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हिमाचल और उत्तराखंड में LAC के दौरे पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, लिया सुरक्षा तैयारियों का जायजा 

शिवानी शर्मा | Deputy News Editor
Updated Jun 10, 2022 | 21:36 IST

थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे हिमाचल और उत्तराखंड में एलएसी के दौरे पर हैं। लोकल कमांडर्स से मुलाकात की, साथ ही फॉरवर्ड पोस्ट पर तैनात जवानों से भी मिले। जल्द ही चीन के साथ भारत की 16 वें दौर की बातचीत होने वाली है।

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थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे का एलएसी दौरा

थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे अपने तीन दिन के एलएसी दौरे पर हैं। यहां वह हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा के नजदीक मौजूद सेना की फॉरवर्ड लोकेशंस पर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। भारत और चीन के बीच तनाव को लगभग दो साल पूरे हो चुके हैं और इन दो सालों में भारतीय सेना ने अपने फॉरवर्ड डेप्लॉयमेंट और जमीनी तैयारी को अप्रत्याशित रूप से बढ़ाया है। जनरल मनोज पांडे सेना प्रमुख बनने के बाद पहली बार सेंट्रल सेक्टर में एलएसी का दौरा कर रहे हैं। 

एलएसी पर फॉरवर्ड लोकेशंस तक पहुंचे जनरल पांडे 

अपने तीन दिन के एलएसी विजिट में जनरल मनोज पांडे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लोकल कमांडर्स से तो मुलाकात कर ही रहे हैं साथ ही फॉरवर्ड पोस्ट पर तैनात जवानों से भी मिल रहे हैं। आर्मी चीफ ने इस पूरे इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी ली और साथ ही भारतीय सेना की ऑपरेशनल रेडिनस या युद्ध के लिए सेना की तत्परता का निरीक्षण भी किया। इससे पहले जनरल मनोज पांडे लद्दाख और कश्मीर के दौरे कर चुके हैं।

बेहद संवेदनशील है उत्तराखंड और हिमाचल का यह इलाका 

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में एलएसी का यह इलाका बेहद संवेदनशील है क्योंकि यहां कई बार चीनी सैनिकों द्वारा भारत की सीमा में प्रवेश की घटनाएं हो चुकी है। इनमें से एक बाराहोटी पॉइंट है जहां पिछले साल सैकड़ों चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। भारत ने इन घटनाओं की लगातार निंदा भी की है और इसके समाधान के लिए चीन से हमेशा के लिए एक ठोस समझौते की बात भी कही है। उत्तराखंड में एलएसी पर ही वह ट्राई जंक्शन भी मौजूद है जहां चीन नेपाल और भारत की सीमाएं मिलती है और यहां भी चीन अपने वर्चस्व को बढ़ाने के लिए घुसपैठ की कोशिश में लगा रहता है।

एलएसी पर मजबूती से मुस्तैद है भारत की सेना 

भारतीय सेना एलएसी यानि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर पूरी तरह से मुस्तैद है। जनरल मनोज पांडे के साथ एलएसी के निरीक्षण पर मध्य कमान के आर्मी कमांडर और उत्तर भारत एरिया के जीओसी भी गए हैं। यह वह दो कमांड है जो उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में एलएसी की सुरक्षा की बागडोर संभालती हैं। जनरल मनोज पांडे को एलएसी से सटे इलाकों में खास ड्रिल और ऑपरेशन दिखाए गए जो हजारों फीट की ऊंचाई पर भारतीय सेना की मजबूत तैयारी को दर्शाते हैं। देश के उत्तरी बॉर्डर पर इस वक्त भारत चीन से पूरी तरह से चौकन्ना रहना चाहता है। गलवान के खूनी संघर्ष के बाद भारत चीन की किसी भी चालबाजी के लिए पूरी तरह से तैयार है लिहाजा लद्दाख हो या फिर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड, एलएसी पर भारतीय सेना के जवानों की संख्या और बढ़ाई गई है।

 एलएसी पर तेजी से बढ़ रहा है भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर 

चीन द्वारा एलएसी के नजदीक बनाए जा रहे पुल सड़कें और एयर बेस को देखते हुए भारत भी अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रहा है। सेंट्रल सेक्टर में भारतीय सेना नई सड़कों और एयर बेस के जरिए अपने मूवमेंट्स को गति दे रही है। जनरल पांडे ने सेंट्रल सेक्टर में सेना की मुस्तैदी का जायजा लिया जहां हमारी सेना युद्ध की स्थिति में दुश्मन को जवाब देने के लिए सख्त तैयारी कर रही है। अपने दौरे में जनरल मनोज पांडे ने भारतीय सैनिकों का दमखम देखा जो उन्होंने लॉन्ग रेंज पेट्रोलिंग, माउंटेनियरिंग और खास डेप्लॉयमेंट ड्रिल्स के जरिए दिखाया। सेना प्रमुख ने इस इलाके में फौज के बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्मी सिविलयन कनेक्ट का भी नजदीक से जायजा लिया। जनरल पांडे ने कमांडर से अपनी बातचीत के दौरान  सैनिकों को मुस्तैद और चौकन्ना रहने की हिदायत दी क्योंकि भारत चीन पर भरोसा नहीं कर सकता।

जल्द होनी है चीन से अगले दौर की वार्ता 

गौरतलब है कि जल्द ही चीन के साथ भारत की 16 वें दौर की बातचीत होने वाली है जिस पर विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई है किस चीन अप्रैल 2020 के स्टेटस कुओ पर लौटेगा और तमाम फ्रिक्शन पॉइंट्स से डिसएंगेजमेंट के लिए तैयार होगा। 

आखिर क्यों अहम है सेना प्रमुख का यह एलएसी दौरा? 

यह दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि जल्द ही देश की सेना में एक बड़े रिफॉर्म टूर ऑफ ड्यूटी का ऐलान किया जा सकता है और देश को दूसरा CDS भी मिल सकता है। सेना प्रमुख बनने से पहले जनरल मनोज पांडे ईस्टर्न कमांड की जिम्मेदारी संभाल रहे थे जहां वह चीन से सटे बॉर्डर को बखूबी गार्ड कर रहे थे। सेना प्रमुख बनने के बाद जनरल मनोज पांडे लगातार नॉर्दर्न बॉर्डर से सटे फॉरवर्ड लोकेशंस का दौरा कर रहे हैं। ये दौरे विषम इलाकों में बॉर्डर्स की रक्षा करने वाले जवानों के जोश को और बढ़ा रहे हैं। 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए की जा रही है बॉर्डर की निगरानी 

सीमा पर भारत की सेना पहली बार मॉडर्न टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल कर रही है जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए फास्ट विजिलेंस भी शामिल है। जनरल पांडे ने सेनाओं के टेक्नोलॉजी ड्रिवन होने पर जोर दिया और भारत की सेनाओं के तमाम दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के साथ तालमेल की भी तारीफ की। देश की सीमाओं पर निगरानी का सीधा जुड़ाव इन इलाकों के विकास से है जिसके लिए भारत की सेना इन बॉर्डर पोस्ट पर अपनी मजबूत तैनाती के साथ यहां के विकास में भी सहभागी बन रही है। इन इलाकों में रहने वाले नागरिकों के साथ मिलकर कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है। जनरल मनोज पांडे ने अपने दौरे पर सैनिकों से मुलाकात कर उनसे इसी तरह सीमाओं पर मजबूती से डटे रहने को कहा।
 

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