लोग दूसरे लोगों में हेपेटाइटिस बी के संक्रमण के खतरे को बढ़ाते हैं।

महिला और पुरुष दोनों में बढ़ेंगे कैंसर के मामले
नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दिनों में महिलाओ और पुरुषों दोनों में कैंसर के केस बढ़ेंगे। पुरुषों में जहां फेफड़े, मुंह, पेट और आंत का कैंसर आम होगा। तो महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्विक्स कैंसर के मामले बढ़ेंगे। आने वाले सालों में भी तंबाकू कैंसर की सबसे बड़ी वजह बना रहेगा।

एक लाख आबादी में कैंसर के सबसे अधिक केस मिजोरम में 
रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में पुरुषों में कैंसर के मामले 6.79 लाख रहेंगे जो 2025 तक 7.63 लाख हो जाएंगे वहीं महिलाओं में 2020 में 7.12 लाख केस और 2025 तक 8.06 लाख केस तक पहुंच जाएंगे।पुरूषों की प्रति एक लाख आबादी के आधार पर सबसे ज्यादा मामले मिजोरम की राजधानी आइजोल में 269.4 है। जबकि सबसे कम मामले उस्मानाबाद और बीड जिले में 39.5 है।इसी तरह महिलाओं की प्रति एक लाख आबादी पर 219.8 केस अरुणाचल प्रदेश के पापुमपारे जिले में है। जबकि उस्मानाबाद और बीड में ये दर 49.4 है जो सबसे कम है।

उत्तर पूर्व के राज्यों में कैंसर में इजाफा
रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में कैंसर के मालमे तेजी से बढ़ रहे हैं। जो चिंता बढ़ा रहा है।रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दिल्ली के बच्चों में कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। राजधानी में 19 साल तक के  लड़के और लड़कियों में कैंसर की दर देश में सबसे अधिक है।दिल्ली में 0 से 14 साल तक के बच्चों में देश का 3.7 परसेंट केस। और 0 से 19 साल तक की उम्र के बच्चों में कैंसर की दर 4.9 परसेंट है। इसमें सबसे ज्यादा मामले ल्यूकेमिया के हैं। कैंसर पीड़ित बच्चों में लड़के और लड़कियों की संख्या करीब-करीब बराबर ही है।  
( यह लेख डॉ प्रवीन बंसल, ऑनकोलॉजी विभाग, एशियन ग्रुप्स ऑफ हास्पिटल से बातचीत पर आधारित)