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40 की उम्र में हार्ट अटैक, रहें अलर्ट, इन वजहों से बढ़ा खतरा

Updated Sep 29, 2021 | 11:24 IST

World Heart Day: कम उम्र में हार्ट अटैक होने की सबसे बड़ी वजह , धुम्रपान (Smoking) बन गया है। इसके बाद लाइफस्टाइल एक बड़ा फैक्टर है। जिसकी वजह से लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspGetty Images
सांकेतिक इमेज: कम उम्र में हार्ट अटैक के मामले बढ़े
मुख्य बातें
  • साल 1990 से 2016 के बीच भारत में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामलों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
  • लाइफ स्टाइल में बदलाव से सबसे ज्यादा दिल की बीमारी का जोखिम बढ़ा है। कम नींद, जंक फूड एक बड़ी वजह बने हैं।
  • महिलाओं की तुलना में पुरूष को ज्यादा दिल के दौरे पड़ते हैं।

नई दिल्ली।  हार्ट की समस्या आजकल सामान्य बनती जा रही है। कई ऐसे मामले सामने आए है, जब कम उम्र में ही लोगों को हार्ट अटैक आ रहा  है। ऐसे में सवाल उठता है कि हार्ट प्रॉब्लम (दिल का बीमारी) जिसे आम तौर पर बुढ़ापे की बीमारी माना जाता है, वह अब 30 और 40 साल के लोगों को कैसे अपने चपेट में ले रही है। खास तौर से ऐसे लोग जो पूरी तरह से फिट हैं और उन्हें कभी कोई पहले से दिक्कत भी नहीं हुई है। क्या अब हार्ट अटैक एक लाइफ स्टाइल बीमारी हो गई है, जिसकी वजह से इस तरह के मामले सामने आने लगे हैं।
 
भारत में हार्ट अटैक  के 50 फीसदी मामले बढ़े

मेडिकल जनरल लॉन्सेट की रिपोर्ट के अनुसार साल 1990 से 2016 के बीच भारत में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामलों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार हर 100 में से 28.1 लोग हार्ट अटैक और स्ट्रोक से मर रहे हैं। इसमें से हार्ट अटैक से करीब 18 लोगों की मौत होती है। अहम बात यह है कि इसमें 50 फीसदी लोग ऐसे हैं जिनकी उम्र 70 से भी कम है। इसमें भी एक बड़ी संख्या 50 के उम्र के आस-पास के लोगों की है। हार्ट अटैक और स्ट्रोक से महिलाओं की तुलना में पुरूषों की ज्यादा मौत होती है। 

कम उम्र में हार्ट अटैक क्यों

सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि अब हार्ट अटैक ऐसे लोगों को होता है, जो शरीर से फिट दिखते हैं, उनकी उम्र भी बेहद कम है। उन्हें पहले से कोई बीमारी नहीं है। ऐसा क्यों होता है और हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस पर कैलाश अस्पताल के क्रिटिकल केयर विभाग के प्रमुख डॉ प्रशांत राज गुप्ता और नोएडा स्थित फोर्टिस हॉस्पटल के एडिशनल डायरेक्टर (कॉर्डियोलॉजी) डॉ प्रनीश अरोड़ा से टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल ने बातचीत की है। 

डॉ प्रशांत राज गुप्ता - कम उम्र में हार्ट अटैक होने की सबसे बड़ी वजह लोगों की लाइफ स्टाइल और खान-पान है। ये दोनों चीजों बहुत खराब हो चुकी है। लोग ठीक से नींद नहीं लेते हैं, रात में देर तक जगते हैं। खाने में जंक फूड, पॉम ऑयल का इस्तेमाल बढ़ गया है। जिसकी वजह से जोखिम बढ़ता जा रहा है। आज जो रिफाइन्ड तेल इस्तेमाल किया जा रहा है, उसमें पॉम आयल भी मिलाया जाता है। इसके अलावा भोजन में मैदे वाली चीजों की हिस्सेदारी बढ़ गई है। प्रीजरवेटिव फूड खाया जा रहा है। सब्जियों का इस्तेमाल कम हो गया है। जिससे भी जोखिम कहीं ज्यादा हो गया है।

 डॉ प्रनीश अरोड़ा -कम उम्र में हार्ट अटैक होने की सबसे बड़ी वजह , धुम्रपान (Smoking) है। इसके बाद लाइफस्टाइल एक बड़ा फैक्टर  है। हो सकता है कि आप बाहर से फिट दिखते हैं, लेकिन लाइफस्टाइल आपके शरीर को नुकसान पहुंचाती है। नींद कम लेना, बैलेंस डाइट नहीं होना , ऐसे लोग जो रात में काम करते हैं और मनोवैज्ञानिक सामाजिक प्रेशर भी हार्ट अटैक की वजह बन रहा है। 

अचानक हार्ट अटैक कैसे 

डॉ प्रशांत राज गुप्ता - ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर के अंदर जो क्लॉटिंग होती है। वह किसी दूसरे अंग में रहती है। और वह रियलटाइम में जाकर दिल को खून पहुंचाने वाली धमनियों को ब्लॉक कर देती है। जिसकी वजह से अचानक दिल्ली का दौरा पड़ता हैं और इसका अंदाजा पहले से लग नहीं पाता है। यह ऐसे लोगों को ज्यादा होता है, जिनकी दिल को खून पहुंचाने वाली धमनियों में पहले से ब्लॉकेज है। ऐसे में जब ब्लॉकेज दूसरे अंग से अचानक पहुंचता है तो व्यक्ति को मौका ही नहीं मिल पाता है। जिसे थंबोलाई कहा जाता है।

 डॉ प्रनीश अरोड़ा - देखिए हार्ट अटैक का मूल लक्षण यही है कि वह कोई चेतावनी नहीं देता है। 50-60 फीसदी हार्ट अटैक ऐसे होते हैं, जिसमें पहले से मरीज को कोई चेतावनी नहीं मिलती है। ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि रक्त नलिकाओं में ब्लॉकेज 20-30 फीसदी पहले से होता है। लेकिन जैसे ही शरीर में कुछ बदलाव होते हैं तो वह हिस्सा फट (Rupture) जाता है। जिसकी वजह से पूरी तरह से ब्लॉकेज हो जाता है। और हार्ट अटैक आता है।

लोगों की लापरवाही वजह

डॉ प्रशांत राज गुप्ता -देखिए शरीर आपको सतर्क जरूर करता है। आयुर्वेद मे तो साफ तौर पर कहा गया है कि जब व्यक्ति को लगे कि उसका शरीर सामान्य नहीं है, तो इसका मतलब है कि कहीं कुछ गड़बड़ है। आम तौर पर लोग इस तरह के संकेत को नजर अंदाज कर देते हैं। मसलन आपका स्ट्रेस लेवल ( Stress level) ज्यादा है, नींद कम आती है, पेट साफ नहीं हो रहा है, शरीर के किसी हिस्से में लगातार दर्द रहता है। तो मतलब साफ है कि आपके शरीर में समस्या है। लेकिन लोग इन चीजों को नजर अंदाज करते हैं। जिसकी वजह से यह समस्या अचानक सामने आती है।

डॉ प्रनीश अरोड़ा - खतरे से बचने के लिए जरुरी है कि हर साल  रेग्युलर हेल्थ चेकअप कराएं। जैसे अमेरिका में 20 साल की उम्र से ही लोग रेग्युलर हेल्थ चेक अप कराने लगते हैं। ऐसे में शरीर में कोई बीमारी के लक्षण हैं, तो शुरूआती समय में पता चल जाता है। और उसका इलाज हो जाता है। इसलिए बेसिक रेग्युलर चेकअप बेहद जरूरी है।

इसके अलावा जेनेटिक कारण भी होते हैं। क्योंकि हम युवा रहते अपने शरीर पर कम ध्यान देते हैं। ऐसे में अगर किसी के परिवार में कम उम्र में हार्ट अटैक या उससे जुड़ी समस्याओं की हिस्ट्री है, तो उसे रेग्युलर चेकअप कराना चाहिए। अगर किसी के परिवार में 45 साल से कम उम्र में किसी पुरूष को और 55 साल से कम उम्र में किसी महिला को हार्ट प्रॉब्लम रही है तो, उस परिवार के सदस्यों को सतर्क रहने की जरूरत है।