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27 महीने बाद आजम खान सीतापुर जेल से रिहा, सपा के दिग्गज नेता नहीं दिखे

Updated May 20, 2022 | 09:37 IST

सीतापुर जेल के खुलने के साथ ही आजम खान की रिहाई हो चुकी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अंतरिम जमानत दे दी थी।

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सीतापुर जेल में बंद थे आजम खान
मुख्य बातें
  • सीतापुर जेल में बंद थे आजम खान
  • 80 से अधिक मुकदमों का सामना कर रहे हैं
  • सुप्रीम कोर्ट से मिली है अंतरिम जमानत

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान सीतापुर जिला जेल से बाहर आ चुके हैं। वो पिछले ढाई साल से सीतापुर जेल में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी। जेल में सर्टिफाइड कॉपी न पहुंचने की वजह से कल उनकी रिहाई नहीं हो सकी थी। 27 महीने बाद आजम खान की रिहाई के मौके पर शिवपाल यादव सीतापुर जेल पहुंचे थे। जेल से निकलने के बाद कार में सवार होते हुए दोनों नेता आपस में मिले। शिवपाल यादव ने स्वागत और शुभकामनाएं जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। उस मौके पर अखिलेश यादव के बारे में जब पूछा गया तो जवाब दिया कि जो सवाल आप पूछ रहे हैं वो सब उनसे ही पूछिए। रिहाई के मौके पर खास बात यह थी कि जहां शिवपाल यादव खुद आजम खान को रिसीव करने के लिए पहुंचे, सपा के दिग्गज नेता गायब रहे। हालांकि अखिलेष यादव ने ट्वीट कर स्वागत करते हुए लिखा कि झूठ के लम्हे होते हैं, सदियां नहीं!

'आजम भाई हमारे साथी रहे हैं और आज भी हैं'
शिवपाल यादव ने कहा कि आखिर न्याय की जीत हुई है। आजम खान की जीत हुई है।पत्रकारों ने जब पूछा कि क्या क्या वह आपके साथ आएंगे तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम लोग समाजवादी हैं,  हमेशा नेताजी से हम लोगों ने सीखा है सुख और दुख में साथ रहना और कहीं पर भी सुख-दुख में अगर साथी संकट में है तो उसके साथ जरूर खड़ा होना है। आजम भाई हमारे साथी रहे हैं और आज भी हैं।

अखिलेश यादव का ट्वीट
सपा के वरिष्ठ नेता व विधायक मा. श्री आज़म ख़ान जी के जमानत पर रिहा होने पर उनका हार्दिक स्वागत है। जमानत के इस फ़ैसले से सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय को नये मानक दिये हैं।पूरा ऐतबार है कि वो अन्य सभी झूठे मामलों-मुक़दमों में बाइज़्ज़त बरी होंगे। झूठ के लम्हे होते हैं, सदियाँ नहीं!

आजम खान को अंतरिम जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी थी और रेगुलर बेल के लिए सक्षम अदालत में अर्जी लगाने के लिए कहा था। आजम खान को 2 सप्ताह के भीतर सक्षम अदालत के समक्ष नियमित जमानत के लिए आवेदन करना होगा। अंतरिम जमानत उस जमानत अर्जी के निपटारे तक जारी रहेगी।यदि वह जमानत खारिज कर दी जाती है तो अंतरिम जमानत अगले 2 सप्ताह तक जारी रहेगी। यह आदेश जस्टिस एल नागेश्वर राव, बीआर गवई और एएस बोपन्ना की पीठ द्वारा दिया गया। 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के कोतवाली थाने से जुड़े एक मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. उत्तर प्रदेश राज्य की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने आजम खान की याचिका का विरोध किया था। 

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इलाहाबाद हाईकोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
इलाहाबाद HC द्वारा फैसला सुनाए जाने में लंबी देरी पर नाराजगी व्यक्त की थी और इसे 'न्याय का उपहास' कहा था।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते जमीन पर गलत तरीके से कब्जा करने से जुड़े एक मामले में आजम खान को अंतरिम जमानत दे दी थी।जफीर अहमद द्वारा दायर एक आवेदन में, यह कहा गया था कि आजम खान को एक अन्य प्राथमिकी में गिरफ्तार किया गया था "जो न्याय को नष्ट करने और याचिकाकर्ता को अपने लंबे और राजनीतिक रूप से इंजीनियर कैद से बाहर आने से रोकने के लिए एक साधन के अलावा और कुछ नहीं प्रतीत होता है"।

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