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सिलचर से गुवाहाटी के लिए फ्लाइट पर असम सरकार ने दी सब्सिडी, बाढ़ की वजह से लिया फैसला

Updated May 19, 2022 | 23:25 IST

असम सरकार ने सिलचर से गुवाहाटी के लिए कॉमर्शियल फ्लाइट को सब्सिडी दी। राज्य में जारी बाढ़ के कारण सड़क बंद होने की वजह से हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने यह फैसला लिया।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
सिलचर से गुवाहाटी के लिए उड़ान पर सब्सिडी

असम सरकार ने गोपीनाथ बोरदोलोई हवाई अड्डे पर उतरने वाले सिलचर से गुवाहाटी के लिए कॉमर्शियल फ्लाइट को सब्सिडी दी। राज्य में जारी बाढ़ के कारण सड़क बंद होने की वजह से में 3000 रुपए प्रति सीट की कीमत पर इन उड़ानों का संचालन किया जा रहा है। असम बाढ़ से 29 जिलों के 7 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने गुरुवार को कहा कि राज्य में बाढ़ की स्थिति से अब तक 29 जिलों के 7,17,046 लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ और भूस्खलन में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि वर्तमान में 1413 गांव पानी के भीतर हैं और नगांव सबसे अधिक प्रभावित जिला है जहां 2.88 लाख लोग आपदा की चपेट में हैं। कछार में करीब 1.2 लाख लोग और होजई में 1.07 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए।

बाढ़ प्रभावित राज्य से दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है। नागांव जिले में कामपुर-कठियाताली संपर्क मार्ग का एक हिस्सा आज सुबह बाढ़ में बह गया। राज्य के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं। एक अन्य घटना में, लुमडिंग विधानसभा से बीजेपी के विधायक सिबू मिश्रा को बुधवार को एक बाढ़ बचाव कार्यकर्ता की पीठ पर एक नाव पर सवार करते हुए देखा गया था। वह इलाके में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने होजई में थे।

असम राइफल्स, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और भारतीय सेना राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत अभियान चला रही है। इसके अलावा, असम मंत्रिमंडल ने दीमा हसाओ और बराक घाटी में बाढ़ और भूस्खलन के कारण संचार संकट को कम करने के लिए 3000 रुपये की दर से सिलचर और गुवाहाटी के बीच एक आपातकालीन उड़ान सेवा शुरू करने का निर्णय लिया।

बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कछार जिला प्रशासन ने जिले के सभी शैक्षणिक संस्थानों (सरकारी और निजी) और गैर जरूरी निजी प्रतिष्ठानों को 48 घंटे (19 और 20 मई) के लिए बंद कर दिया है। 18 मई को, असम के वन मंत्री परिमल शुक्लाबैद्य ने कहा कि हर साल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ का सामना करना पड़ता है। हम पार्क में ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों के लिए खाद्य सामग्री सहित पूरी तरह से तैयार हैं। हमारी नावें भी तैयार हैं। जानवरों को आश्रय लेने के लिए 40 द्वीपों पर काम किया गया है।

कई स्थानों पर रेलवे पटरियों को हुए नुकसान के मद्देनजर, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने लुमडिंग-बदरपुर हिल सेक्शन से बराक घाटी, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर तक सभी ट्रेनों को पहले ही निलंबित कर दिया है और क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में बहाली का काम जारी है।

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