बिहार सरकार ने फैसला लिया है कि अगर कोई व्यक्ति पहली बार शराब पीते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर 2000-5000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। अगर वह जुर्माना नहीं भरता है, तो उसे 30 दिन की कैद की सजा भुगतनी होगी। यदि कोई व्यक्ति दूसरी बार शराब पीते पकड़ा जाता है, तो उसे 1 वर्ष की कैद होगी।
इससे पहले बिहार विधानसभा ने 30 मार्च को एक संशोधन विधेयक पारित किया जो राज्य में पहली बार अपराधियों के लिए शराब प्रतिबंध को कम कठोर बनाने का प्रयास करता है। बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद (संशोधन) विधेयक के अनुसार, पहली बार अपराध करने वालों को जुर्माना जमा करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट से जमानत मिल जाएगी।
विपक्षी सदस्यों द्वारा पेश किए गए कई संशोधन प्रस्तावों को खारिज करने के बाद सदन ने मद्यनिषेध और आबकारी मंत्री सुनील कुमार द्वारा पेश किए गए विधेयक को पारित कर दिया। मंत्री ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि निर्दोष व्यक्तियों को परेशान नहीं किया जाएगा, जबकि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
बिहार मद्य निषेध एवं आबकारी अधिनियम, 2016 राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाने के लिए बनाया गया था।
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हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब पीने वाले लोगों को महापापी कहा था। बिहार विधानसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा था कि कोई शराब पीने गया था और जहरीली शराब पीने से मर गया, शराब खराब है। शराबबंदी लागू होनी चाहिए। महात्मा गांधी ने भी कहा था कि शराब पीना बुरी बात है और जो बापू की बात नहीं मानता वह बहुत बड़ा पापी है। कानून बनते हैं लेकिन उनका पालन कोई नहीं करता।
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