- सयुंक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया गया है
- अनेक सामाजिक संगठनों और राजनैतिक दलों द्वारा इसका समर्थन किया गया है
- अस्पताल, मेडिकल स्टोर, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड, आपदा राहत आदि इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी
Aaj Bharat Band: तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। किसान इंमरजेसी सेवा को छोड़कर सभी चीजों को बंद करेंगे। तय किया गया है कि किसान रास्तों और हाईवे पर धरना देंगे। सरकारी दफ्तरों के सामने प्रदर्शन होगा। किसान दिल्ली के बॉर्डर पर भी घेराव करेंगे। किसानों के इस बंद को विपक्ष का समर्थन मिला हुआ है।
- संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेतृत्व के तहत 40 किसान संगठनों ने भारत बंद करने की अपील की है। किसान संगठनों ने लोगों से कहा गया है कि किसानों के संघर्ष में शामिल होकर अपना योगदान दें।
- आंदोलनकारी किसानों ने तय किया है कि भारत बंद सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक होगा। किसान नेता दिल्ली बॉर्डर के पर धरना देंगे।
- भारत बंद के दौरान सार्वजनिक गतिविधि बंद करेंगे। बाजार, दुकान और उद्योग को बंद करने की अपील की गई है।
- इस दौरान स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी को बंद करेंगे। हर तरह की सार्वजनिक ट्रैफिक को रोकेंगे। इसका सीधा मतलब है कि हाईवे पर धरना, टोल पर प्रदर्शन होगा। रेलवे ट्रैक पर धरना-प्रदर्शन होगा। हालांकि किसान नेताओं ने इमरजेंसी सेवाओं को बंद से मुक्त रखा है।
- आंदोलनकारी किसानों के इस बंद को विपक्ष से खाद पानी भी मिल रहा है। कई राजनीतिक दलों ने किसानों के समर्थन का ऐलान किया है। बंद का साथ देने वाले दलों में कांग्रेस, NCP, लेफ्ट, तृणमूल, आरजेडी, समाजवादी पार्टी, बीएसपी, आम आदमी पार्टी, टीडीपी, जेडीएस शामिल हैं।
- इसके अलावा ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन ने भी बंद को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है।
- माना जा रहा है कि बंद का सबसे ज्यादा असर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश में रहेगा।
- कई जगह पुलिस ने बंद को लेकर कमर कस ली है। पुलिस की कई टीमें सड़कों-हाईवे पर मुस्तैद होगी। किसानों ने बंद को शांतिपूर्ण रखने का आह्वान किया है- लेकिन पुलिस हर स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है।
- संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा यह तीसरा भारत बंद होगा। एसकेएम के पदाधिकारियों के अनुसार, जहां पहले बंद ने कुछ प्रभाव दिखाया था, वहीं दूसरे का कम से कम या कोई प्रभाव नहीं था, जिसका मुख्य कारण 26 जनवरी के बाद का प्रभाव था। हालांकि, किसान यूनियनों को इस बंद के प्रभावी होने की उम्मीद है।
- कई राज्य सरकारों जैसे- पंजाब, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश ने बंद के आह्वान को समर्थन दिया है।
क्यों हैं भारत बंद और क्या है किसानों की मांग
संयुक्त किसान मोर्चा ने हाल में जारी एक बयान में कहा था कि इस ऐतिहासिक संघर्ष के दस महीने पूरे होने पर एसकेएम ने केंद्र सरकार के खिलाफ सोमवार (27 सितंबर) को 'भारत बंद' का आह्वान किया है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को 10 महीने पूरे हो गए हैं। प्रदर्शनकारी किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जिसको लेकर उन्हें डर है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म कर दिया जाएगा तथा उन्हें बड़े कार्पोरेट की दया पर छोड़ दिया जाएगा। हालांकि, सरकार तीन कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश कर रही है। दोनों पक्षों के बीच 10 दौर से अधिक की बातचीत गतिरोध को तोड़ने में विफल रही है। जनवरी के बाद से सरकार और किसानों के बीच बातचीत बंद है।