- बुधवार को कुन्नूर में हादसे का शिकार हो गया सीडीएस रावत का हेलिकॉप्टर
- 'वायु सेना के इस हेलिकॉप्टर में सवार 14 लोगों में से 13 लोगों की मौत हो चुकी है'
- इस हादसे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को संसद में बयान दे सकते हैं
नई दिल्ली : चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत को ले जाने वाला वायु सेना का हेलिकॉप्टर बुधवार को तमिलनाडु में दुर्घटना का शिकार हो गया। वायु सेना के इस एमआई-17 हेलिकॉप्टर में चालक दल के 5 सदस्यों सहित 14 लोग सवार थे। इस हादसे में सीडीएस रावत और 12 अन्य लोगों की मौत हो चुकी है। वायु सेना ने सीडीएस रावत की मौत की पुष्टि कर दी है। जबकि जिंदा बचे एक व्यक्ति का इलाज चल रहा है। सीडीएस रावत वेलिंग्टन में एक रक्षा स्कूल में लेक्चर देने जा रहे थे। इसी दौरान उनका हेलिकॉप्टर कोयम्बटूर एवं सुलूर के बीच दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
जहां दुर्घटना हुई, वह पर्वतीय इलाका है
बताया जा रहा है कि जहां पर यह दुर्घटना हुई, वह पर्वतीय इलाका है। इस इलाके में चाय बागान हैं। यह हादसा रिहायशी इलाके के समीप हुआ। हेलिकॉप्टर के गिरने की घटना को कुछ लोगों ने देखा। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हेलिकॉप्टर गिरने के समय वहां पर जोर का धमाका हुआ और फिर उसमें आग लग गई। लोगों का कहना है कि हेलिकॉप्टर के नीचे गिरने पर वे दौड़कर वहां गए। स्थानीय लोगों ने हेलिकॉप्टर से लोगों को निकालकर अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की। लोगों ने ही इस हादसे की जानकारी पुलिस और स्थानीय प्रशासन को दी।
मैंने जोर की आवाज सुनी-प्रत्यक्षदर्शी
रिपोर्टों के मुताबिक कृष्णास्वामी नाम के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, 'सबसे पहले मैंने जोर की आवाज सुनी। यह जानने के लिए क्या हुआ है, मैं बाहर निकला। मैंने देखा कि हेलिकॉप्टर पेड़ों से टकरा गया है। इसके बाद वह आग के गोले में तब्दील हो गया। इसके बाद वह एक दूसरे पेड़ से टकराया। फिर मैंने देखा कि हेलिकॉप्टर से दो से तीन लोग बाहर निकल रहे हैं। ये लोग पूरी तरह से आग से घिरे हुए थे और फिर ये लोग जमीन पर नीचे गिरने लगे।'
स्थानीय लोगों ने मदद की
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, 'हेलिकॉप्टर के गिरने के बाद मैंने आस-पास में रहने वाले लोगों को बुलाया और घायल लोगों को मदद करने की कोशिश की। इसके बाद दमकल विभाग एवं अन्य आपात सेवाओं को सूचित किया गया।' इस घटना के बाद के कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें हेलिकॉप्टर को आग की लपटों में घिरा देखा जा सकता है। स्थानीय लोग आग को बुझाते नजर आए हैं। बताया जा रहा है कि हादसे का स्थान मुख्य मार्ग से चार से पांच किलोमीटर की दूरी पर है। राहतकर्मियों के पहुंचने से पहले स्थानीय लोगों ने बाल्टी में पानी भरकर हेलिकॉप्टर में लगी आग को बुझाने की कोशिश की।
एमआई-17 को बहुत ही उन्नत हेलिकॉप्टर माना जाता है
इस इलाके में काम कर चुके सेना के एक अधिकारी ने कहा कि जहां हादसा हुआ है, वह एक पहाड़ी इलाका है। यहां पर आए दिन मौसम खराब हो जाता है। मौसम खराब होने से दृश्यता कम हो जाती है। पूर्व सैन्य अधिकारी ने कहा कि एमआई-17 बहुत ही उन्नत हेलिकॉप्टर माना जाता है। इसमें तकनीकी खामी आने की आशंका बहुत कम होती है। फिर भी हादसा की असली वजह का पता जांच के बाद ही चल सकेगा।