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Rakesh Tikait: किसान नेता राकेश टिकैत और युद्धवीर सिंह पर फेंकी गई काली स्याही, बेंगलुरु में सभा के दौरान हुआ हंगामा

Updated May 30, 2022 | 14:27 IST

Rakesh Tikait: स्याही के हमले के बाद राकेश टिकैत ने राज्य की बीजेपी सरकार पर कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा प्रदान नहीं करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि ये सरकार की मिलीभगत से किया गया है। 

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किसान नेता राकेश टिकैत और युद्धवीर सिंह पर फेंकी गई काली स्याही।
मुख्य बातें
  • राकेश टिकैत पर फेंकी गई काली स्याही
  • बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हुआ हमला
  • स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो पर सफाई देने आए थे राकेश टिकैत

Rakesh Tikait: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत और युद्धवीर सिंह पर काली स्याही फेंकी गई, जिसके बाद हंगामा मच गया। दरअसल दोनों किसान नेता एक क्षेत्रीय चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो पर सफाई देने आए थे, जिसमें कर्नाटक के किसान नेता कोडिहल्ली चंद्रशेखर को पैसे मांगते हुए पकड़ा गया था। राकेश टिकैत और युद्धवीर सिंह ये स्पष्ट करने आए थे कि वे इसमें शामिल नहीं हैं और धोखेबाज किसान नेता कोडिहल्ली चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ लोगों ने बहस शुरू कर दी और उन पर काली स्याही फेंक दी और कुर्सियां ​​भी फेंकनी शुरू कर दीं। राकेश टिकैत के अनुसार स्याही फेंकने और हंगामा करने वाले किसान नेता चंद्रशेखर के समर्थक थे। स्याही के हमले के बाद राकेश टिकैत ने राज्य की बीजेपी सरकार पर कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा प्रदान नहीं करने का आरोप लगाया। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उन्होंने कहा कि यहां स्थानीय पुलिस की ओर से कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की गई थी। ये सरकार की मिलीभगत से किया गया है। हाई ग्राउंड पुलिस स्टेशन ने कहा कि काली स्याही फेंकने के आरोप में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है।

स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो पर सफाई देने आए थे दोनों किसान नेता  

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हम स्याही से डरने वाले नहीं- सावित मलिक

वहीं किसान सभा के अध्यक्ष अवनीश पवार ने कहा कि जो भी हुआ उसकी जांच होनी चाहिए। किसान यूनियन के महासचिव सावित मलिक ने कह कि किसानों पर तो लाठीचार्ज तक हुआ है, हम स्याही से डरने वाले नहीं हैं। दिल्ली में गाजीपुर सीमा पर सालभर से चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत सबसे आगे थे। राकेश टिकैत और नरेश टिकैत पर स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की विचारधारा से भटकने का आरोप लगा है। 

भारतीय किसान यूनियन ने हाल ही में असली संगठन होने का दावा करने वाले एक अलग समूह के साथ विभाजित हो गया और राजेश चौहान को नया मुखिया नियुक्त किया। साथ ही नरेश टिकैत को अध्यक्ष पद और राकेश टिकैत को प्रवक्ता पद से हटा दिया। 

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