अग्निपथ योजना में विरोध को लेकर सबसे ज्यादा असर बिहार और पूर्वी उत्तरप्रदेश में रहा। रेलवे के हिसाब से पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर जोन में सबसे ज्यादा आगजनी का मामला सामने देखने को मिला। शुक्रवार सुबह 05.00 बजे से शाम 5 बजे तक की बात करें तो प्रदर्शन के दौरान 60 रेलवे डब्बों और 10 से अधिक इंजन आगजनी के शिकार हुए।
दिन भर चले प्रदर्शन के चलते इस पूरे जोन में 214 मेल एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करना पड़ा जबकि 78 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया। वही 12 ट्रेनों को पुनर्निर्धारित कर चलाया गया जबकि एक ट्रेन का परिचालन परिवर्तित मार्ग से किया गया। प्रदर्शन में फंसे यात्रियों को रेलवे ने खानपान का इंतजाम किया।
- बड़ी संख्या में ट्रेनो के आवाजाही प्रभावित होने की वजह से रेलवे ने यात्रियों के सहायता से लिए कई कदम उठाए।
- स्टेशनों पर फंसे हुए यात्रियों को आरपीएफ, जीआरपी द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई।
- यात्रियों को खान-पान उपलब्ध कराया गया।
- महिला, बच्चों एवं वरिष्ठ नागरिकों का विशेष ध्यान रखते हुए उन्हें हर प्रकार की सहायता उपलब्ध करायी गयी।
- फंसे हुए यात्रियों की सुविधा के लिए स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया गया।
- पूर्व मध्य रेल के स्टेशनों पर एक दर्जन से ज्यादा हेल्पलाइन जारी किए गए।
- टिकट रिफंड के लिए और अतिरिक्त टिकट काउंटर का प्रावधान किया गया।
- टिकट के कैंसिल कराने पर कैसिलेशन चार्ज माफ किए गए।
- स्टेशनों पर लगातार उद्घोषणा के माध्यम से यात्रियों तक सूचनाएं उपलब्ध करायी।
- सोशल मीडिया के माध्यम से भी ट्रेन परिचालन में हुए बदलाव की जानकारी दी गई।
इसी कड़ी में मालगाड़ियो का भी परिचालन अवरूद्ध रहा। धरना-प्रदर्शन के कारण रेल संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा। पूर्व मध्य रेल द्वारा रेल संपत्ति की क्षति का आंकलन किया जा रहा है।
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