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प्रसिद्ध पुरातत्वविद् केके मोहम्मद का दावा- कुतुब मीनार परिसर में बनी मस्जिद 27 मंदिरों को तोड़कर बनाई गई

Updated Apr 19, 2022 | 19:11 IST

प्रसिद्ध पुरातत्वविद् केके मोहम्मद ने दावा किया है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कुतुब मीनार के पास कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बनाने के लिए 27 मंदिरों को तोड़ा गया था।

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पुरातत्वविद् केके मोहम्मद

प्रसिद्ध पुरातत्वविद् केके मोहम्मद ने दावा किया है कि दिल्ली में कुतुब मीनार परिसर में बनी मस्जिद 27 हिंदू मंदिरों को तोड़कर बनाई गई थी इसका स्पष्ट प्रमाण है, लेकिन कुतुब मीनार एक अलग इमारत है। उन्होंने कहा कि कुतुब मीनार परिसर में बनी मस्जिद विष्णु मंदिर को तोड़ कर बनी है, इसके साफ सबूत हैं, मगर कुतुब मीनार अलग इमारत है और ऐसी मीनारें दूसरी जगह पर बनी हैं। इसलिए विवाद में जाने से पहले दोनों तथ्यों को समझना होगा।

उन्होंने कहा कि कुतुब मीनार के पास मंदिरों के अवशेष पाए गए जिसमें भगवान गणेश का मंदिर भी शामिल है। इससे सिद्ध होता है कि एक मंदिर था। प्रख्यात पुरातत्वविद् ने कहा कि स्थल पर भगवान गणेश की एक नहीं बल्कि कई मूर्तियां मिलीं। यह चौहान (पृथ्वीराज चौहान) की राजधानी थी। लगभग 27 हिंदू मंदिर थे और इन मंदिरों के खंडहरों पर कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का निर्माण उन्हीं तत्वों का उपयोग करके किया गया था। आप अरबी शिलालेखों के माध्यम से स्पष्ट रूप से सबूत पा सकते हैं जो कहते हैं कि 27 मंदिरों को एक मस्जिद बनाने के लिए नष्ट कर दिया गया था।

दिल्ली पर्यटन वेबसाइट के अनुसार, 73 मीटर ऊंची कुतुब मीनार का निर्माण दिल्ली के अंतिम हिंदू साम्राज्य की हार के बाद स्थल पर 27 हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने के बाद प्राप्त सामग्री से किया गया था। वेससाइट पर लिखा है कि इसके (कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद) पूर्वी द्वार पर एक शिलालेख उत्तेजक रूप से सूचित करता है कि इसे '27 हिंदू मंदिरों' को ध्वस्त करने से प्राप्त सामग्री से बनाया गया था।

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दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुब-उद-दीन ऐबक ने 1200 ईस्वी में कुतुब मीनार का निर्माण शुरू किया था, लेकिन केवल तहखाने को ही पूरा कर सका। वेबसाइट के अनुसार, उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमश ने तीन और मंजिलें जोड़ीं और 1368 में फिरोज शाह तुगलक ने पांचवीं और आखिरी मंजिल का निर्माण किया।

'अयोध्या के मुसलमानों को भड़काया'

इसके अलावा केके मोहम्मद ने दावा किया है कि वामपंथी इतिहासकारों ने अयोध्या के मुसलमानों को भड़काया वरना बहुत जल्दी राम मंदिर बन जाता। अयोध्या के मुसलमान मंदिर के लिए जमीन देने को तैयार थे। केके मोहम्मद सुप्रीम कोर्ट की उस समिति में थे, जिसने बाबरी मस्जिद के ढहने के बाद खुदाई की थी।

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