लाइव टीवी

Modi cabinet: जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा बिल लाने की मंजूरी, मिशन कर्मयोगी योजना को हरी झंडी

Updated Sep 02, 2020 | 16:26 IST

Modi cabinet decisions: प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें कई अहम फैसले लिए गए हैं, सबहसे महरत्वपूर्ण केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा बिल लाने की मंजूरी दी है।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspANI
मोदी कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर राजभाष बिल को मंजूरी देते हुए कहा कि इसका फैसला राज्य की जनता की मांग पर किया गया है

नई दिल्ली: आज कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई इसमें कई बड़े फैसले लिए गए, बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा बिल (J&K Rajbhasha Bill) लाने को भी दी गई मंजूरी दी गई है साथ ही कर्मयोगी योजना को भी सरकार ने दी मंजूरी दे दी है, लोक सेवकों (सिविल सर्विस) के लिए बनाए गए इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का खासा महत्व है।

मोदी कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर राजभाषा बिल को मंजूरी देते हुए कहा कि इसका फैसला राज्य की जनता की मांग पर किया गया है, इस बावत जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट ने संसद में जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक 2020 को लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

उर्दू, कश्मीर, डोगरा, हिंदी और अंग्रेजी राज्य की आधिकारिक भाषा होंगी

इसमें उर्दू, कश्मीर, डोगरा, हिंदी और अंग्रेजी राज्य की आधिकारिक भाषा होंगी।केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में डोगरी, हिंदी और कश्मीरी को आधिकारिक भाषाओं के रूप में शामिल करना न केवल लंबे समय से लंबित सार्वजनिक मांग की पूर्ति है, बल्कि 5 अगस्त, 2019 के बाद समानता की भावना को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया गया। 

MissionKarmayogi को भी मिली मंजूरी

कैबिनेट ने #MissionKarmayogi को मंजूरी दी है, सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम सिविल सेवकों के लिए क्षमता निर्माण की नींव रखने के लिए। सी चंद्रमौली, सचिव, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने बताया कि मिशन कर्मयोगी व्यक्तिगत (सिविल सेवकों) और संस्थागत क्षमता निर्माण पर केंद्रित है। शीर्ष पर, एक पीएम की मानव संसाधन परिषद होगी जिसमें पीएम की अध्यक्षता में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल होंगे। मिशन कर्मयोगी का लक्ष्य भारतीय सिविल सेवकों को भविष्य के लिए और अधिक रचनात्मक, रचनात्मक, कल्पनाशील, अभिनव, सक्रिय, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर भविष्य के लिए तैयार करना है।

सी चंद्रमौली ने आगे बताया कि क्षमता निर्माण आयोग (Capacity Building Commission) की स्थापना की जाएगी जो प्रशिक्षण मानकों का सामंजस्य स्थापित करेगा, साझा संकाय और संसाधन बनाएगा और सभी प्रशिक्षण संस्थानों पर एक पर्यवेक्षी भूमिका निभाएगा ताकि भारत की आकांक्षाओं और विकास लक्ष्यों की आम समझ हो। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आगे बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन एमओयू को मंजूरी दी है - एक वस्त्र मंत्रालय और जापान के बीच गुणवत्ता मूल्यांकन पद्धति के लिए, खनन मंत्रालय और फिनलैंड के बीच और नए और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और डेनमार्क के बीच।
 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।