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नींद न आना बढ़ा सकता है मोटापा, जानें योग से कैसे मिलेगी मदद

Updated Aug 08, 2018 | 22:53 IST | Dr. Yogi Amrit Raj

Insomnia treatment with yoga and home remedies : अगर ठीक से नींद नहीं आएगी तो शरीर को पूरा आराम नहीं मिलेगा। और इसका नतीजा तमाम अन्‍य समस्‍याओं के साथ वजन का बढ़ना भी हो सकता है।

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तस्वीर साभार:&nbspThinkstock
हफ्ते में तीन बार पूरी रात न सोने को अनिद्रा समझा जाता है

नई द‍िल्‍ली : अच्छी नींद अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रुरी भी है। ऐसा कहा जाता है If you cannot sleep, you cannot heal, यानी अगर आप सोएंगे नहीं तो आप सही नहीं हो पाएंगे। नींद शरीर के लिए आराम करने का सबसे बेहतरीन तरीका है। इंसान के शरीर को नींद की उतनी ही जरूरत है जितनी खाने पीने की। 
 
हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद बहुत ही जरूरी है। पर्याप्त नींद नहीं लेने से हमारी कार्यक्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है।
हर उम्र में शरीर की नींद की अवधि की जरूरत बदलती है। नवजात शिशु 18 घंटे तक सोते हैं तो वयस्कों को औसतन आठ घंटे की नींद की जरूरत होती है। पर्याप्त नींद के अभाव का सीधा असर हमारे शरीर की चयापचय प्रक्रिया (Metabolic Process) पर पड़ता है और इससे मधुमेह, वजन का बढ़ना , उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
 
अनिद्रा की समस्या : चिकित्सा शास्त्र के अनुसार हफ्ते में तीन बार पूरी रात न सोने को नींद न आने की बीमारी यानी अनिद्रा समझा जाता है। अनिद्रा यानी Insomnia, दुनिया भर की आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है, जो किसी भी उम्र के पुरुषों और महिलाओं में हो सकती है। इन दिनों लोग विभिन्न प्रकार की अनिद्रा से पीड़ित हैं।

अनिद्रा के कारण
नींद न आने की समस्या (अनिद्रा) के उपचार के लिए, इसके पीछे के कारणों को जानना और उनका इलाज करना महत्वपूर्ण है। यह जीवन की घटनाओं, तनाव और बुरी आदतों के कारण हो सकती है जो आपके सोने के तरीके को प्रभावित करते हैं। 

  • तनाव- परिवार की वित्तीय स्थिति, स्वास्थ्य, विद्यालय और काम के बारे में चिंता करना, अगर आप थक गए हों तो हमारा मन भी सक्रिय हो सकता है। जिससे सोना बहुत कठिन हो जाता है आघात या जीवन की घटनाओं जैसे नौकरी छूट जाना, तलाक, बीमारी या किसी प्रिय की मौत के कारण अनिद्रा हो सकता है
  • कार्य या यात्रा कार्यक्रम- काम की शिफ्ट का बार बार बदलते रहना, लेट शिफ्ट तक काम करते रहना,अलग-अलग समय क्षेत्रों में यात्रा करने से आपके शरीर का नींद चक्र बाधित हो सकता है और अनिद्रा को जन्म दे सकता है।
  • अस्वस्थ नींद की आदतें- नींद की आदतें जैसे कि सोने से पहले खाना, बहुत ज्यादा टेलीविजन देखना, काम के दौरान अपने बिस्तर का उपयोग करना, सोने का वातावरण सही ना होना, सोने से पहले उत्तेजनाओं वाले कम करना, अनियमित सोने के समय अनिद्रा पैदा कर सकता है।
  • मानसिक समस्याएं- जैसे पोस्ट ट्रामाटिक तनाव विकार या चिंता विकार जैसे विकार भी अनिद्रा को गति प्रदान कर सकते हैं।
  • दवाएं- चिकित्सकीय दवाओं और रक्तचाप और अस्थमा के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाएं भी अनिद्रा पैदा कर सकती हैं।
  • अल्कोहल और नशीले पदार्थ- शराब, कैफ़ीन, निकोटीन और नशीले पदार्थों का सेवन भी अनिद्रा का कारण बन सकते हैं। कैफीन नींद में जाने की आपकी क्षमता को सीमित करता है जबकि शराब और अन्य नशे नींद में खलल डालते हैं और बार बार नींद टूटती है। 
  • नींद का कमज़ोर रुटीन और आसपास का माहौल- लंबे समय तक अनियमित नींद स्वस्थायवर्धक नहीं हैं और अनिद्रा रोग का कारण बन सकती है। असुविधाजनक माहौल में सोने से भी नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ता है जैसे तेज़ रोशनी या शोरशराबे में। 
  • जीवन से जुड़ी घटनाएं- अगर आप रात की पाली में काम करते हैं या अलग टाइम ज़ोन में आपका तबादला हो जाता है तो आपका शरीर इस बदलाव से तारतम्य नहीं बैठा पाता और आपको नींद लेने में दिक्कत आ सकती है। 
  • बुढ़ापा- जैसे जैसे लोग उम्रदराज़ होते हैं, उन्हें अनिद्रा रोग की शिकायत होने लगती है। दिन में जल्दी थक जाने से नींद के पैटर्न बदल सकते हैं। शारीरिक गतिविधि में कमी भी नींद की गुणवत्ता पर असर डालती है। उम्र बढ़ने के साथ आपको अन्य तक़लीफें भी घेर सकती हैं जो आपकी नींद को बाधित कर सकती हैं। 

अनिद्रा के लक्षण

  • नियमित रूप से सिर में दर्द या पेट में दर्द रहना
  • ध्यान केंद्रित करने में या किसी बात पर ग़ौर करने में असुविधा, एकाग्रता की कमी या दिक्कत महसूस होना
  • किसी भी काम में मन नहीं लगना
  • स्मरण शक्ति कमजोर होने लगती है
  • हमेशा शरीर थका-थका, आलस्य जैसी हीन भावना रहना
  • बेचैनी, करवटें बदलना
  • बार-बार नींद खुल जाना और दुबारा आने में परेशानी आना

अनिद्रा के प्रकार
अल्पावधि अनिद्रा - यह कुछ दिनों से कुछ हफ्तों तक रहता है और 3 हफ्तों से ज़्यादा समय तक नहीं रहता। जो की आमतौर पर एक दर्दनाक घटना के प्रभाव या तनाव के कारण हो सकता है। इसके आलावा तनाव या जीवन में किसी प्रकार का फेरबदल होना। टेम्पररी इन्सोमनिया हो सकता है और कई दूसरे कारणों से भी अनिद्रा रोग हो सकता है जैसे बहुत काम करना, बहुत घूमना, वातावरण में बदलाव। इन स्थितियों मे व्यक्ति को किसी चिकित्सा की जरूरत नहीं होती।

दीर्घावधि अनिद्रा - यह एक महीने से भी अधिक लम्बा हो सकता है यह तब होता है जब व्यक्ति में कुछ परेशानियां पायी जाती हैं जैसे सोने में परेशानी होना। कई रातों तक जागने के बाद सोना। या कुछ दवाओं के साइडइ फेक्ट्स मरीज़ यह सोच कर परेशान रहता है कि उसकी नींद पूरी नहीं हुई है।


इनसोमनिया से बचने के तरीके  

  • अनिद्रा से बचाव इस बात पर निर्भर करता है क‍ि मरीज किस प्रकार से अपने आप को आराम दे सकता है। कुछ सामान्य बदलाव हर उम्र के अनिद्रा के मरीज़ों के लिए लाभदायक होते हैं।
  • सही समय पर उठना और सही समय पर सोना।
  • सोने तभी जाएं जब आपको लगने लगे की आपको नींद आ रही है।
  • सोते हुए अपने आप को रिलेक्स छोड़ दें इससे आपको तनाव से आराम मिलता है और जल्दी नींद आती है।
  • अनिद्रा से बचने के लिए शाम के समय का व्यायाम एक अच्छा विकल्प होता है।
  • अपने सोने के कमरे का वातावरण साफ रखे कमरे में जादा वस्तुओं को न रखे।
  • सोने से दो घंटे पहले भोजन कर लें।
  • इनसोमनिया से बचने के लिए मोबाइल और इन्टरनेट का इस्तेमाल सोने से पहले ना करें।
  • हलकी नीली लाइट में जल्दी नींद आती है, इसका उपयोग आप अपने सोने वाले कमरे में कर सकते है।
  • साइकॉलजिस्ट की मदद से इन्सोमनिया के भावुक कारणों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
  • कुछ स्थितियां ऐसी होती हैं जिनमें मरीज़ के लिए दवाएं लेना भी ज़रूरी हो जाता है लेकिन दवाएं भी सावधानी से लेनी चाहिए।

अनिद्रा रोग के घरेलू इलाज 

  • एक गिलास हरी इलाइची वाले गर्म दूध का सेवन सोने से पहले अत्यंत सहायक है
  • एक चम्मच मुलेठी का पाउडर 1 गिलास दूध के साथ प्रातः काल सेवन करना चाहिए 
  • तीन ग्राम पुदीने के पत्ते लेकर 1 कप पानी में 15-20 मिनट तक उबालें। रात्रि को सोने से पहले एक चम्मच शहद के साथ कुनकुने होने पर सेवन करें
  • सोने से पहले नारियल या सरसों तेल से पैरों और पिंडलियों में मालिश करना अत्यंत लाभकर है
  • एक चम्मच ब्राहमी और अश्वगंधा का पाउडर 2 कप पानी आधा रह जाने तक उबालें। रोज़ सुबह इसका सेवन करना लाभदायक है
  • कटे हुए केले पर पीसा हुआ ज़ीरा डाल कर प्रति रात्रि शयन से पूर्व खाना भी नींद लाने में सहायक है
  • ताज़े फलों और सब्जियों का सेवन, छिलकासहित पिसे हुए अन्न, छिलका सहित दालें, दुग्ध एवं मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए
  • अश्वगंधा और सर्पगंधा बराबर मात्रा में पीस कर इसका चूर्ण बना ले। रात को सोने से पूर्व चार से पांच ग्राम चूर्ण 1 गिलास पानी के साथ ले। इस आयुर्वेदिक दवा से आपको अच्छी और गहरी नींद मिलेगी।
  • गर्म दूध पीने से आरामदायक अहसास मिलता है क्योंकि दूध में ट्रिप्टोफेन (Tryptophan) नामक यौगिक होता है जो एक प्राकृतिक निद्राकारक है। हल्के गर्म दूध के छोटे गिलास में एक चुटकी दालचीनी डालकर पीने से अच्छी नींद आती है
  • एक कप दूध में एक चम्मच तुलसी का रस डालकर पीने से अच्छी नींद आती है|

नींद के लिए योग
 सही प्रकार नींद न आना एक बड़ी समस्‍या है। और इस कारण आपको कई अन्‍य परेशानियां भी हो सकती हैं। नींद पूरी न होने का असर आपके मानसिक और शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ता है जिसका खामियाजा आपके सामाजिक और पारिवार‍िक जीवन को भुगतना पड़ता है। नींद की इसी समस्‍या को दूर करने के लिए आप योग का सहारा ले सकते हैं। योग मानसिक तनाव दूर कर आपको शांति पहुंचाने में काफी मदद करता है।

  1. विश्राम मुद्रा : इस मुद्रा को करने के लिए चटाई पर सीधा लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को साइड में रख लें। अपने शरीर को आराम दें और गहरी सांस लें। धीरे-धीरे अपनी कलाई और एड़ि‍यों को चारों ओर घुमाएं। यह आपकी बॉडी को आराम देगा। अब अपने पैरों के अंगूठे और उंगलियों को स्ट्रेच करें और कुछ देर आराम की स्थिति में रहें।
  2. अधोमुख स्‍वानासन : धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपने घुटनों को ऊपर उठाएं। जितना संभव हो अपने पैरों को बढ़ाएं और श्रोणि को थोड़ा अंदर के ओर झुका लें। कुछ मिनट इसी मुद्रा में रहे। यह अद्भुत मुद्रा थकान और अनिद्रा को कम करती है और पाचन में सुधार होगा।
  3. विपरीताकरनी : इस योग को करने के लिए दीवार के करीब पीठ करके लेट जाएं ताकि आपके कूल्हों दीवार को छुए और पैरों दीवार के विपरीत हो जाएं। इस मुद्रा में कम से कम 15 मिनट तक रहें। यह योग आपको सोने के लिए बिस्तर पर जाने पर आराम महसूस करायेगा।
  4. उद्गीथ प्राणायाम : इस योग को करने के लिए एक चटाई पर बैठ जाएं और श्वास लें। अब अपने मुंह से सांस को छोड़ें और साथ ही सांस को छोड़ते समय 'ओम' का उच्‍चारण करें। इस क्रिया को 5-8 मिनट तक करें। यह योग स्लीवप एपनिय के लिए आपके गले की मांसपेशियों को टोन करने में मदद करती है।
  5. अर्द्धउत्‍तानासन : इस योग को करने के लिए आगे की ओर झुकें। अपने ऊपरी आधे हिस्से को निचले आधे हिस्से की तरफ मोड़ें और अपने पैरों को एक मिनट के लिए पकड़ लें। यदि आपको ऐसा करने में परेशानी हो रही है तो अपने हाथों को कुछ देर के लिए आराम दें फिर ऐसा करें।
  6. तितली आसन : फर्श पर बैठकर अपने पैरों के दोनों तलवों को अपने सामने लाकर मिला लें और अपने हाथों से दोनों पैरों को पकड़ें। उसके बाद एक लंबा सा श्वास अन्‍दर की तरफ लें। अपनी सांस को छोड़ें और अपने कूल्‍हों को आगे की ओर झुकाएं।
  7. शिशुआसन  : फर्श पर सीधा बैठें और अपने पैरों को आगे की तरफ फैलाकर आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अपनी रीढ़ को सीधा रखकर श्वास को लंबा खीचें। अब सांस को छोड़ें और कूल्‍हों को आगे की ओर झुकाएं। सांस को लेते और छोड़ते समय आराम से करें और अपनी सांस पर ध्‍यान दें।
  8. भस्त्रिका प्राणायाम : भस्त्रिका प्राणायाम को प्रतिदिन करने से आप तनावमुक्‍त रहेंगे और आपको नींद भी अच्‍छी आएगी। इसको करने के लिए रीढ़ और कमर को सीधा रखें और लंबी सांस लें और मुंह बंद करके नाक से सांस निकालें। फिर गति बढ़ाते हुए जल्दी-जल्दी आवाज के साथ सांस भरें और निकालें।
  9. अनुलोम-विलोम : अनुलोम-विलोम प्राणायाम को प्रतिदिन करने 10 मिनट करने से अच्‍छी नींद आती है। इस आसन को करने के लिए सीधे बैठ जाएं और फिर दाएं हाथ के अंगूठे से नाक का दाया छेद को बंद करें और सांस को अन्‍दर की ओर खींचे। फिर उसी हाथ की दो उंगलियों से बाईं ओर का छेद बंद कर दें और अंगूठा हटाकर दाईं ओर से सांस छोड़ें। इसी क्रिया को नाक की बाएं तरफ से भी दोहराएं।

(लेखक जाने-माने योग गुरु हैं) 

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