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पी चिदंबरम ने कसा तंज, नरेंद्र मोदी ही सभी फैसले करते हैं, फर्क नहीं मंत्री कौन

Updated Jul 14, 2021 | 06:49 IST

कांग्रेस के कद्दावर नेता पी चिदंबरम ने कहा कि नरेंद्र मोदी ही सभी फैसले करते हैं इससे फर्क नहीं पड़ता कि उनकी कैबिनेट में मंत्री कौन है।

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पी चिदंबरम कांग्रेस के कद्दावर नेता
मुख्य बातें
  • मोदी सरकार में वित्त मंत्री एक्स या वाई फर्क नहीं पड़ता- पी चिदंबरम
  • पी चिदंबरम बोले- पहले नितिन गडकरी बोला करते थे लेकिन आज वो भी चुप हैं
  • 'नितिन गडकरी को अब अपमे आप को अनम्यूट करना चाहिए'

राजनीति का मिजाज इस बात से तय होता है कि पक्ष और विपक्ष में आरोप प्रत्यारोप का स्तर कैसा है।  जमीनी स्तर पर कांग्रेस अपने आप को मजबूत करने का दावा तो करती है ये बात अलग है कि उसके प्रयास कहीं नजर नहीं आते। इन सबके बीच कांग्रेस के कद्दावर नेता पी चिदंबरम ने मोदी कैबिनेट विस्तार पर निशाना साधते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें अब अपनी आवाज तेज करनी चाहिए। इसके साथ ही दूसरे मंत्रियों को भी बोलना चाहिए।

फर्क नहीं पड़ता मंत्री कौन है
पी चिदंबरम ने कहा कि यह तो सबको पता है कि मोदी सरकार में सभी फैसले नरेंद्र मोदी ही लेते हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता कि केंद्रीय मंत्री कौन है। उनके मुताबिक सिर्फ नितिन गडकरी में ही उतना साहस है जिसका इस्तेमाल वो कभी कभी करते हैं लेकिन आजकल वो भी शांत हैं। लेकिव अब उन्हें अपनी बोली को धार देना चाहिये। इस देश में सभी लोग जानते हैं कि सभी फैसले पीएम नरेंद्र मोदी करते हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता कि मिनिस्टर मिस्टर एक्स वित्त मंत्री हैं या वाई। जहां तक पीएम नरेंद्र मोदी का सवाल है वो खुद वित्त मंत्री , रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री हैं, वो खेल मंत्री हैं।

क्या कहते हैं जानकार
जानकार कहते हैं कि राजनीति का यह हिट प्रयोग है जब आपके पास खुद की कामयाबी को बताने के लिये ना हो तो विरोध दलों की या तो खिंचाई या प्रशंसा करो। अब किसी विरोधी खेमे या सरकार के कामों की विपक्ष प्रशंसा करे तो जनता में संदेश यह जाता है कि सरकार की नीतियां विपक्ष को भी रास आ रही हैं और उसका असर उल्टा पड़ सकता है, लिहाजा पी चिदंबरम ने जिस तरह से नितिन गड़करी का उदाहरण देकर निशाना साधा उसमें कोई नई बात नहीं है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि नितिन गडकरी को डिलिवर करने वाला मंत्री माना जाता है लिहाजा राजनीतिक तौर चिदंबरम के लिए बेहतर था कि वो उनका नाम लेते। 

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