- 45 के बाद कभी भी शुरु हो सकता है मेनोपॉज
- मेनोपॉज के शुरुआती अवस्था में शरीर में देखने को मिल सकते हैं कई बदलाव
- पीरियड्स बंद होना मेनोपॉज की हो सकती है स्थिति
International women's day : जब महिलाओं को पीरियड्स आना बंद हो जाता है, तो इस स्थिति को मेनोपॉज कहा जाता है। मेनोपॉज की शुरुआती अवस्था में महिलाओं के शरीर में कई शारीरिक और मानसिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को काफी बेचैनी, घबराहट, चिड़चिड़ापन जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मेनोपॉज से जुड़े कई सवाल लोगों के मन में होते हैं। ऐसे में एक अहम सवाल यह है कि महिलाओं को मेनोपॉज कब होता है? महिलाओं में मेनोपॉज 45 से 55 वर्ष की उम्र में किसी भी वक्त हो सकता है। इसका कोई निश्चित समय नहीं है।
Also Read: पीरियड्स का दर्द नहीं हो रहा है बर्दाश्त, इन 4 आयुर्वेदिक नुस्खों से मिलेेगा आराम
महिलाओं में मेनोपॉज कब होता है?
महिलाओं में मेनोपॉज तब होता है, जब किसी महिला को लगातार 12 महीनों तक पीरियड्स नहीं आते हैं। खासतौर पर जब वह स्वाभाविक रूप से गर्भवती नहीं हो सकती है। यह स्थिति आमतौर पर 45 साल से 55 की साल उम्र के बीच की महिलाओं में शुरू होता है, लेकिन कभी-कभी यह स्थिति 40 के आसपास की महिलाओं में भी देखी जा सकती है। मेनोपॉज के शुरुआती अवस्था के दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
मेनोपॉज के चरण
इसके साथ ही मेनोपॉज की अवस्था को तीन चरणों में बांटा गया है।
- पेरिमेनोपॉज
- मेनोपॉज
- पॉस्टमेनोपॉज
Also Read: 35 के पार महिलाओं को रखना चाहिए अपना खास ध्यान, वरना हो सकती हैं ये समस्याएं
मेनोपॉज के कुछ सामान्य लक्षण
आमतौर पर महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षण तब शुरू होते हैं, जब महिला के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम होने लगता है। यह स्थिति आमतौर पर मेनोपॉज शुरू होने से करीब 3 से 5 साल पहले शुरू हो जाती है। मेनोपॉज की अवस्था शुरू होने से पहले करीब 10 सालों तक पेरिमेनोपॉज शुरू हो सकता है। कभी-कभी कुछ लोग मेनोपॉज और पेरीमेनोपॉज के बीच अंतर को समझ नहीं पाते हैं। मेनोपॉज के लक्षण कई तरह के हो सकते हैं। जैसे-
- योनि में परिवर्तन होना
- अचानक बुखार के साथ-साथ गर्मी जैसा महसूस होना
- रात के समय काफी ज्यादा पसीना आना
- भावनात्मक परिवर्तन
- नींद में कमी आना
- ठंड लगना इत्यादि
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)