राजस्थान के अलवर में अवैध अतिक्रमण हटाने के दौरान एक मंदिर को तोड़े जाने के बाद सियासत तेज हो गई है। बीजेपी नेता कांग्रेस पर हमलावर है। बीजेपी राजस्थान अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने कहा कि मैंने राजगढ़ (अलवर) मंदिर मामले की तथ्यात्मक जांच के लिए 5 सदस्यीय समिति गठित की है। यह समिति मौके पर जाकर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करेगी और मुझे रिपोर्ट सौंपेगी। राजस्थान कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि वसुंधरा राजे उस समय मुख्यमंत्री थीं जब बीजेपी ने उस स्थान पर "गौरव पथ" नामक सड़क बनाने का वादा किया था जहां विध्वंस हुआ।
कैबिनेट मंत्री टीका राम जूली, जौहरी लाल मीणा और भंवर जितेंद्र सिंह सहित कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को अलवर जिले के राजगढ़ का दौरा किया। कांग्रेस महासचिव जितेंद्र सिंह ने कहा कि यहां मंदिर बनना चाहिए। बीजेपी का एक बड़ा नेता राजनीति के लिए अलवर गया है और खूब रो रहा है; 'चोर कोतवाल को डांटे'। आज चेयरमैन और पूरा बोर्ड क्यों मौजूद नहीं है?
राजगढ़ नगर पालिका के चेयरमैन सतीश गुरिया ने शुक्रवार को अलवर में एक मंदिर तोड़े जाने को लेकर अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि मंदिरों को गिराने के अपने प्रस्ताव में कभी भी राजगढ़ नगर पालिका का उल्लेख नहीं किया गया है। गुरिया ने एएनआई को बताया, मेरे और बोर्ड के खिलाफ आरोप निराधार हैं। बोर्ड ने मंदिरों को गिराने के अपने प्रस्ताव में कभी उल्लेख नहीं किया। सब कुछ प्रशासन द्वारा किया गया था। राजगढ़ में कांग्रेस का कभी कोई बोर्ड नहीं था, यह उनका सपना है।
गौर हो कि अलवर जिले के सराय मोहल्ला में 300 साल पुराने शिव मंदिर को बुलडोजर से तोड़ा गया। मामले में राजगढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। राजस्थान के अलवर जिले में रविवार को सड़क का रास्ता साफ करने के लिए 300 साल पुराने शिव मंदिर, 86 दुकानों और घरों को बुलडोजर से तोड़ दिया गया।
राजस्थान के अलवर में एक मंदिर को तोड़े जाने के बाद, जिला प्रशासन ने शुक्रवार को दावा किया कि सड़क किनारे से अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर पालिका की बैठक के दौरान एक सर्वसम्मत फैसला लिया गया था। जिलाधिकारी शिवप्रसाद नाकाटे ने कहा कि अतिक्रमण अभियान से पहले मंदिर के पुजारियों ने मूर्तियों को दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया। एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अलवर जिला प्रशासन ने 17 अप्रैल 2022 को राजगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में हटाए गए अवैध अतिक्रमण की घटनावार एवं तथ्यात्मक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि अतिक्रमण हटाने में कोई धार्मिक भेदभाव नहीं किया गया है।