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Liberation Day:मुक्ति दिवस पर सियासी रण का मैदान बना हैदराबाद, आज अमित शाह और KCR होंगे आमने-सामने!

Updated Sep 17, 2022 | 07:06 IST

Amit Shah in Hyderabad: मुक्ति दिवस के मौके पर हैदराबाद सियासी अखाड़ा बना हुआ है। जुबानी हमले हर तरफ से हो रहे हैं, केंद्र और राज्य के अलग कार्यक्रम के बीच चुनावी संघर्ष भी तेज़ होता नज़र आ रहा है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
मुक्ति दिवस पर छिड़ी सियासी रण में केन्द्र-तेलंगाना सरकार आमने-सामने
मुख्य बातें
  • 17 सितंबर की तारीख यानी आज का दिन हैदराबाद की सियासत में अहम
  • मुक्ति दिवस पर छिड़ी सियासी रण में केन्द्र-तेलंगाना सरकार आमने-सामने
  • बीजेपी ने उठाया निजाम शासन काल का मुद्दा तो ओवैसी और केसीआर सरकार मना रहे हैं एकता दिवस

 Liberation Day and KCR vs Amit Shah: तेलंगाना की सियासत में ये तारिख काफी अहम है क्योंकि मौका है तेलंगाना की आजादी के 75 साल पूरे होने का। ये वो तारिख है जिसने केंद्र और राज्य सरकार को अलग- अलग नाम, अंदाज, तौर तरीकों से इस दिन को मानाने के लिए मजबूर कर दिया है।  1948 में हैदराबाद को निज़ामों के शासन से रिहाई के बाद भारत में शामिल किया गया था। BJP आज़ादी के अमृत महोत्सव' के तहत हैदराबाद की आज़ादी' के 75 साल को मुक्ति के तौर पर मना रही है। केंद्र सरकार 17 सिंतबर को'हैदराबाद मुक्ति दिवस' मना रही है तो राज्य सरकार इसे 'तेलंगाना एकता दिवस' का नाम दे रही है।

दो राज्यों के सीएम भी होंगे कार्यक्रम में शामिल

केंद्र और राज्य सरकार दोनों तरफ से तिरंगा फहराया जाएगा समारोह की तैयारी है। गृह मंत्री अमित शाह हैदराबाद पहुंच चुके हैं। गृहमंत्री अमित शाह सिकंदराबाद में आर्मी परेड ग्राउंड शिरकत करेंगे जहां दो पड़ोसी राज्यों कर्नाटक और महाराष्ट्र को निमंत्रण भेजा गया है। कार्यक्रम में सीएम बसवराज बोम्मई और एकनाथ शिंदे, दोनों ही शामिल होंगे। कार्यक्रम में तेलंगाना के CM KCR को भी न्योता भेजा गया था, लेकिन उनके अन्य कार्यक्रम तय हैं। वह राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने के लिए अपनी ही सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। सीएम केसीआर ने जूनागढ़ के बहाने बीजेपी की मंशा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा- BJP 9 नवंबर, 1947 को जूनागढ़ के भारत में विलय का जश्न क्यों नहीं मनाती है, और सिर्फ हैदराबाद पर ही ध्यान केंद्रित करती है।

क्या है हैदराबाद मुक्ति दिवस

  1. 17 सितंबर को हैदराबाद रियासत का भारतीय संघ में विलय
  2.  निजाम शासन से मुक्ति के 13 महीने 'ऑपरेशन पोलो' चला 
  3. सरदार वल्लभभाई पटेल ने चलाया 'ऑपरेशन पोलो'
  4. 17 सितंबर 1948 को हैदराबाद निजाम शासन से आजाद हुआ
  5. अंतिम निज़ाम, मीर उस्मान अली खान से विलय का समझौता हुआ
  6. राज्य की आजादी के बाद पहला तिरंगा सरदार पटेल ने फहराया
  7. निज़ाम शासन में महाराष्ट्र और कर्नाटक के कई जिले कब्जे में थे
  8. महाराष्ट्र और कर्नाटक भी 17 सितंबर को मुक्ति दिवस मनाते हैं

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ओवैसी का हमला

हैदराबाद मुक्ति दिवस के बहाने बीजेपी निज़ामों के अत्याचार के मुद्दे पर चोट कर रही है तो वहीं बात जब हैदराबाद और निज़ाम की हो तो AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बयान आना बनता था। हैदराबाद मुक्ति दिवस' से पहले उन्होंने त‍िरंगा बाइक रैली की। रैली के मंच से हैदराबादी भाईजान ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। हालांकि इस कार्यक्रम से पहले भी ओवैसी ने भी केंद्र और राज्य सरकार को पत्र लिखकर इस दिन को "राष्ट्रीय एकता दिवस" के रूप में मनाने के लिए कहा था। 

विधानसभा चुनाव पर सबकी नजर

 जहां ओवैसी का निशाना हैदराबाद औ निज़ाम के ज़रिए बीजेपी की हिंदूवादी छवि की पार्टी पर है तो वहीं बीजेपी, केसीआर सरकार भी इस मुद्दे पर अपने राजनैतिक नफे नुकसान देख रही है और इसी लिहाज़ से अमित शाह का दौरा अहम माना जा रहा है क्योंकि तेलंगाना में अगले साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसीलिए राज्य सियासी अखाड़ा बना हुआ है। 17 सिंतबर हो या तेलंगाना मुक्ति दिवस या फिर  राष्ट्रीय एकता दिवस नाम चाहे जो हो पर तस्वीरों में दिख रही कोशिश 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए है। 

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