लखनऊ: आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने शनिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद सियासी अटकलें तेज हो गई हैं। सिंह ने 'भाषा' से बातचीत में अखिलेश से मुलाकात की बात स्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने सपा अध्यक्ष को जन्मदिन की बधाई दी और प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की। यह मुलाकात जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट कार्यालय में हुई।
राज्य में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में आप प्रदेश प्रभारी की अखिलेश से मुलाकात के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। हालांकि इस बारे में पूछे जाने पर संजय सिंह ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। इस सवाल पर कि क्या आगामी विधानसभा चुनाव में सपा और आप का गठबंधन हो सकता है, सिंह ने कहा, 'हम अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कह सकते।' बाद में संवाददाताओं से बातचीत में सिंह ने अखिलेश यादव से हुई मुलाकात के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा, 'हम संगदिली से राजनीति नहीं कर रहे हैं। ओमप्रकाश राजभर से दो बार मुलाकात हुई और इसी क्रम में अखिलेश यादव से मुलाकात हुई। उनको जन्मदिन की बधाई दी और ये एक शिष्टाचार मुलाकात रही। आगे जो भी निर्णय लेंगे, उससे आपको अवगत करा देंगे।'
सिंह ने प्रदेश की बदहाल कानून-व्यवस्था पर योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रतिशोध और नफरत की राजनीति के खिलाफ सबको एकजुट होकर खड़ा होना होगा। जिस तरह से बलात्कार, हत्या, लूट व अन्य आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं, उसके खिलाफ अब सबको एक साथ आवाज उठानी होगी। उन्होंने प्रदेश सरकार पर कानपुर के बिकरू गांव में पिछले साल जुलाई में हुए आठ पुलिसकर्मियों के हत्याकांड में एक जाति विशेष के खिलाफ दुर्भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए सरकार के खिलाफ विपक्ष से एकजुटता की अपील की।
इस बीच, पीसीएस संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हरिशंकर पांडेय आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। पार्टी प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि पांडेय को जल्द ही बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। पांडेय प्रदेश के ईमानदार और पेशेवर लोगों को पार्टी से जोड़ेंगे और गलत नीतियों के खिलाफ छेड़ी गई लड़ाई को कानूनी जामा पहनाने का काम करेंगे। प्रदेश इकाई जल्द ही प्रोफेशनल विंग का गठन करेगी। विंग का स्वरूप हरिशंकर पांडेय एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श के बाद तय होगा। सिंह ने स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से प्रत्याशी चयन का वही आधार होगा, जो हमेशा से रहा है।