मुख्य बातें
- 5 से 10 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर का कारण जेनेटिक माना जाता है।
- 30 साल से ज्यादा के उम्र में मां बनने की वजह से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की समस्या अधिक देखने को मिलती है।
ब्रेस्ट कैंसर की समस्या दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। ब्रेस्ट में असामन्य कोशिकाएं अचानक से बढ़ने लगती हैं। इनके बढ़ने के कारण ब्रेस्ट में कोशिकाओं में टूट-फूट होने लगती हैं कुछ कोशिकाएं गांठ का रूप ले लेती हैं। ये गांठ शुरुआती दौर में अंदर ही अंदर रहता है जो केवल छूने पर महसूस होता है। धीरे-धीरे ये बढ़ कर कड़ा होने लगता है और उभार बाहर की ओर आने लगता है। हालांकि इन गांठ में दर्द हो यह जरूरी नहीं। ये गांठ दर्द रहित होते हैं।
इन कोशिकाओं के बढ़ने के पीछे दो तरह के कारण जिम्मेदार माने गए हैं। इसमें पहला है लाइफस्टाइल और इससे जुड़ी आदतें और दूसरा जेनेटिक कारण। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कुछ चीजें जो रोज की रूटीन में आपके शामिल होता है। तो आइए आज उन आठ कारणों को जानें जो ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं।
अल्कोहल
आप कभी-कभी या रोज अल्कोहल लेती हैं तो आपमें अल्कोहल न लेने वाली की तुलना में ब्रेस्ट कैंसर होने के चांसेज ज्यादा होंगे। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी कि रिपोर्ट बताती है कि जो महिलाएं दिन में दो या तीन पैग ड्रिंक लेती हैं उनमें कैंसर के चांसेज 20 प्रतिशत तक अधिक होते हैं बनिस्पत उनके जो इसे कभी नहीं लेती। अल्कोहल शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाता है और यही कारण खतरा पैदा कर सकता है।
आप कभी-कभी या रोज अल्कोहल लेती हैं तो आपमें अल्कोहल न लेने वाली की तुलना में ब्रेस्ट कैंसर होने के चांसेज ज्यादा होंगे। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी कि रिपोर्ट बताती है कि जो महिलाएं दिन में दो या तीन पैग ड्रिंक लेती हैं उनमें कैंसर के चांसेज 20 प्रतिशत तक अधिक होते हैं बनिस्पत उनके जो इसे कभी नहीं लेती। अल्कोहल शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाता है और यही कारण खतरा पैदा कर सकता है।
मोटापा
खासकर मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने के खतरे ज्यादा होने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मेनोपॉज से पहले अंडाशय में एस्ट्रोजेन ज्यादा बनता है लेकिन मेनोपॉज के बाद ये बनना बंद हो जाता है इससे उनके शरीर में ज्यादातर हार्मोन्स वसा ऊतकों से निकलते हैं। बहुत अधिक वसा जब शरीर पर जमा होने लगती है तो एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने लगता है इससे भी कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा जिनका वेट ज्यादा होता है उनके ब्लड में इंसुलिन का स्तर अधिक होता है और ये भी ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकता है।
एक्सरसाइज करने से बचना
भले ही आप दुबली हो लेकिन एक्सरसाइज करना आपके लिए भी उतना ही जरूरी है जितना कि एक हेल्दी महिला के लिए। रोज एक्सरसाइज न करने की आदत आपके ब्रेस्ट कैंसर के चांसेज को बढ़ाता है। विशेषकर मेनोपॉज के बाद एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है। रोजाना 45 मिनट की वॉक आपके लिए बहुत जरूरी है।
देर से मां बनाना
30 साल की उम्र तक मां बनान सबसे सही उम्र मानी जाती है। ऐसी महिलाओं को जो 30 की उम्र तक मां बन जाती है उनमें ब्रेस्ट कैंसर की संभावना कम होती है। जो महिलाएं देर से मां बनती हैं उनमें यह संभावना ज्यादा होती है।
ब्रेस्टफिडिंग न करानो वालो में
ब्रेस्टफिडिंग न कराना भी ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ता है। कम से कम डेढ़ से दो साल तक ब्रेस्टफिडिंग कराना जरूरी होता है, क्योंकि ब्रेस्टफिडिंग कराने से हार्मोंस का संतुलन बना रहता है जबकि जो ब्रेस्टफिडिंग नहीं कराती उनकी मेंस्ट्रूअल साइकिल कम हो जाती है और समय से पहले इस साइकिल का खत्म होना सही नहीं है।
हॉर्मोन थैरेपी
हॉर्मोन थेरेपी के कारण भी ब्रेस्ट कैंसर की संभावना को बढ़ता है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसी कुछ हार्मोन थेरेपी मेनोपॉज के लक्षणों को दूर करने और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद कर सकती है, लेकिन यह ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को को बढ़ाता है।
बर्थ कंट्रोल पिल्स
आपके रोज बर्थ कंट्रोल करने वाली पिल्स भी ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकती है। यही नहीं बर्थ कंट्रोल इंजेक्शन और दूसरे मेथड भी ब्रेस्ट कैंसर की समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
जेनेटिक कारण
करीब 5 से 10 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर का कारण जेनेटिक ही माना जाता है। पेरेंट्स से मिले जीन दोष के कारण विशेष रूप से बीआरसीए-1 या बीआरसीए-2 जीन के कारण ये कैंसर होता है। तो याद रखिए जेनेटिक कारणों के अलावा अन्य कारण को आप काबू कर अपने संभावित रोग से बच सकती हैं।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।)
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