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UP: बिरादरी ने ही नहीं दिए वोट, नाराज प्रत्याशी ने चुनाव हारने के बाद किया धर्म परिवर्तन करने का ऐलान

Updated Jun 03, 2021 | 10:43 IST

उत्तर प्रदेश के बरेली में पंचायत चुनाव हारने के बाद एक उम्मीदवार ने धर्म परिवर्तन करने का ऐलान किया है। उम्मीदवार को अपने ही बिरादरी के वोट नहीं मिल सके थे जिसके बाद वह बुरी तरह नाराज हो गया।

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UP: उम्मीदवार ने चुनाव हारने पर किया धर्म बदलने करने का ऐलान
मुख्य बातें
  • बरेली में ग्राम प्रधान चुनाव हारने पर किया धर्म परिवर्तन का ऐलान
  • अपनी ही बिरादरी के नहीं मिले वोट, समझाने घर पहुंचे बीजेपी नेत
  • उम्मीदवार के ऐलान के बाद केंद्रीय मंत्री तक को करना पड़ा हस्तक्षेप

बरेली: उत्तर प्रदेश में कुछ समय पहले ही संपन्न हुए पंचायत चुनाव के दौरान कई उम्मीदवार ऐसे रहे जिन्हें अपने ही घर या बिरादरी के वोट नहीं मिले। ऐसा ही एक मामला बरेली से आया है जहां एक उम्मीदवार को अपनी ही बिरादरी के वोट नहीं मिले। उम्मीदवार इस कदर नाराज हुआ कि उसने धर्म परिवर्तन का ऐलान कर दिया। सुरेश गंगवार नाम के उम्मीदवार ने भरी पंचायत में ऐलान करते हुए किया कि बिरादरी वालों ने मेरी दावत उड़ाई लेकिन वोट नहीं दिया, अब मैं अपने समाज से ऊब गया हूं इसलिए पूरे परिवार के साथ धर्म परिवर्तन करूंगा।

मिले थे महज 46 वोट
सुरेश कुमार रेली जिले में भदपुरा ब्लॉक के गांव ठिरिया बन्नोजान में रहते हैं। पेश से किसान ने हाल ही में हुए पंचायत चुनाव के दौरान ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा था और इस दौरान अपनी हैसियत के मुताबिक खूब खर्चा भी किया था। जब नतीजे घोषित हुए तो सुरेश गंगवार को महज 46 वोट ही मिले। जिस कुर्मी बिरादरी से वो आते हैं उनका वोट भी सुरेश गंगवार को नहीं मिला, जबकि गांव में उनकी बिरादरी की ठीक-ठाक आबादी थी। इसके बाद वो बेहद खफा हो गए।

मचा दी खलबली
चुनाव में हार के बाद सुरेश गंगवार ने पंचायत के सामने अपनी बात रखकर स्थानीय थाने को लिखित में सूचना दी कि वो अपनी दो अविवाहित बेटियों और पत्नी के साथ धर्म परिवर्तन का निर्णय ले चुके हैं और परिवार की भी इसमें सहमति है। जैसे ही इस फैसले के बारे में कुर्मी बिरादरी को खबर हुई तो खलबली मच गई। इसके बाद कई लोगों ने उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन वो अपनी जिद पर अड़े रहे।

केंद्रीय मंत्री ने दिया दखल
सुरेश गंगवार के ऐलान की खबर स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार को भी हुई थी उन्होंने अपने प्रतिनिधियों को वहां भेजा और फोन पर उनसे बात की। इस दौरान उन्होंने सुरेश गंगवार को भरोसा दिया कि अगले चुनाव में उन्हें अपनी बिरादरी का साथ जरूर मिलेगा। इसके बाद ही वो माने और अपना फैसला वापस लिया। सुरेश तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन दो बार उन्हें हार मिली जबकि 2015 में लोगों ने उन्हें यह कहकर बैठवा दिया कि अगली बार आपको प्रधान बनाएंगे।

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