- एक बार फिर एनडीए का हिस्सा बन गए हैं जीतन राम मांझी
- हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का JDU से हुआ गठबंधन
- सीटों को लेकर अभी चर्चा नहीं हुई है: मांझी
नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने इस साल के अंत में राज्य में होने वाले चुनावों से पहले नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन किया है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा, 'हमने जनता दल यूनाइटेड (JDU) के साथ गठबंधन किया है और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा बन गए हैं। अगले बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है।'
लालू पर हमलावर मांझी
जीतन राम मांझी ने कहा, 'जिस गठबंधन के साथ हम लोग फैसला ले रहे हैं नीतीश कुमार के साथ और NDA के साथ, उसे जिताने के लिए हमारे कार्यकर्ता समस्त बिहार में लगेंगे और राज्यहित में बिहार में NDA की सरकार बने इसके लिए हम लोग एड़ी चोटी का पसीना एक कर देंगे। लालू प्रसाद जी के गलत चक्कर में हम पड़ गए कि आओ भाई जो NDA काम करके नहीं दे रही है वो हम करके देंगे लेकिन वहां हमें यही लगा कि वहां तो भाई-भतीजावाद है, करप्शन है, हर तरह से अपने बारे में विशेष सोच है न कि राज्य के लिए।'
पार्टी के प्रवक्ता ने कहा था कि पार्टी बिहार चुनाव से पहले एनडीए में शामिल हो जाएगी। प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि आगामी चुनावों में पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी, यह कभी भी मुद्दा नहीं था क्योंकि HAM (S) राज्य के विकास के लिए NDA में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी विकास कार्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मजबूती से खड़ी है।
महागठबंधन से अलग हुआ मांझी
मांझी ने हाल ही में आरजेडी, कांग्रेस, आरएलएसपी और बॉलीवुड सेट डिजाइनर से राजनेता बने मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के साथ विपक्षी गठबंधन में ढाई साल बिताने के बाद महागठबंधन से नाता तोड़ लिया था। मांझी ने पिछले गुरुवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की और माना जाता है कि उन्होंने सीट बंटवारे पर बातचीत की। एचएएम 15-20 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है, जिसमें ज्यादातर मगध क्षेत्र की हैं, जहां से मांझी हैं। लेकिन जेडीयू कथित तौर पर उनके लिए 10-12 सीटें छोड़ने को तैयार है।
मांझी विधानसभा में अपनी पार्टी के अकेले सदस्य हैं। लेकिन उनका शामिल होना एनडीए के लिए दलितों, खासकर पासवान के अलावा अन्य तक पहुंचने में मदद करेगा। बिहार में दलित 16% से अधिक मतदाता हैं और 243 सदस्यीय सदन में लगभग 40 सीटें उनके लिए आरक्षित हैं।
नीतीश ने बनाया था मांझी को मुख्यमंत्री
मांझी ने 2015 में जेडीयू छोड़ दी थी। बाद में उन्होंने HAM का गठन किया और NDA के घटक के रूप में 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों में 21 सीटों पर चुनाव लड़ा। जुलाई 2017 में कुमार की एनडीए में वापसी के साथ उन्होंने विपक्षी गठबंधन के साथ हाथ मिला लिया। 2014 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफो देकर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन बाद में दोनों के बीच रिश्ते में तल्खी की वजह से उन्हें पद से हटा दिया गया। इसके बाद मांझी ने अलग पार्टी बना ली।