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'तालिबान से बातचीत नाकाम होने पर भारत से सैन्य मदद मांग सकते हैं', अफगानिस्तान के राजदूत का बड़ा बयान

Updated Jul 14, 2021 | 07:42 IST

Afghanistan-Taliban fight : भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुंदजई ने कहा है कि तालिबान के साथ बातचीत यदि असफल हो जाती है तो उनका देश भारत से सैन्य मदद की मांग करेगा।

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अफगानिस्तान में तालिबान का हो रहा कब्जा।
मुख्य बातें
  • अगस्त तक अफगानिस्तान से पूरी तरह लौट जाएगा अमेरिकी सेना
  • अमेरिकी सेना की वापसी के बीच तालिबान जिलों पर कब्जा कर रहा है
  • अफगानिस्तान सरकार की तालिबान के साथ शांति प्रक्रिया पर बातचीत जारी है

नई दिल्ली : अफगानिस्तान की सरकार का कहना है कि तालिबान के साथ अगर उसकी बातचीत नाकाम होती है तो वह भविष्य में भारत सरकार से सैन्य मदद मांग सकती है। अफगानिस्तान अपने देश में भारत से सैन्य दस्ते भेजने की मांग नहीं करेगा बल्कि वह अपने सैनिकों को प्रशिक्षण देने एवं तकनीकी मदद उपलब्ध कराने का अनुरोध करेगा। यह बात भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुंदजई ने एनडी टीवी के साथ बातचीत में कही। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी हो रही है और तालिबान का इस देश पर नियंत्रण बढ़ता जा रहा है जिससे भारत सहित अन्य देशों की चिंता बढ़ गई है।

जिलों पर नियंत्रण कर रहा तालिबान 
अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी होने के बीच तालिबान देश के इलाकों पर अपना नियंत्रण करता जा रहा है। इस दौरान उसकी बातचीत अफगानिस्तान सरकार के साथ भी हो रही है। अमेरिका का कहना है कि वह अगस्त तक अफगानिस्तान से पूरी तरह वापस हो जाएगा। साल 2001 के 9/11 हमले के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में अल कायदा के खिलाफ आतंक विरोधी अभियान की शुरुआत की और इसके 20 साल बाद वह इस देश से जा रहा है। 

भविष्य में भारत से सैन्य मदद मांग सकता है अफगानिस्तान  
समाचार एजेंसी एएफपी का कहना है कि समझा जाता है कि तालिबान और अफगानिस्तान के बीच दोहा में बातचीत चल रही है लेकिन इस बातचीत का धरातल पर कोई असर नहीं दिख रहा है क्योंकि ऐसा लगता है कि तालिबान के लड़ाके पूरे अफगानिस्तान को अपने नियंत्रण में लेना चाहते हैं। राजदूत ने कहा, 'तालिबान के साथ हमारी शांति प्रक्रिया अगर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचती है तब भविष्य में हम भारत से सैन्य मदद की मांग करेंगे। यह आने वाले वर्षों में हो सकता है।'

तालिबान से लड़ने के लिए सैनिक भेजने की मांग नहीं
उन्होंने कहा, 'हमारी मांग यह नहीं होगी कि भारत सरकार अफगानिस्तान में अपने सैनिक भेजे। तालिबान से युद्ध लड़ने के लिए अभी इनकी जरूरत नहीं है।' राजदूत ने बताया कि भारतीय सेना अफगानिस्तान कि कैसे मदद कर सकती है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान चाहेगा कि भारतीय वायु सेना उसके पायलटों को प्रशिक्षण दे। 

राजदूत ने कहा कि इस समय अफगानिस्तान की हालत 'गंभीर'
राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान की मौजूदा हालत 'अत्यंत गंभीर है'। देश के 376 जिलों में से 150 में अफगान सुरक्षाबल और तालिबान के बीच संघर्ष चल रहा है। उन्होंने कहा, 'देश के एक तिहाई भाग में लड़ाई चल रही है..केवल अप्रैल 2021 के बाद दो लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं जबकि करीब 4,000 लोगों की जान गई है।' 

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