- शिवसेना ने अरविंद सावंत को भी बनाया पार्टी का मुख्य प्रवक्ता
- अभी तक राज्यसभा सांसद संजय राउत ही थे पार्टी के मुख्य प्रवक्ता
- संजय राउत के बयानों से शिवसेना कई बार आ चुकी है संकट में
मुंबई: ऐसा लगता है कि शिवसेना में अब बयानवीर नेता संजय राउत के पर कतरने की शुरूआत हो चुकी है। संजय राउत इस समय पार्टी के मुख्य प्रवक्ता होने के साथ- साथ राज्यसभा सांसद भी हैं। अनिल देशमुख के मुद्दे को लेकर हो या फिर शरद पवार को यूपीए की कमान सौंपने की मांग, हर जगह संजय राउतों के बयानों से उद्धव सरकार की मुसीबतें कम होने की बजाय बढ़ती हुईं ही दिखी। अब शिवसेना सुप्रीमो और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत को पार्टी का मुख्य प्रवक्ता बनाया है। अभी तक केवल संजय राउत ही मुख्य प्रवक्ता हुआ करते थे।
तो राउत को हैं संदेश!
अरविंद सावंत को पार्टी का कद्दावर नेता माना जाता है जो लगातार दूसरी बार दक्षिण मुंबई से लोकसभा का चुनाव जीते हैं। शिवसेना के कोटे से मोदी सरकार में मंत्री रह चुके सावंत को उद्धव ठाकरे के करीबियों में गिना जाता है। वहीं संजय राउत भी शिवसेना में कितनी अहमियत रखते हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके पास अभी कई जिम्मेदारियां हैं जैसे- पार्टी के मुख्य प्रवक्ता, राज्यसभा सांसद शिवसेना के मुखपत्र सामना के कार्यकारी संपादक। अवरिंद सावंत को मुख्य प्रवक्ता बनाने का कदम राउत के डिमोशन के रूप में भी देखा जा रहा है।
राउत के बयानों ने डाला था उद्धव सरकार को मुसीबत में
दरअसल पिछले दिनों संजय राउत ने कुछ ऐसे बयान दिए थे जिनकी वजह से सरकार का बचाव कम बल्कि नकुसान ज्यादा हुआ था। खासतौर से एंटीलिया प्रकरण सामने आने के बाद संजय राउत के बयानों से पार्टी को नकुसान ही पहुंचा। पहले सचिन वझे को लेकर दिए बयानों और फिर राज्य के गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख को ‘एक्सीडेंटल होम मिनिस्टर’ करार देने के बाद से शिवसेना के लिए दिक्कतें हो गई थीं।
कांग्रेस ने भी बोला था हमला
महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में साझीदार कांग्रेस ने भी राउत के बयानों पर आपत्ति जताई थी। दरअसल संजय राउत ने एनसीपी प्रमुख सोनिया गांधी की जगह शरद पवार को संप्रग का अध्यक्ष बनाने का सुझाव दिया था। इसके बाद से ही कांग्रेस उन पर हमलावर हो गई थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने भी सवाल किया था कि क्या राउत, पवार के प्रवक्ता हैं? वहीं राज्य सरकार में मंत्री बालासाहेब थोराट ने भी राउत के बयान को लेकर सवाल उठाए थे।