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World Osteoporosis Day: महिलाओं के लिए बड़ा खतरा है ऑस्टियोपोरोसिस, इन 5 तरीकों से करें बचाव 

Updated Oct 17, 2018 | 16:36 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

ऑस्टियोपोरोसिस होने का मतलब है शरीर में हल्की चोट से भी फ्रेक्चर होने की संभावना, लेकिन इस बीमारी को होने से पहले ही रोक लेना समझदारी है। जानिए वो पांच तरीके जिससे ऑस्टियोपोरोसिस रहेगा दूर।

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तस्वीर साभार:&nbspThinkstock
World Osteoporosis Day

World Osteoporosis Day: फीमेल्स में ऑस्टियोपोरोसिस यानी कैल्शियम की अत्यधिक कमी होना बहुत ही गंभीर बीमारी हैं। खास कर ये बीमारी मेनोपॉज के बाद होती है और अधिकांश महिलाओं में ये रोग पाया जाता है। इंटरनेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन की माने तो पूरे विश्व में तीन में एक महिला की 50 के बाद हड्डियों का टूटा आम है और इसका कारण ऑस्टियोपोरोसिस ही होता है।

इस फाउंडेशन ने ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए पांच टिप्स भी शेयर किए हैं और उनका कहना है कि इन पांच टिप्स को फॉलो कर ऑस्टियोपोरोसिस जैसी कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं ये टिप्स...

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महिलाओं के लिए बड़ा खतरा है ऑस्टियोपोरोसिस, इन 5 तरीकों से करें बचाव

1- एक्सरसाइज : 30 से 40 मिनट तक की फिजिकल एक्टिविटी ऑस्टियोपोरोसिस से बचा सकती है। हफ्ते में तीन से चार बार अगर 40 मिनट तक की गई कार्डियो एक्सरसाइज इस रोग से बचा जा सकता है।

2- विटामिन डी और कैल्शियम : विटामिन डी और कैल्शियम युक्त डाइट ही इस रोग से बचा सकती है। रोजाना सुबह छह बजे से आठ बजे तक के बीच धूप लेने से विटामिन डी की कमी पूरी हो सकती है। वहीं दूध, दही, पनीर आदि का सेवन करना चाहिए। चाहें तो डॉक्टर से सलाह लेकर इनके सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।

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3- गंदी आदतें : चाय के बाद तुरंत विटामिन सप्लीमेंट लेना, स्मोकिंग या तंबाकू जैसी चीजों के खाने की आदि हैं तो इसे तुरंत बंद कर दें क्योंकि इससे शरीर में कैल्शियम का एब्ज़ार्बशन प्रभावित होता है। साथ ही जो फीमेल्स वेट रिड्यूस करने के लिए ओवर डाइटिंग करती हैं उन्हें भी ऑस्टियोपोरोसिस की दिक्कत होती हैं। अंडरवेट फीमेल्स को भी ये बीमारी होने की संभावना ज्यादा होती है तो अपने वेट मैनेजमेंट को सही रखें।

4- रिस्क फैक्टर्स को भी जानें : वैसे तो ये रोग मुख्यत: मेनोपॉज के वक्त ही शुरु होता है लेकिन इसके अलावा भी कई और कारण हो सकते हैं। जैसे आर्थराइटिस की दवा का साइड इफेक्ट, या माल एब्जार्बशन डिसॉडर। यही नहीं जेनेटिक डिसॉडर भी यहां रिसपॉसेबल होता है। इसलिए अगर फैमली में ऑस्टियोपोरोसिस की हिस्ट्री हो तो आप समय रहते सतर्क हो जाएं।

5- बोन डेंसेटी की जांच कराना : 40 के बाद से ही अपने बोन डेंसेटी की जांच कराना शुरू कर दें ताकि समय रहते बीमारी का पता चल सके।

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