- बॉम्बे हाई कोर्ट की जज पुष्पा गनेड़ीवाला को गुजरात की महिला ने भेजे 150 कंडोम
- जस्टिस पुष्पा गनेड़ीवाला के स्कीन-टू- स्कीन वाले फैसले से नाराज थी महिला
- खुद को एक राजनीतिक विश्लेषक बताती हैं अहमदाबाद की देवश्री त्रिवेदी
मुंबई: गुजरात की एक महिला ने बॉम्बे हाईकोर्ट की जज जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला को 150 कंडोम भेजे हैं। खुद को राजनीतिक विश्लेषक बताने वाली अहमदाबाद की देवश्री त्रिवेदी जस्टिस गनेड़ीवाला के यौन शोषण संबंधी विवादित 'स्कीन टू स्कीन' वाले फैसले से नाराज थीं और अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए उन्होंने जज को ये कंडोम के पैकेट भेजे हैं। पुष्पा गनेड़ीवाला हाल-फिलहाल में दिए गए अपने विवादित फैसलों को लेकर चर्चा में रही हैं।
फैसलों से हैं नाराज
देवश्री त्रिवेदी ने यूट्यूब पर खुद का एक वीडियो अपलोड किया, जहां वह 12 पैकेट में लगभग 150 कंडोम पैक कर रही थी। महिला ने 13 फरवरी को विभिन्न पतों के साथ नागपुर में हाईकोर्ट रजिस्ट्री और जज के आधिकारिक आवास के पते पर कंडोम के पैकेट भेजे। देवश्री त्रिवेदी का दावा है कि उसने 12 अलग-अलग स्थानों पर कंडोम भेजे हैं. जिनमें जस्टिस गनेड़ीवाला का चैंबर, नागपुर बेंच की रजिस्ट्री सहित अन्य स्थान शामिल हैं। देवश्री त्रिवेदी का दावा है कि वह जस्टिस गनेड़ीवाला के फैसलों से नाराज हैं।
दिया था विवादित फैसला
दरअसल हाई कोर्ट की नागपुर बेंच की जज जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला ने हाल ही में एक विवादित फैसला देते हुए अपने आदेश में कहा कि किसी हरकत को यौन हमला माने जाने के लिए ‘गंदी मंशा से त्वचा से त्वचा (स्किन टू स्किन) का संपर्क होना’ जरूरी है। उन्होंने अपने फैसले में कहा कि महज छूना भर यौन हमले की परिभाषा में नहीं आता है। कोर्ट ने कहा कि 12 साल की नाबालिग बच्ची को निर्वस्त्र किए बिना, उसके वक्षस्थल (ब्रेस्ट) को छूना, यौन हमला (Sexual Assault) नहीं कहा जा सकता।
प्रमोशन रूका
जस्टिस गनेड़ीवाला ने इससे पहले भी एक विवादित फैसला सुनाते हुए हा था कि पॉक्सो ऐक्ट के तहत पांच साल की बच्ची के हाथ पकड़ना और ट्राउजर की जिप खोलना यौन अपराध नहीं है। यही नहीं वह पहले भी अपने कई फैसलों की वजह से चर्चा में रह चुकी हैं। इन फैसलों की वजह से कुछ समय पहले ही उनका प्रमोशन रोक दिया गया है।