लाइव टीवी

PM मोदी से मिले अफगानिस्तान से लौटे हिंदू-सिख, सुनाया तालिबान के जुल्‍मों का कि‍स्‍सा

Updated Feb 19, 2022 | 16:10 IST

अफगानिस्‍तान की सत्‍ता में तालिबान के काबिज होने के बाद वहां से भारत लौटे अफगान सिख व हिंदू समुदाय के लोगों का एक शिष्‍टमंडल पीएम नरेंद्र मोदी से मिला और मुश्किल के वक्‍त में मदद के लिए आभार जताया।

Loading ...
पीएम मोदी से मिला अफगान हिंदू सिख शरणार्थियों का शिष्‍टमंडल (तस्‍वीर साभार : Twitter@narendramodi)
मुख्य बातें
  • अफगानिस्‍तान से आए सिख-हिंदू शरणार्थियों ने पीएम मोदी से मुलाकात की
  • उन्‍होंने बुरे वक्‍त में मदद के लिए पीएम मोदी व भारत सरकार का आभार जताया
  • पीएम मोदी से मिलने वालों में निदान सिंह सचदेव भी रहे, जो बीते साल अफगानिस्‍तान से भारत आए

नई दिल्‍ली : अफगानिस्‍तान से तालिबान की हुकूमत के बाद जुल्‍मों का शिकार होकर भारत लौटे हिन्‍दू व सिख समुदाय के लोगों ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्‍होंने बुरे वक्‍त में भारतीय मूल के अफानी नागरिकों की मदद के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया। इनमें तालिबान द्वारा कभी अगवा किए गए और बीते साल अगस्‍त में अफगानिस्‍तान पर तालिबान के कब्‍जे के बाद काबुल से भारत आए निदान सिंह सचदेवा भी शामिल रहे।

निदान सिंह ने तब के हालात को बयां करते हुए आपबीती बताई और मदद के लिए पीएम मोदी तथा भारत सरकार को शुक्रिया भी कहा। उन्‍होंने कहा, 'तालिबान ने मुझे एक गुरुद्वारा से अगवा किया था। उन्‍हें लगा कि हम भारत के लिए जासूरी करते हैं। वे हमारा धर्म परिवर्तन करवाना चाहते थे... हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्‍यवाद देते हैं। खराब वक्‍त में भारत सरकार ने जिस तरह हमारी मदद की, उसके लिए हम आभारी हैं। हमें बस आश्रय और नागरिकता की आवश्‍यकता है।'

प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे सिख-हिंदू शिष्‍टमंडल में तरेंद्र सिंह भी शामिल रहे, जिन्‍होंने नागरिकता संशोधन कानून लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया और उम्‍मीद जताई कि उन लोगों के लिए यहां नागरिकता पाने की राह आसान होगी, जो अपनी धार्मिक पहचान की वजह से अफगानिस्‍तान में उत्‍पीड़न का सामना कर रहे हैं। तरेंद्र सिंह खुद अफगानिस्‍तान के निवासी हैं, जो 1989 में भारत आ गए थे।

यहां गौर हो कि अफगानिस्‍तान में बीते साल उस वक्‍त अफरातफरी की स्थिति पैदा हो गई थी, जब तालिबान ने 15 अगस्‍त, 2021 को राष्‍ट्रपति भवन पर कब्‍जा कर लिया था और तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति अशरफ गनी को देश छोड़कर भागना पड़ा था। इसके तुरंत बाद बड़ी संख्‍या में लोगों का यहां से पलायन शुरू हो गया था। काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भारी भीड़ एकत्र हो गई थी, जो किसी भी हालत में देश छोड़ना चाहते थे।

भारत ने भी अफगानिस्‍तान से अपने नागरिकों और ऐसे लोगों की निकासी के लिए अभियान चलाया था, जो मुल्‍क छोड़ना चाहते थे। वहीं, भारत की मौजूदा सरकार ने अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न झेलने वाले अल्पसंख्यकों के प्रति कई बार अपनी प्रतिबद्धता जताई है। यही वजह है कि अफगानिस्‍तान से भारत आए सिख और हिंदू समुदाय के शरणार्थियों ने शनिवार को पीएम मोदी के आवास पर उनसे मुलाकात कर उन्‍हें शुक्रिया कहा।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।