- ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सचिन पायलट के बहाने कांग्रेस पर साधा निशाना
- भाजपा सांसद ने कहा कि कांग्रेस में नेता केवल सत्ता पाना चाहते हैं
- मध्य प्रदेश में आने वाले समय में विधानसभा की 27 सीटों पर होने हैं उप चुनाव
नई दिल्ली : राजस्थान की कांग्रेस इकाई में पिछले दिनों हुए राजनीतिक घमासान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रतिक्रिया दी है। सिंधिया ने सचिन पायलट का हवाला देते हुए सोमवार को कहा कि कांग्रेस में सक्षम नेताओं के खिलाफ सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सिंधिया ने कहा, 'सचिन जी मेरे मित्र हैं। पिछले 20 वर्षों तक लोगों की सेवा करने में वे मेरे साथ रहे। इस दौरान वह जिस पीड़ा एवं आक्रोश से गुजरे वह सभी को पता है। हम यह भी जानते हैं कि काफी देर हो जाने के बाद अब अपना घर ठीक करने की कोशिश कर रही है। आज सच्चाई छिपी नहीं है। कांग्रेस में आज नेताओं की योग्यता पर सवाल उठ रहे हैं जो कि दुखद है।'
'कांग्रेस में नेता केवल सत्ता हासिल करना चाहते हैं'
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस में नेता केवल सत्ता हासिल करना चाहते हैं, उन्हें लोगों की सेवा से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस नेता अपनी कुर्सी वापस पाने के लिए परेशान हैं। वे चाहते हैं कि किसी तरह उनकी कुर्सी बची रहे। उनका जनसेवा या अपने किए हुए वादों से कोई मतलब नहीं है।' सिंधिया से कमलनाथ के उस बयान के बारे में पूछा गया जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उप चुनावों के बाद कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी।
सिंधिया बोले-उपचुनाव में जनता जवाब देगी
भाजपा के सांसद ने कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि लोग भाजपा के साथ हैं और इन उप-चुनावों में जनता कांग्रेस के इन नेताओं को कड़ा जवाब देगी।' बता दें कि मध्य प्रदेश में आने वाले समय में विधानसभा की 27 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इन सीटों के लिए कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश कांग्रेस की तरफ से कुछ दिनों पहले उप चुनावों को लेकर ट्वीट भी किया गया। कांग्रेस ने 'बिकाऊ नहीं टिकाऊ चाहिए, फिर से कमलनाथ चाहिए' का नारा दिया है। दरअसल, उपचुनाव में 25 सीटें ऐसी हैं, जहां पर कांग्रेस के विधायकों ने दल बदल कर बीजेपी का दामन थाम लिया है।
राजस्थान में कांग्रेस पर से संकट टला
वहीं, राजस्थान में सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के बागी तेवर अख्तियार करने से गहलोत सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे थे लेकिन अब पायलट के मान जाने से पार्टी का यह संकट समाप्त हो गया है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से बातचीत होने के बाद पायलट ने दोबारा पार्टी का दामन थामा। गत शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हुआ और इसमें गहलोत ने विश्वास मत हासिल कर लिया।