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Rajasthan: भ्रष्टाचार-कानून व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर बीजेपी ने गहलोत सरकार को घेरा, मुख्यमंत्री आवास तक किया विशाल प्रदर्शन

Updated Aug 20, 2022 | 19:41 IST

Rajasthan: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर आप सब जानते हैं कि लोकतंत्र को कायम रखने में किसी भी लोक कल्याणकारी सरकार में अपराध पर नियंत्रण और कानून व्यवस्था बनाए रखना, यह बहुत ही महत्वपूर्ण कारक होता है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
भ्रष्टाचार-कानून व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर बीजेपी ने गहलोत सरकार को घेरा।
मुख्य बातें
  • बीजेपी अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां के नेतृत्व में जयपुर में विशाल प्रदर्शन
  • राज्यवर्धन सिंह राठौर और घनश्याम तिवाड़ी ने दीं गिरफ्तारी
  • बीजेपी ने गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकने का लिया संकल्प

Rajasthan: राजस्थान की बिगड़ी कानून व्यवस्था, महिला अत्याचार, अवैध खनन, साधु-संतों पर अत्याचार, मॉब लिंचिंग, हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के मुद्दों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने जयपुर में शहीद स्मारक जयपुर से मुख्यमंत्री आवास तक विशाल धरना प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां के नेतृत्व में गहलोत सरकार को घेरा। कार्यकर्ताओं ने गहलोत सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे कार्यकताओं को रोकने के लिए भारी पुलिसबल तैनात किया गया था, जिसके चलते कई जगहों पर कार्यकर्ताओं की पुलिसबल के साथ झड़प हुई। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, राज्यवर्धन सिंह राठौर और घनश्याम तिवाड़ी ने गिरफ्तारी दी। 

बीजेपी अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां के नेतृत्व में जयपुर में विशाल प्रदर्शन

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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर आप सब जानते हैं कि लोकतंत्र को कायम रखने में किसी भी लोक कल्याणकारी सरकार में अपराध पर नियंत्रण और कानून व्यवस्था बनाए रखना, यह बहुत ही महत्वपूर्ण कारक होता है। कांग्रेस ने 2018 के अपने घोषणापत्र में इस बात का भरोसा दिलाया था कि प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखेंगे, पुलिस को आधुनिक बनाएंगे, संसाधनों से युक्त करेंगे और अपराधों पर नियंत्रण करेंगे, किसी भी प्रदेश की कानून व्यवस्था उसके महत्वपूर्ण कारकों में इसलिए होती है कि शांति व्यवस्था से लेकर सद्भाव से लेकर उसकी आर्थिक तरक्की से भी इसका संबंध होता है।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि राजस्थान ऐसा प्रदेश है कि जिसकी भारत में अभी तक एक छाप रही, छवि रही, साख रही है कि राजस्थान एक शांतिपूर्ण प्रदेश है, यहां सद्भाव भी रहा है और यहां दुनिया से भारत में आने वाला हर तीसरा पर्यटक राजस्थान आता है, पर्यटन का राजस्थान की आर्थिक तरक्की में बहुत बड़ा योगदान है। पिछले दिनों उदयपुर में एक घटना घटित हुई, जिसमें कन्हैयालाल का जिस तरीके से सर कलम किया गया, उसके तत्काल बाद उदयपुर के पर्यटन व्यवसाय की सारी बुकिंग निरस्त हो गई, उस घटना से वहां के लोग इतने आहत और भयभीत हुए कि जितने विदेशी और देशी पर्यटक आते थे, उदयपुर एक वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हुआ और लाखों लोगों को रोजगार देता है।

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इस घटना के बाद उदयपुर का पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ, लोगों के रोजगार पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है, जिनके सामने आजीविका का संकट भी पैदा हुआ है। प्रदेश की कानून व्यवस्था की पृष्ठभूमि के बारे में इसलिए बात की कि आपने एक वीडियो देखा है जिसमें  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुजरात में प्रेस को संबोधित कर रहे थे तो इस दौरान जब एक पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा तो वह जमवारामगढ़ की महिला टीचर को जलाने की घटना से अनभिज्ञ थे, उनको उनके सहयोगी ने बताया कि जमवारामगढ़ में इस तरीके की घटना हो गई, उन्होंने जयपुर की घटना का भी जिक्र किया कि जयपुर में एक साधु ने आग लगाकर आत्मदाह की कोशिश की, यह एक बानगी है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री जो गृह मंत्री भी हैं, प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाली घटनाओं पर कितने संवेदनहीन हैं और कितने अनभिज्ञ हैं।

कानून व्यवस्था को लेकर घेरा

बीजेपी नेताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में आंकड़े अपने आपमें कानून व्यवस्था की बानगी बताते हैं, राजस्थान में साढ़े तीन वर्षों में अब तक सात लाख, 97 हजार 693 मुकदमे दर्ज हुए हैं, यह पहली बार हुआ है जो कभी नहीं हुआ। प्रदेश में साढ़े तीन वर्षो में कुल 7 लाख 97 हजार 693 मामले दर्ज हो चुके हैं, 6 हजार 325 हत्याएं हो चुकी हैं, 5 हजार से भी अधिक लूट की वारदात हो चुकी हैं, चोरी की वारदात 1 लाख 29 हजार 489 हो चुकी हैं, महिलाओं पर अत्याचार के मामले 1 लाख 45 हजार 288 दर्ज हो चुके हैं, बच्चियों, महिलाओं पर रेप एवं गैंगरेप से संबंधित मामलों में 22 हजार 148 दर्ज हो चुके हैं, 26 हजार 794 मामले अनुसूचित जाति से संबंधित मामले दर्ज हुए। प्रदेश में 7 हजार 374 मामले अनुसूचित जनजाति से संबंधित मामले दर्ज हुए, वर्ष 2020 के मुकाबले 2022 में हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूट, अपहरण, बलात्कार, चोरी, नकबजनी में बढ़ोतरी हुई है, चोरी के मामलों में 21.53 प्रतिशत, लूट 28.57 प्रतिशत, बलात्कार 19.34 प्रतिशत और महिला अत्याचार में 18.75 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई।

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