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Bilkis Bano केस: 11 दोषियों की रिहाई ‘शर्मनाक फैसला’- बोले मुस्लिम MLAs, USCIRF ने भी जताई कड़ी आपत्ति

Updated Aug 20, 2022 | 20:36 IST

Bilkis Bano Rape Case: विधायक ग्यासुद्दीन शेख, इमरान खेड़ावाला और जावेद पीरजादा ने राष्ट्रपति को इस बाबत खत लिखा, जिसकी जानकारी शेख ने खुद को शनिवार (20 अगस्त, 2022) को दी।

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तस्वीर साभार:&nbspIANS
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।

Bilkis Bano Rape Case: गुजरात में कांग्रेस के तीन मुसलमान विधायकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखकर गुजारिश की है कि वह राज्य सरकार को साल 2002 बिल्कीस बानो गैंगरेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को रिहा करने के ‘‘शर्मनाक फैसले’’ को वापस लेने का निर्देश दें। 

विधायक ग्यासुद्दीन शेख, इमरान खेड़ावाला और जावेद पीरजादा ने राष्ट्रपति को इस बाबत खत लिखा, जिसकी जानकारी शेख ने खुद को शनिवार (20 अगस्त, 2022) को दी। शेख ने इस पत्र की कॉपी ट्विटर पर शेयर की और लिखा,‘‘ गुजरात कांग्रेस विधायक ग्यासुउद्दीन, इमरान खेड़ावाला और जावेद पीरजादा ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बिल्कीस बानो मामले में पत्र लिखा है।’’

लेटर में कहा गया कि बानो के साथ गैंगरेप और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या मामले के 11 दोषियों को रिहा करने के लिए गुजरात की भाजपा सरकार की ओर से लिए गए ‘‘शर्मनाक फैसले ने दिन को ‘कलंकित’ (जिस दिन फैसला लिया गया है) कर दिया है। 

आगे इसमें कहा गया, ‘‘हालांकि केंद्र सरकार का स्पष्ट दिशानिर्देश है कि दुष्कर्म के मामले में उम्र कैद की सजा पाए दोषियों को क्षमा नीति के तहत रिहा नहीं किया जाना चाहिए, इसके बावजूद गुजरात की भाजपा सरकार ने बिल्कीस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले के 11 दोषियों को माफी देकर असंवेदनशील रुख दिखाया है। यह उन लोगों के लिए निराशाजनक फैसला है जो न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं।’’

चिट्ठी में कहा गया कि बिल्कीस बानो मामले के दोषियों को वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक दुष्कर्म और तीन साल की बेटी सहित परिवार के सात सदस्यों की हत्या के लिए कठोरतम सजा दी जानी चाहिए। पत्र के मुताबिक, ‘‘इसके उलट गुजरात की भाजपा सरकार ने ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को माफी दे दी।’’

माफी नीति के तहत गुजरात सरकार द्वारा दोषियों को माफी दिए जाने के बाद बिल्कीस बानो सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों को 15 अगस्त को गोधरा के उप कारागार से रिहा कर दिया गया था, जिसकी विपक्षी पार्टियों ने कड़ी निंदा की है। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)

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