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Ashoka Pillar : नए संसद भवन पर विशाल अशोक स्तंभ का PM मोदी ने किया अनावरण

Updated Jul 11, 2022 | 12:54 IST

Ashoka Pillar : अशोक स्तंभ की स्थापना के समय पीएम मोदी, शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला पहुंचे थे। यह अशोक 20 फीट से ज्यादा ऊंचा है। इस स्तंभ को क्रेन के जरिए भवन के ऊपर स्थापित किया गया।

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नए संसद भवन पर लगा विशालकाय अशोक स्तंभ।
मुख्य बातें
  • पुराना संसद भवन करीब 93 साल पुराना है, आधुनिक सुविधाओं का अभाव
  • नए संसद भवन में आधुनिक सुविधाओं एवं जरूरतों के हिसाब से बनाया गया है
  • इस भवन का निर्माण दिसंबर 2022 तक पूरा कर लेने की योजना है

New Parliament Building : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का सोमवार को अनावरण किया। अधिकारियों ने बताया कि कांस्य का बना यह प्रतीक 9,500 किलोग्राम वजनी है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है।  इस स्तंभ का निर्माण दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने किया है। इस नए संसद भवन में 1224 सदस्य बैठेंगे। इस भवन का निर्माण दिसंबर 2022 तक पूरा कर लेने की योजना है। बताया जा रहा है कि यह नया संसद भवन शीतकालीन सत्र के दौरान बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगा।

अशोक स्तंभ की स्थापना के समय पीएम मोदी, शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला पहुंचे थे। यह अशोक 20 फीट से ज्यादा ऊंचा है। इस स्तंभ को क्रेन के जरिए भवन के ऊपर स्थापित किया गया। बताया जा रहा है कि पीएम इस स्तंभ का निर्माण करने वाले लोगों से बातचीत करेंगे।  

तस्वीर में स्पष्ट रूप से दिख रहे तीनों शेर
तस्वीर में राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के तीनों शेर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। इस नए संसद भवन के निर्माण में करीब 1000 करोड़ रुपए की लागत आई है। नए संसद परिसर के बन जाने के बाद पुराने संसद भवन को संग्रहालय में तब्दी कर दिया जाएगा। नए संसद भवन में निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका है। भवन परिसर में साज-सज्जा काम बचा हुआ है जिसे दिसंबर के पहले पूरा कर लिया जाएगा। पीएम मोदी ने ही इस नए संसद परिसर का भूमि पूजन किया था। पुराने संसद भवन का निर्माण अंग्रेजों के समय हुआ था। 

लगभग 93 वर्ष पुराना है मौजूदा संसद भवन
पीएम मोदी ने 10 दिसंबर 2020  को को नई इमारत का शिलान्यास किया। ये एक तिकोनी इमारत है जबकि मौजूदा संसद भवन आकार वृत्ताकार है। सरकार और अधिकारियों के अनुसार संसद के बढ़ते काम के कारण एक नई इमारत के निर्माण की आवश्यकता महसूस की गई। अभी का संसद भवन ब्रिटिश दौर में बना था जो लगभग 93 वर्ष पुराना है और उसमें जगह और अत्याधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था नहीं है।

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