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बिपिन रावत Mi-17V-5 में कर रहे थे सफर, वीवीआईपी करते हैं इस्तेमाल, माना जाता है बेहद सुरक्षित

Updated Dec 08, 2021 | 18:28 IST

Bipin Rawat: सीडीएस बिपिन रावत जिस Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर में सफर कर रहे थे। उसे बेहद सुरक्षित माना जाता है। इसीलिए इसका इस्तेमाल वीवीआईपी मूवमेंट के लिए किया जाता रहा है।

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Mi-17V-5 में सफर कर रहे थे बिपिन रावत
मुख्य बातें
  • Mi-17V-5 रूस की कंपनी कजान हेलिकॉप्टर बनाती है।
  • कारगिल युद्ध के दौरान भी इस हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था।
  • इसमें एक साथ 36 सशस्त्र जवान बैठ सकते हैं।

नई दिल्ली: तमिलनाडु में बुधवार को सेना का Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सेना के 12 अन्य अफसर और जवान सवार थे। और उसमें सवार बिपिन रावत सहित 13 लोगों की मौत हो गई है। बिपिन रावत जिस Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर में यात्रा कर रहे थे, उसे बेहद सुरक्षित हेलिकॉप्टरों में से एक माना जाता है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि वह कैसे दुर्घटनाग्रस्त हो गया। 

Mi-17V-5 की क्या है खासियत

एयरफोर्स टेक्नोलॉजी से मिली जानकारी के अनुसार  Mi-17V-5 रूस में बना एक ट्विन इंजन मल्टीपर्पज हेलिकॉप्टर है। Mi-17V-5, Mi-8/17 फैमिली का एक मिलिट्री ट्रांसपोर्ट वैरिएंट है। इसे रूसी कंपनी कजान हेलिकॉप्टर बनाती है। Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर MI-8 हेलिकॉप्टर का अपग्रेडेड वर्जन है।  Mi-17V-5 ज्यादा ऊंचाई और खराब से खराब मौसम में भी बेहतर तरीके से काम कर सकता है। इसे विशेष रूप से ज्यादा ऊंचाई पर बेहतर तरीके से ऑपरेट करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका इस्तेमाल हथियारों के ट्रांसपोर्ट, फायर सपोर्ट, एस्कॉर्ट, पेट्रोलिंग आदि के लिए भी किया जाता है।

पीएम मोदी से लेकर कई वीवीआईपी करते हैं इस्तेमाल

इसकी खासियत की वजह से PM नरेंद्र मोदी सहित दूसरे VVIP के मूवमेंट में इसका इस्तेमाल होता है। एयरफोर्स टेक्नोलॉजी के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने दिसंबर 2008 में 80 हेलीकॉप्टरों के लिए रूसी हेलीकॉप्टरों के लिए 1.3 अरब डॉलर का समझौता किया था। भारतीय वायु सेना को इन हेलिकॉप्टर की डिलीवरी 2011 में मिलनी शुरू हुई थी, जिसमें 36 हेलीकॉप्टर 2013 की शुरुआत में वितरित किए गए थे। इसके बाद Rosoboronexport और रक्षा मंत्रालय ने 2012 और 2013 के दौरान 71 Mi-17V-5 हेलीकॉप्टरों के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए। नए आदेश 2008 में समझौते का का हिस्सा थे। भारतीय वायु सेना ने अप्रैल 2019 में Mi-17V-5 हेलीकॉप्टरों की मरम्मत और ओवरहाल सुविधा का भी शुरूआत की थी। 

कारगिल युद्ध में हुआ था इस्तेमाल

रिपोर्ट्स के अनुसार कारगिल युद्ध के दौरान इसका इस्तेमाल किया गया था। जिसका टाइगर हिल्स और तोलोलिंग की चोटियों पर कब्जा वापिस पाने के लिए इस्तेमाल किया गया था। इस हेलिकॉप्टर की खासियत है कि यह 20 हजार फुट की ऊंचाई तक पहाड़ों में इस्तेमाल किया जा सकता है। हेलीकॉप्टर का अधिकतम टेकऑफ वजन 13,000 किलोग्राम है। यह 36 सशस्त्र सैनिकों के साथ या 4,500 किलोग्राम भार तक ले जा सकता है।

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