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Army Smart Camp: कमाल का आविष्कार, बाहरी दुश्मनों पर 50 किमी दूर से हो सकेगी निगहबानी

Updated Jan 09, 2022 | 21:42 IST

देश में हुनर की कमी नहीं है। अगर संसाधन मुहैया कराया जाए तो भारत कीर्तिमान गढ़ सकने के लिए तैयार है। एमआईईटी मेरठ में अटल इनोवेशन सेंटर के आविष्कारक श्याम चौरसिया ने कमाल कर दिखाया है। उन्होंने आर्मी स्मार्ट कैंप बनाया है जो 50 किमी दूर से दुश्मनों पर निगाह रख सकेगा बल्कि जवानों को कड़ाके की ठंड में भी राहत देगा।

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Army Smart Camp: कमाल का आविष्कार, बाहरी दुश्मनों पर 50 किमी दूर से हो सकेगी निगहबानी
मुख्य बातें
  • आर्मी स्मार्ट कैंप का आविष्कार, एमआईईटी मेरठ के श्याम चौरसिया ने किया कमाल
  • 50 किमी दूर से ही दुश्मनों पर रखी जा सकेगी नजर
  • भीषण ठंड में जवानों को मिलेगी राहत

मेरठ। देश के जवानों के लिए मेरठ के एमआईईटी इंजिनियरिंग कॉलेज के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर के अविष्कारक श्याम चौरसिया ने एक ऐसा कैम्प तैयार किया है, जो न सिर्फ बफीली सीमा पर तैनात जवानों को सर्दी से बचाएगा, बल्कि उन्हें तकरीबन 50 किमी दूर तक दुश्मन सेना पर नजर भी रखेगा। इंजीनियरिंग के इस छात्र द्वारा तैयार यह चार्जेबल स्मार्ट आर्मी कैंप जवानों को सुरक्षा देने के साथ देश की रक्षा में चौकन्ना रहने का जरिया बनेगा।

श्याम चौरसिया का कमाल
उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित एमआईईटी इंजिनियरिंग कॉलेज के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर के अविष्कारक श्याम चौरसिया ने बताया कि इस कैंप के अंदर छोटे-छोटे हीटर प्लेट्स लगे हैं। इन्हें हीट करने के लिये सोलर या बिजली की जरुरत नहीं है, बल्कि इन हीटर प्लेट्स को कैंप में रहने वाले जवान अपने हाथों से एक फिजिकल रोटेड चार्जर की मदद से चार्ज कर सकते हैं।उन्होंने बताया कि बैकअप के लिए इसमें बैटरी भी है। जरुरत पड़ने पर इलेक्ट्रिक को जमा कर बाद में इस्तेमाल किया जा सकता। इसमें लगे हाईटेक सेंसर्स दुश्मनों की आहट को 50 किलोमीटर दूर से भांप लेगी और कैंप में रहने वाले जवानों को अलर्ट भी करेगी। समय रहते जवान अलर्ट होंगे और दुश्मनों के हमलों से अपना बचाव भी कर सकेगें।

स्मार्ट आर्मी कैंप की खासियत
चार्जेबल स्मार्ट आर्मी कैंप में 4 ह्यूमन रेडयो सेंसर लगे हैं। ये दुश्मन के नजदीक आने की जानकारी जवानों तक पहुंचाने में मदद करेंगे। इन सेंसर्स को लैंड माइन्स की तरह कैंप के चारों ओर लगाया जाता है। यह रेडियो ह्यूमन सेंसर, रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिये जवानों के कैंप से जुडा होता है। दुश्मन के नजदीक आने पर ये सेंसर्स उन्हें पहचान जाते हैं।इसे बनाने वाले छात्र श्याम चौरसिया का कहना है कि कई बार दुश्मन आर्मी, सीआरपीएफ कैम्पों में रात के समय हमला करते हैं। अचानक हमला की जानकारी जवानों को पता नहीं होती है। जान माल का ज्यादा नुकसान होता है। इस तरह की घटनाये कई बार मैंने समाचार पत्रों में पढ़ा है। फिर, इसका आईडिया आया। मेरठ के एमआईईटी इंजिनियरिंग कॉलेज व अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर की मदद से एक चार्जेबल स्मार्ट आर्मी कैंप का प्रोटोटाईप प्रोजेक्ट तैयार किया।

अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर का कमाल
चौरसिया का कहना है कि इस आर्मी कैम्प को तैयार करने के लिये मेरठ के एसीआईसी-एमएईटी से फंडिंग मिली। इससे प्रोजेक्ट को और बेहतर बनाया जा सका है। बनाने में एक हफ्ते का समय लगा है। तकरीबन 24000 रुपये का खर्च आया है।श्याम चौरसिया का कहना है कि "मुझे मदद मिले तो मैं इस कैंप को बुलेटप्रुफ बना सकता हूँ। इसमें आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।"

एमआईईटी के वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल ने बताया कि "कॉलेज के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर में आईडिया इनोवेशन रिसर्च लैब है। इनोवेटर के साथ मिल कर छात्रों द्वारा काम किया जा रहा है। समस्याओं को अपने नये-नये अविष्कार व नवाचार के जरिये हल कर रहे हैं। श्याम का प्रोजेक्ट स्मार्ट आर्मी कैंप देश के जवानों की सुरक्षा के लिये अच्छा प्रयास साबित होगा। श्याम द्वारा बनाये गये प्रोजेक्ट के सहयोग व मार्गदर्शन लिये प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री को पत्र लिखा गया है। गोरखपुर के वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया कि देश की रक्षा में लगे जवानों की सुरक्षा में आने वाला यह इनोवेशन बेहतर है। इसे मौका मिले तो यह और भी कारगर सिद्ध हो सकता है।

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