लाइव टीवी

RTI से खुलासा- महाराष्ट्र सरकार ने 16 महीनों में प्रचार अभियानों पर खर्च किए 155 करोड़ रुपए

Updated Jul 04, 2021 | 21:34 IST

एक RTI से पता चला है कि महाराष्ट्र सरकार ने पिछले 16 महीनों में प्रचार अभियानों पर 155 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय ने यह जानकारी साझा की।

Loading ...
उद्धव ठाकरे

नई दिल्ली: सूचना और जनसंपर्क महानिदेशालय ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सूचित किया है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाड़ी सरकार ने पिछले 16 महीनों में प्रचार अभियानों पर 155 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। सोशल मीडिया पर करीब 5.99 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। ठाकरे सरकार प्रचार अभियानों पर हर महीने 9.6 करोड़ रुपए खर्च कर रही है।

'इंडिया टुडे' की खबर के अनुसार, RTI कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय से महाविकास अघाड़ी सरकार के गठन के बाद से अभियान पर हुए विभिन्न खर्चों की जानकारी मांगी थी।

सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय ने अनिल गलगली को 16 महीनों यानी 11 दिसंबर 2019 से 12 मार्च 2021 तक कैंपेन पर किए गए खर्च की जानकारी प्रदान की। वर्ष 2020 में 26 विभागों के प्रचार अभियान पर कुल 104.55 करोड़ रुपए खर्च किए गए। महिला दिवस के मौके पर प्रचार अभियान पर 5.96 करोड़ रुपए खर्च किए गए। चार चरणों में पदम विभाग पर 9.99 करोड़ रुपए, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पर 19.92 करोड़ रुपए, विशेष प्रचार अभियान पर 22.65 करोड़ रुपए खर्च किए गए।

इतना हो रहा खर्च

वर्ष 2021 में 12 विभागों ने 12 मार्च 2021 तक 29.79 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। जल जीवन मिशन के प्रचार अभियान पर 1.88 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। 45 लाख सोशल मीडिया पर खर्च किए जा चुके हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग ने सोशल मीडिया पर 2.45 करोड़ रुपए की लागत से 20 लाख रुपए खर्च किए हैं। अल्पसंख्यक विभाग ने 50 लाख रुपए में से 48 लाख रुपए सोशल मीडिया पर खर्च किए हैं। जन स्वास्थ्य विभाग ने 3.15 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।

संदिग्ध हैं आंकड़े!

अनिल गलगली के अनुसार, यह आंकड़ा और अधिक हो सकता है क्योंकि सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय के पास शत-प्रतिशत जानकारी नहीं है। सोशल मीडिया के नाम पर किया जाने वाला खर्च संदिग्ध है। इसके अलावा क्रिएटिव के नाम से दिखाए जाने वाले खर्च की गणना कई तरह की शंकाओं को जन्म दे रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में अनिल गलगली ने सरकार से विभागीय स्तर पर होने वाले खर्च, खर्च की प्रकृति और लाभार्थी का नाम वेबसाइट पर अपलोड करने की मांग की है।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।