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राष्ट्रपति चुनाव में पहली बार: मुर्मू की जीत के बाद BJP की बड़ी तैयारी, जानें 1 लाख गांवों पर क्यों नजर

Updated Jul 21, 2022 | 19:13 IST

President Election 2022: द्रौपदी मुर्मू के जीत के  ऐलान के बाद ही देश के एक लाख से ज्यादा आदिवासी गांवों में भाजपा जश्न मनाएगी। संदेश साफ है कि आदिवसी समुदाय में भाजपा अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है।

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जानें बीजेपी का मेगा प्लान
मुख्य बातें
  • लोक सभा चुनाव में करीब 60 लोकसभा सीटों पर आदिवासी समुदाय का असर है।
  • गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा में  2024 के पहले विधानसभा चुनाव होंगे।
  • 543 सदस्यों वाली लोक सभा में 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।

President Election 2022: राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है। और उनकी जीत की संभावना को देखते हुए भाजपा ने इस बार नई प्लानिंग की है। इसमें जीत के बाद दिल्ली में यात्रा निकालने के साथ एक लाख गांवों में जश्न मनाने की तैयारी है। ऐसा पहली बार होगा कि किसी राष्ट्रपति की जीत के बाद इस तरह की यात्रा निकाली जाएगी। और इतने बड़े पैमाने पर जश्न मनाया जाएगा। ऐसे में सवाल उठता है कि भाजपा द्रौपदी मुर्मू की जीत पर ऐसी तैयारी में क्यों हैं। तो इसका जवाब द्रौपदी मुर्मू के रूप में देश की पहले आदिवासी के राष्ट्रपति बनने में छिपा हुआ है। भाजपा का यह दांव कितना धारदार यह इसी से समझा जा  सकता है कि राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग के दौरान ही विपक्षी की एकता धराशायी हो गई ।

भाजपा की क्या है प्लानिंग

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू के जीत के  ऐलान के बाद ही देश के एक लाख से ज्यादा आदिवासी गांवों में जश्न शुरू कर देगी। सूत्रों के अनुसार मुर्मू के जीत का संदेश देश के कोने-कोने में पहुंचाए जाने के साथ उन लोगों तक पहुंचाना जरूरी है। जिनका प्रतिनिधित्व द्रौपदी मुर्मू करती हैं। इसीलिए एक लाख से ज्यादा आदिवासी बहुल गांवों में मुर्मू के जीत का जश्न मनाया जाएगा। यही नहीं पार्टी नेताओं को इस तरह के भी निर्देश हैं कि पोस्टर पर केवल मुर्मू की ही तस्वीर लगाई जाय। साफ है कि अगर ऐसा होता है तो भाजपा के सबसे बड़े ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तस्वीर नहीं होगी।

मुर्मू की जीत का चुनावी असर

असल में जिस तरह द्रौपदी मुर्मू के जीत को बड़े स्तर पर मनाने की तैयारी में है। उसकी बड़ी वजह अगले दो साल में होने वाले लोक सभा और 5 आदिवासी बहुल राज्यों में विधान सभा चुनाव हैं। अकेले लोक सभा चुनाव में करीब 60 लोकसभा सीटों पर आदिवासी समुदाय का असर है। इस समय 543 सदस्यों वाली लोक सभा में 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इसके अलावा करीब 13 सीटें ऐसी हैं जहां पर आदिवासी समुदाय सीधा असर डालता है।

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राज्य आदिवासी समुदाय की आबादी 
झारखंड 26.3 %
गुजरात  15 %
राजस्थान 13.48 %
मध्य प्रदेश  21.10 %
छत्तीसगढ़ 30.6 %
ओडीशा  22.8 %
महाराष्ट्र 11.0 %

इसके अलावा गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडीसा, त्रिपुरा, झारखंड, मणिपुर, महाराष्ट्र ऐसे राज्य हैं, जहां पर आदिवासी समुदाय का अच्छा खासा असर है। इनमें से गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा में  2024 के पहले विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में द्रौपदी मुर्मू की जीत आदिवासी समुदाय को लुभाने में बड़ा दांव साबित हो सकती है।

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