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Bihar: रिश्वत पर भी पड़ी महंगाई की मार, रिपोर्ट में दावा- बिहार में हजार नहीं अब लाख दीजिए जनाब

Updated Sep 12, 2022 | 22:56 IST

Bihar: पिछले महीने ग्रामीण निर्माण विभाग के एक सहायक अभियंता हेमचंद्र लाल कर्ण को कथित तौर पर 62,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसके घर पर छापेमारी कर 6.50 लाख रुपए कैश बरामद किए गए।

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रिश्वत पर भी पड़ी महंगाई की मार। (सांकेतिक फोटो)

Bihar: देश में बढ़ती महंगाई ने आटे-दाल के साथ 'रिश्वत' के रेट को भी बढ़ा दिया है। जरूरी चीजों की आसमान छूती कीमतों ने जहां लोगों को प्रभावित किया है, वहीं ऐसा लगता है कि बिहार में बढ़ती महंगाई से प्रभावितअधिकारी काम के बदले और ज्यादा रिश्वत की मांग कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि हालांकि पिछले एक दशक में रिश्वत का पैसा सबसे ऊपर रहा है, लेकिन कोविड-लॉकडाउन के बाद इसने बुलंदियों को छू लिया है, जिससे गंभीर वित्तीय संकट पैदा हो गया है।

बिहार में रिश्वत पर भी पड़ी महंगाई की मार

ट्रैप मामलों में सतर्कता विभाग की ओर से गिरफ्तार किए गए अधिकारियों की लिस्ट की डीप स्टडी से पता चलता है कि वर्तमान में अधिकारियों की ओर से मांगी जा रही औसतन रिश्वत 50,000 रुपए है। हालांकि कई मामलों में ये 1 लाख रुपए को भी पार कर गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में एक पुलिस कांस्टेबल दीपक कुमार सिंह की कथित तौर पर 4.5 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तारी ने इस स्थिति को उजागर किया है। उसे इसी साल मार्च में पटना से गिरफ्तार किया गया था।

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वहीं पिछले महीने ग्रामीण निर्माण विभाग के एक सहायक अभियंता हेमचंद्र लाल कर्ण को कथित तौर पर 62,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसके घर पर छापेमारी कर 6.50 लाख रुपए कैश बरामद किए गए। पिछले साल भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार को कथित तौर पर 8 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। नवंबर 2019 में सड़क निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार को 16 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। उन्हें 16 लाख रुपए का भुगतान किया जा रहा था, जो एक निर्माण कंपनी को 8.30 करोड़ रुपए की सड़क परियोजना को मंजूरी देने के बदले कुल 80 लाख रुपए की रिश्वत की पहली किस्त थी।

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बिहार में कई अधिकारी रिश्वत के साथ हुए गिरफ्तार

उनसे पहले इसी विभाग के एक अन्य कार्यपालक अभियंता सुरेश प्रसाद सिंह को 14 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। राजधानी पटना में उनके घर की बाद की तलाशी में बिस्तरों के नीचे, सूटकेस और लॉकर में जमा 23 लाख रुपए मिले। इसी तरह राजस्व लिपिक राजा राम सिंह को नालंदा जिले से गिरफ्तार किया गया था, जब वह कथित तौर पर एक ग्रामीण से 5 लाख रुपए की रिश्वत ले रहा था। उसने शुरू में एक ग्रामीण से अपना काम करवाने के लिए 20 लाख रुपए की मांग की थी, लेकिन आखिरकार 5 लाख रुपए में सौदा तय हो गया। एक सरकारी कर्मचारी की ओर से ली गई न्यूनतम रिश्वत 500 रुपए है। 

नवादा सर्कल कार्यालय में नजीर के रूप में तैनात आरोपी नंद लाल पासवान को 17 अक्टूबर 2006 को 500 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। सतर्कता विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हमें ये स्वीकार करने में कोई गुरेज नहीं है कि हाल के सालों में रिश्वत के पैसे में खतरनाक रूप से बढ़ोतरी हुई है। ये हम सभी के लिए बहुत परेशान करने वाला है। 
 

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