- नीदरलैंड में कोरोना मरीजों के बीच 1 महीने की गई विटामिन K के बारे में रिसर्च
- विटामिन K के सेवन से यदि मरीज को नहीं होगा फायदा तो नहीं होगा कोई नुकसान
- एंटी-क्लॉटिंग और खून को पतला करने की दवा का सेवन कर रहे लोग न करें विटामिन के का इस्तेमाल
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के टीके की खोज में पूरी दुनिया जोर-शोर से जुटी है लेकिन अबतक इसमें किसी को भी सफलता नहीं मिल पाई है। ऐसे में सावधानी और बचाव ही कोरोना से जंग का एकलौता रास्ता नजर आ रहा है। लोगों की कोरोना लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कई तरह के उपाय ढूंढे जा रहे हैं। इसी कड़ी में एक शोध में पाया गया है कि कुछ तरह की चीज में पाया जाने वाला विटामिन के कोरोना से रक्षा में मददगार साबित हो सकता है।
नीदरलैंड के निजमीजेन शहर के कैनीलियस विलहेलमिना हॉस्पीटल ने अपने यहां भर्ती कोरोना मरीजों में एक विश्लेषण के लिए कार्डियोवस्कुलर रिसर्च इन्सटीट्यूट मस्ट्रिच के साथ साझेदारी की। अस्पताल ने 12 मार्च से 11 अप्रैल के बीच भर्ती हुए कोरोना के 134 मरीजों के साथ उसी आयु वर्ग के 184 स्वस्थ लोगों पर भी परीक्षण किया।
इस रिसर्च में शामिल रहीं एक शोधार्थी जोना वॉक ने बताया कि शोध के दौरान दो समूहों में कोरोना वायरस के मरीजों को बांटा गया और इलाज के दौरान कुछ को विटामिन K और कुछ को प्रायोगिक दवा दी गई। उन्होंने आगे कहा कि वो मरीजों को विटामिन का हाई डोज देना चाहते थे जिससे कि उनके फेफड़े सुरक्षित रहें। शोध में जुटे लोग ये जानना चाहते थे कि इसका मरीज पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा हो।
क्या है विटामिन K और कोरोना के बीच कड़ी
रिचर्स का एक लक्ष्य गंभीर कोरोना वायरस और शरीर में पोषक तत्वों की कमी के बीच की कड़ी की पहचान करना भी था। विटामिन के की शरीर को आवश्यक्ता कई कार्यों के लिए होती है। विटामिन के प्रोटीन निर्माण में और रक्त का थक्का जमाने के काम आता है। इसके साथ ही यह लोगों को फेफड़े की बीमारियों से भी बचाता है।
जैसे कि कोविड 19 के कारण खून जमने लगता है और फेफड़ों में लचीले फाइबर के डीजनरेशन(अध: पतन) की ओर ले जाता है। ऐसे में रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों का मानना है कि विटामिन के की शरीर में मात्रा बढ़ाने से कोरोना से लड़ने में मददगार साबित होगी। हालांकि नीदरलैंड के रिसर्स करने वालों को इसके क्लीनिकल ट्रायल के लिए फंडिंग की तलाश है। लेकिन उन्होंने लोगों से अनुरोध किया है कि वो अपनी खुराक में विटामिन के की मात्रा को बढ़ाएं।
विटामिन K का नहीं है कोई साइडइफेक्ट
इसी शोध में शामिल एक अन्य सदस्य डॉ रोब जैनसेन ने कहा, यदि विटामिन K दिए जाने का कोरोना मरीजों को कोई लाभ नहीं होगा तो भी उनकी हड्डियों, नसों और फेफड़े के लिए यह फायदेमंद साबित होगा। विटामिन K के इस्तेमाल से किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं होता है। हालांकि इसका सेवन उन मरीजों को नहीं करना चाहिए जो एंटी-क्लॉटिंग और खून को पतला करने की दवा का सेवन कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य सभी लोगों के लिए विटामिन K का इस्तेमाल करना सुरक्षित है।
विटामिन के कौन से हैं स्रोत
विटामिन के दो तरह के होते हैं K1 और K2। K1 प्राकृतिक रूप से पालक, ब्रोकली, ब्लूबेरी, हरी सब्जियों और सभी तरह के फलों में पाया जाता है। K2 को शरीर अच्छी तरह से अवशोषित कर लेता है। यह मुख्य रूप से डच और फ्रेंच चीज में पाया जाता है। इसके अलावा जापानी पकवान फर्मेंटेड सोयाबीन जिसे नट्टो भी कहा जाता है उसमें विटामिन K2 प्रचुर मात्रा में होता है। जापान के जिस इलाके में इस डिश का लोग सेवन करते हैं वहां कोरोना से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है।