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अमित शाह का दावा- 30 में से 26 सीट जीतेंगे, ममता बनर्जी ने कहा- EVM को हैक किया था या वोट लूटे थे

Updated Mar 29, 2021 | 08:38 IST

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि एक नेता ने कहा कि बीजेपी पहले चरण की 30 में से 26 सीटों पर जीत हासिल करेगी, चुनाव होने के महज एक दिन बाद ही इस तरह का दावा कैसे किया जा सकता है?

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अमित शाह और ममता बनर्जी

चंडीपुर/नंदीग्राम : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में 30 सीटों में से 26 पर बीजेपी के जीतने के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दावे को तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने खारिज करते हुए रविवार को कहा कि क्या उन्होंने ईवीएम को ‘हैक’ किया था या ‘वोट लूटे’ थे जो इस तरह के दावे कर रहे हैं। शाह ने दिन में नई दिल्ली में अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में यह दावा किया था। हालांकि, बनर्जी ने शाह का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने सवाल किया कि चुनाव होने के महज एक दिन बाद ही इस तरह का दावा कैसे किया जा सकता है?

मुख्यमंत्री ने एक चुनाव रैली में चुटकी लेते हुए कहा कि एक नेता ने कहा कि बीजेपी पहले चरण की 30 में से 26 सीटों पर जीत हासिल करेगी, सभी 30 सीटों पर दावा क्यों नहीं कर दिया, क्या उन्होंने शेष सीटें कांग्रेस और माकपा के लिए छोड़ दी है? बनर्जी ने कहा कि वह किसी तरह का अनुमान नहीं लगाएंगी। उन्होंने कहा कि यह जनता का फैसला है, जो मतगणना के बाद पता चलेगा।

उन्होंने कहा कि चूंकि 84 प्रतिशत मतदान हुआ है, मैं अंदाजा लगा सकती हूं कि लोगों ने हमारे पक्ष में वोट दिया है। चंडीपुर और फिर नंदीग्राम में सभाओं को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि टीएमसी एक अप्रैल को भगवा दल पर ‘अप्रैल फूल’ करेगी। बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और मतगणना दो मई को होगी।

बता दें कि एक अप्रैल को राज्य में दूसरे चरण का मतदान होगा है जिसमें नंदीग्राम की सीट भी शामिल है जहां मुख्यमंत्री का मुकाबला अपने पूर्व सहयोगी और भाजपा के उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी से है। शाह पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा कि आप देश के गृह मंत्री हैं। आप सत्ता के दुरुपयोग की जानकारी दे रहे हैं और लोगों को उलझन में डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप (भाजपा) मैच हार चुके हैं और काडर में जोश भरने के लिए ऐसी चीजें कह रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि मानो राज्य में संविधान के अनुच्छेद 356 को लगाने के बाद चुनाव हो रहे हैं और गृह मंत्री ही सबकुछ कर रहे हैं। बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के पोलिंग एजेंटों से कहा कि वे किसी भी कीमत पर बूथ नहीं छोड़ें। उन्होंने कहा कि यदि कोई पार्टी के खिलाफ काम करेगा या विपक्षी दलों से पैसे लेगा, तो उन्हें पता चल जाएगा, क्योंकि उनकी नजर सब पर है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि अन्य स्थानों पर मुझे इस तरह की चीजें होने की आशंका नहीं है, लेकिन यहां गद्दारों के चलते यह स्थिति है। 

गौरतलब है कि शुभेंदु अधिकारी, उनके पिता शिशिर अधिकारी और उनके एक भाई सौमेंदु ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया है। बनर्जी उन्हें ‘गद्दार’ बता रही हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्हें समझ नहीं आया था कि वे "विषैले सांप" बन जाएंगे। बनर्जी ने कहा कि पिता-पुत्र की जानकारी के बिना (नंदीग्राम में 2007 में) पुलिस की कार्रवाई नहीं हो सकती थी। उन्होंने कहा कि वह नंदीग्राम से कृषि भूमि की सुरक्षा में लोगों के योगदान को सम्मान देने के लिए चुनाव लड़ रही हैं।

बनर्जी ने कहा कि मैंने आपकी इजाजत लेने के बाद यहां से चुनाव लड़ने का फैसला किया। आपको लगता है कि मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए सीटों की कमी है। उन्होंने दावा किया कि वह कोलकाता की भवानीपुर सीट समेत कहीं से भी चुनाव लड़ सकती थीं। बनर्जी ने कहा कि जो मुझे कम आंक रहे हैं और मुझे बाहरी कह रहे हैं, मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि मैं इस मिट्टी की बेटी हूं। उन्होंने दावा किया कि नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का मेरा फैसला किसी खास व्यक्ति को हराने के लिए नहीं है।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अधिकारी परिवार के सदस्य नंदीग्राम आंदोलन में सबसे आगे नहीं थे, उन्होंने सिर्फ कुछ रैलियों में हिस्सा लिया था। बनर्जी ने दावा कि मोदी सरकार किसानों के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया रखती है और कहा कि मेधा पाटकर तथा किसान नेता नंदीग्राम के लोगों से यह कहने आए थे कि वे भाजपा को वोट न दें। उन्होंने कहा कि वे एक अप्रैल तक नंदीग्राम में रहेंगी और इन पांच दिनों में कम से कम 20 सभाओं को संबोधित करेंगी।

बनर्जी ने कहा कि वह नंदीग्राम में जीतने के बाद यह संदेश लेकर दिल्ली के सिंघू बॉर्डर जाएंगी कि इस सीट के लोगों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है। उन्होंने नंदीग्राम में मुख्यमंत्री कार्यालय स्थापित करने का वादा भी किया। बनर्जी ने यह दावा भी किया कि हैदराबाद का एक नेता बंगाल में अल्पसंख्यक वोट बांटने के लिए आया है। उन्होंने जानना चाहा कि दिल्ली और गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान वह कहां थे? एआईएमएआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बंगाल में कुछ सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कही थी।
 

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